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Farming in Flood: जानिए कोनसी तकनीकें किसानों को बाढ़ग्रस्त इलाकों में दिला सकती हैं अच्छा मुनाफा

खेतों में अधिक पानी भर जाने के कारण किसान खेती अच्छे से नहीं कर पाते हैं और फिर उन्हें भारी नुकसान उठाना पड़ता है, लेकिन ऐसी स्थिति में भी किसान अपने खेत में तीन पारंपरिक और आधुनिक विधियों को अपनाकर खेतों में हरियाली फैला सकते हैं. और अच्छा लाभ प्राप्त कर सकते हैं
 
Farming in Flood: जानिए कोनसी  तकनीकें किसानों को बाढ़ग्रस्त इलाकों में दिला सकती हैं अच्छा मुनाफा 

Haryana update:आइए इन तीन बेहतरीन तकनीक के बारे में विस्तार से जानते हैं कि कैसे किसान इनका इस्तेमाल अपने खेत में कर सकते हैं.

 


सीधी बिजाई तकनीक ( Direct Sowing Method)
अगर आप भी अपने खेत में सीधी बिजाई करना चाहते हैं, तो इसके लिए आपको सबसे पहले बीजों का उपचार (remedy)करना चाहिए, जिससे फसल का अंकुरण(crop germination) बना रहे और पौधा का विकास अच्छे से हो सके. किसान भाई चाहते हैं, तो अपने खेत में फंगीसाइड या कीटनाशक दवाओं (fungicides or insecticides)का इस्तेमाल कर सकते हैं. ध्यान रहे कि खेत में धान की सीधी बिजाई बिना तकनीक (Technique)के सहायता से नहीं की जा सकती है.

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उटेरा तकनीक ( Utera technology)
इस तकनीक (Technique)का किसानों को बहुत फायदा होता है. इस विधि (process)के द्वारा खेत में बुवाई उस समय की जाती हैं, जब खेत में पहली फसल खड़ी हो और उसमें कटाई से 2 पहले फसल के बीच में बीजों को डाला जाता है, ताकि किसान जब फसल की कटाई करें, तो बीज पैरों के नीचे दबकर मिट्टी में चले जाएं. देखा जाए तो यह विधि पारंपरिक विधि (traditional method)में से एक है. इसका इस्तेमाल किसान भाई पहले के समय में सबसे अधिक करते थे.

 


बाढ़ग्रस्त खेतों के लिए खास बातें(Special features for flood affected fields)
वह किसान भाई जिनके खेत बाढ़ व भारी बारिश से प्रभावित हैं, वह खेत में दूसरी फसलों को नहीं कर पाते हैं, लेकिन वे चाहें, तो अपने खेत में रबी की फसल (Rabi crop)अपने खेत में तैयारियां कर सकते हैं. इसके अलावा वह अगले सीजन में सहफसल (co-crop)की भी अच्छे से खेती कर सकते हैं.

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खेतों में बाढ़ के पानी चले जाने से जमीन में 2 से 3 इंच नीचे तक कीचड़ अधिक जम जाती है, जिसके कारण खेत में माइक्रोब्स (Microbes in Agriculture land) की संख्या अधिक मात्रा में बढ़ जाती है और साथ ही इससे खेत की उर्वरता (Soil Health for Agriculture) भी अधिक बढ़ जाती है.

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