सरसों में गिरावट का विश्लेषण, जानिए आज के ताजे भाव
Haryana Update. किसान साथियो पिछले चार पांच दिनों में तेल तिलहन बाजार की स्थिति बिल्कुल बदल गई है। बाजार में नेगेटिव ख़बरें हावी हो गई हैं। पॉजिटिव खबरों पर बाजार सक्रिय नहीं हो पा रहा। खाद्य तेलों बाजार में भयावह मंदी का माहौल बन गया है। विदेशी बाजारों में तेज गिरावट देखने को मिल रही है।
मलेशियाई पाम तेल वायदा एक महीने के सबसे निचले स्तर पर आ चुका है। शिकागो बोर्ड ऑफ ट्रेड में भी सोयाबीन में काफी गिरावट देखने को मिल रही है।
धान और सरसों का बाजार विदेशी बाजारों में चल रही खबरों से बहुत ज्यादा प्रभावित होता है। विदेशी बाजारों में परिस्थितियां एकाएक बदल जाती है। जिनका अंदाजा लगाना मुश्किल है। विदेशों में फसलों को लेकर आए दिन अलग अलग सर्वे होते रहते हैं और इनकी रिपोर्ट पर बाजार उपर नीचे होते रहते हैं।
घरेलू बाजार का जहां तक सवाल है यहां कुछ बड़ा बदलाव नहीं हुआ है। भारत में आज भी तिलहन के उत्पादन में कोई खास बढ़ोतरी नहीं हुई है। आज भी बड़ी मात्रा में हम तेल आयात करते हैं। लेकिन सरकार जिस तरह से खाद्य तेलों पर नियंत्रण किए हुए है उससे बाजार लगातार दबाव में हैं।
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किसान साथियो क्योंकि सरसों में लगातार मंदी बनी हुई है इसलिए बाजार के जानकार इसके हज़ारों कारण गिनवा सकते हैं। अगर कल ही तेजी आ जाए तो फिर कल ही तेजी के हज़ारों कारण गिनवा देंगे। लेकिन मंडी भाव टुडे ने हमेशा कोशिश की है कि बाजार चाहे कुछ भी हो लेकिन जानकारी सही होनी चाहिए।
बाकी नफा नुकसान तो किस्मत का खेल है। खबरों के आधार पर ट्रेंड थोड़ा बहुत बता सकते हैं लेकिन ट्रेंड कभी भी बदल जाता है। इसके लिए किसी को जिम्मेदार नहीं माना जा सकता।
साथियो पाम तेल के उत्पादन का पीक सीज़न चल रहा है इसलिए इंडोनेशिया और मलेशिया पाम तेल की मांग कमजोर होने और स्टॉक बढ़ने की आशंका बढ़ रही है।
साथ ही यूक्रेन की सूरजमुखी फसल आना शुरू हो गई है। इन सब कारणों से घरेलु बाजार में खाद्य तेलों पर शुक्रवार को इस सीज़न का सबसे बड़ा दबाव दिखाई दिया।
सरसों और सोयाबीन के भाव धड़ाम हो गए। महाराष्ट्र के कीर्ति प्लांट ने सोयाबीन खरीदी का भाव 24 घंटे में लगभग 150 रुपए प्रति क्विंटल घटाया। सांय 5 बजे के आसपास यहां का भाव 5640 रुपए बोला जा रहा था देशभर की मंडियों में सोया तेल के दाम में 10 से 15 रुपए प्रति दस किलो तक की गिरावट दिखाई दी है और भाव 1225 रुपए से 1245 रुपए तक आ चुके हैं।
खाद्य तेल में गिरावट का सरसों तेल पर भी भारी असर हुआ है। जयपुर में सरसों तेल कच्ची घानी एवं एक्सपेलर की कीमतें में शुक्रवार को 33-33 रुपये की गिरावट आकर भाव क्रमशः 1305 रुपये और 1295 रुपये प्रति 10 किलो रह गए। सरसों खल की कीमतें भी 50 रुपये घटकर 2450 रुपये प्रति क्विंटल पर आ गई।
सूरजमुखी तेल में भी बड़ी गिरावट देखने को मिली है। मुंबई में यह 11 रुपए, बेलारी में 6.50 रुपए, हैदराबाद और लातूर में 5 रुपए प्रति किलो मंदा हो गया है। यूक्रेन से सूरजमुखी फसल बहाल होने तथा तेल निर्यात शुरू होने की अटकलों के बाद से यह गिरावट तेज हुई है।
बाकी तेलों में गिरावट के चलते मूंगफली तेल भी गुजरात में 1 रूपए प्रति किलो तक और बीकानेर में 1.50 रुपए प्रति किलो तक कमजोर हुआ है। मुंबई में भी सरसों तेल 5 रुपए किलो तक गिरा ।
लगातार भावों में गिरावट के कारण अधिकतर तेल कारखाने बंद है। प्लांटों द्वारा सरसों की खरीद नहीं की जा रही है। इसलिए तेल के साथ-साथ सरसों दाना में भी गिरावट बढ़ी है।
भरतपुर का बाजार 6100 से लुढ़कता हुआ दिखाई दे रहा है, जबकि जयपुर 42 प्रतिशत कंडीशन सरसों 6450 तक गिर चुका है । सरसों व्यापरियों को कुछ समझ नहीं आ रहा है।
खेत ख़ज़ाना के अनुसार भरतपुर मंडी में चर्चा है कि यहां सरसों दाना का भाव 5800 रुपए तक भी आ सकता है। साथियो सरसों में व्यापार अब आग से खेलने जैसा हो चुका है। माहौल बिगड़ने और नेगेटिव खबरों के चलते खाद्य तेलों में मंदी का यह सिलसिला और गंभीर हो सकता है। इसलिए बहुत सतर्कता के साथ व्यापार करना चाहिए।
शुक्रवार सरसों में पैनिक जैसी स्थिति दिखाई दी। अब किसानों और छोटे व्यापारी भी पैनिक सेलिंग कर रहे हैं एक तरफ तो विदेशी बाजारों से बुरे संकेत और दूसरी तरफ किसानों द्वारा बड़ी मात्रा में माल के निकालने के कारण सरसों की कीमतों में गिरावट जारी रही।
जयपुर में कंडीशन की सरसों के भाव 150 रुपये घटकर 6,450 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। उत्पादक राज्यों की मंडियों में सरसों की दैनिक आवक लगातार 2 लाख के उपर रह रही है। शुक्रवार को सरसों की आवक 2.40 लाख बोरियों पर स्थिर बनी रही।
हाजिर मंडियों में सरसों के भाव की बात करें तो देवली मंडी में सरसों का टॉप भाव ₹6050 प्रति क्विंटल, नोहर मंडी में सरसों का भाव 5300 से लेकर ₹5865 प्रति क्विंटल, रावतसर मंडी में सरसों का भाव 5900, संगरिया मंडी में सरसों का टॉप भाव ₹5864 प्रति क्विंटल तक बोला गया। गंगानगर मंडी में सरसों का भाव ₹6000 प्रति क्विंटल, गोलूवाला में सरसों का टॉप रेट कहां जा 5851, अनूपगढ़ में सरसों का भाव 5765, पीलीबंगा में सरसों का रेट 5427, रायसिंहनगर में सरसों का प्राइस 5833, सादुलशहर मंडी में सरसों का रेट 5657 और भवानी मंडी में सरसों का भाव ₹5700 प्रति क्विंटल तक बोला गया है।
हरियाणा की मंडियों की बात करें तो ऐलनाबाद मंडी में सरसों का टॉप रेट ₹5952 प्रति कुंटल आदमपुर मंडी में सरसों का प्राइस 5669 सिरसा मंडी में सरसों का भाव 5641, बरवाला मंडी में सरसों का रेट 5803 और भुना मंडी में सरसों का भाव 5300 रुपये प्रति क्विंटल तक दर्ज किया गया है।
विदेशी बाजारों की खबरों की बात करें तो चीन में कोविड - 19 के बढ़ते मामलों के कारण प्रतिबंधों का असर भी खाद्य तेलों की मांग पर पड़ने का डर बना हुआ है। शुक्रवार को बर्सा मलेशिया डेरिवेटिव्स एक्सचेंज, (BMD) पर शाम के सत्र में पाम तेल के भाव नवंबर महीने के वायदा अनुबंध में लगातार तीसरे दिन 93 रिगिंट, यानी 2.33 प्रतिशत कमजोर होकर भाव 3,901 रिगिंट प्रति टन रह गए।
हालांकि शिकागो बोर्ड ऑफ ट्रेड, सीबीओटी पर सोया तेल की कीमतें शुक्रवार को इलेक्ट्रॉनिक व्यापार में शाम के सत्र में 0.43 प्रतिशत तेज हो गई। वैश्विक स्तर पर, डालियान का सबसे सक्रिय सोया तेल वायदा अनुबंध 4 प्रतिशत तक घट गया, जबकि इसका पाम तेल वायदा अनुबंध भी 5.4 प्रतिशत कमजोर हो गया ।
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देशभर की मंडियों में शुक्रवार को सरसों की दैनिक आवक 2.40 लाख बोरियों की हुई, जबकि गुरूवार को भी आवक इतनी ही बोरियों की हुई थी। कुल आवकों में प्रमुख उत्पादक राज्य राजस्थान की मंडियों में 95 हजार बोरी, मध्य प्रदेश की , मंडियों में 25 हजार बोरी, उत्तर प्रदेश की मंडियों में 45 हजार बोरी, पंजाब एवं हरियाणा की मंडियों में 20 हजार बोरी तथा गुजरात में 10 हजार बोरी तथा अन्य राज्यों की मंडियों में 45 हजार बोरियों की आवक हुई।
हमारा किसान भाइयों और व्यापारी भाइयों से निवेदन है कि फसल बेचने और खरीदने से पहले, अपने पास की मंडी मे भाव (Anaj Mandi Rate) का पता कर ले भावों की जानकारी सार्वजानिक स्रोतों से प्राप्त की गयी है इस डाटा का उपयोग से होने वाली हानि के लिए मंडी भाव टुडे किसी भी तरह से जिम्मेदार नहीं है।