Farming Tips: एक-एक इंच इस्तेमाल कर गरीब किसान भी बन जाएंगे अमीर
Haryana Update: ये हवा हवाई बाते हैं कि या इसमें कुछ सच्चाई है, हम आपको इसी बारे में बताने जा रहे हैं. किसानों की आय दोगुनी करने और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए खेती-किसानी में नई-नई तकनीकें इस्तेमाल की जाने लगी हैं.
(Integrated Forming) इंटीग्रेटेड फॉर्मिंग भी ऐसी ही एक तकनीक है. इस तकनीक की खेती कर किसान अपनी खेती में कई गुना मुनाफा बढ़ा सकता है.
खेती में किसानों की लागत हो जाएगी कम (The cost of farmers in farming will be reduced)
किसान इस तकनीक में मुख्य फसल के साथ-साथ उसी खेत में या उसके आसपास मुर्गी पालन, मत्स्य पालन, मधुमक्खी पालन, रेशम, सब्जी-फल, मशरूम की खेती एक ही जमीन करता है. ऐसा करने से किसान किसानों की एक फसल पर निर्भरता कम हो जाती है.
इसके अलावा पशुओं के चारे और फसल के खाद के लिए किसानों को अलग से राशि नहीं खर्च करनी पड़ती है. पशुओं के लिए चारा खेत में ही पैदा हो जाता है. पशुओं का अपशिष्ट खाद बनाने के काम आ जाता है. अगर आप मछली पालन कर रहे हैं तो इसके आहार खेत और डेयरी से मिल जाते हैं.
कैसे करें इंटीग्रेटेड फार्मिंग (How to do Integrated Farming)
इंटीग्रेटेड फार्मिंग पर लगातार काम कर रहे हैं कृषि वैज्ञानिक डा दयाशंकर श्रीवास्तवा कहते हैं कि लगातार बढ़ती जनसंख्या और कम होती प्राकृतिक संसाधनों के कारण किसानों को खेती और उसके तरीके में इस्तेमाल करने की जरूरत हैं. अगर आपके पास खेती के लिए जमीनें कम हैं तो भी परेशान होने की जरूरत नहीं हैं. अपने पास मौजूद सीमित खेती की जमीन का एक-एक इंच प्रयोग कर भी आप बढ़िया मुनाफा हासिल कर सकते हैं.
पहले तैयार करें मॉडल (Prepare model first)
सबसे पहले किसानों को ये सुनिश्चित करना होगा कि उनके पास इस फार्मिंग के लिए एक मॉडल हो. उन्हें पता हो कि खेत के किस किनारे फसल लगानी है तो किस किनारे सब्जियां. किस फसल के साथ कौन सी सब्जियां विकास करेंगी. इसके अलावा मछली पालन के लिए खेत के किस हिस्से तालाब बनाना है या फिर मुर्गी पालन के लिए जगह का चुनाव कैसे करना है. ये सब जानने के लिए किसान कृषि वैज्ञानिकों से भी संपर्क कर सकता हैं.
कमा सकेंगे बंपर मुनाफा (Will be able to earn bumper profits)
दयाशंकर श्रीवास्तवा कहते हैं कि अगर आप धान की फसल लगा रहे हैं तो आप उसके किनारे-किनारे फूलों की खेती कर सकते हैं, इसके अलावा पशुओं के चारे के लिए इस्तेमाल होने वाली घास की फसल भी लगा सकते हैं. इसके अलावा खेतों के किनारे एक गड्ढ़ा खोदकर आप उसमें मछली पालन कर सकते हैं.
खेतों के आसपास ही आप सब्जियां लगा सकते हैं. इससे आपकी मुख्य फसल की लागत तो निकल आएगी, इसके अलावा मुर्गी पालन और मछली पालन समेत सब्जियों की खेती से आप बंपर मुनाफा कमा सकेंगे.