नियमों का उलंघन कर सरकार सीधे खरीद रही धान, जानिए पूरी खबर
Haryana Update : धान खरीद शुरू होते ही नियमों की भी धज्जियां उड़ने लगी हैं।
मंडी के बाहर समर्थन मूल्य से काफी कम कीमत पर सीधे धान खरीदा जा रहा है, जबकि नियमानुसार मंडी से आठ किलोमीटर के दायरे में सीधी खरीद नहीं की जा सकती। पूरनपुर मंडी सचिव ने इस बाबत 30 राइस मिलर्स को नोटिस भी जारी किया है।
जिले की मंडियों में धान की आवक रफ्तार पकड़ने लगी है। हालांकि सरकारी क्रय केंद्रों पर अब तक धान नहीं खरीदा गया है। रविवार को अवकाश होने के कारण क्रय केंद्र बंद रहे, लेकिन मंडियों में धान खूब पहुंचा।
Also Read This News- किसानों को जल्द मिलेगा फसल नुकसान का मुआवजा, पढ़े पूरी खबर
दूसरी तरफ किसानों को समर्थन मूल्य दिलाने के दावे किए जा रहे हैं, लेकिन हकीकत इससे बिल्कुल अलग है। मंडी एक्ट के तहत नियम है कि मंडी परिसर से आठ किलोमीटर के दायरे में सीधी खरीद नहीं होगी, लेकिन इन दिनों राइस मिलर्स मनमाने तरीके से सीधी खरीद कर रहे हैं।
पूरनपुर क्षेत्र में चल रहा है सीधी खरीद का बड़ा खेल
पीलीभीत मंडी के दो किलोमीटर दायरे में कुछ राइस मिलें हैं, जहां सीधी खरीद की जा रही है। पूरनपुर क्षेत्र में सीधी खरीद का सबसे बड़ा खेल चल रहा है।
यहां तीस राइस मिलर्स को नोटिस भी जारी हुए हैं। 2040 रुपये समर्थन मूल्य के मुकाबले 1500 से 1600 रुपये प्रति क्विंटल के दाम ही किसानों को दिए जा रहे हैं। आलम ये है कि मंडियों में कम और मिलों में कई गुना धान पहुंच रहा है।
बिना उपकरण हाथ से मापी जा रही है धान में नमी (The moisture in the paddy is being measured by hand without equipment)
धान खरीद में नमी की सबसे अहम भूमिका रहती है। सरकारी मानकों के अनुसार 17 फीसदी से ज्यादा नमी नहीं होनी चाहिए।
Also Read This News- PM Kisan: किसानों के लिए जरूरी खबर, सरकार देने जा रही इतने रुपए, जानिए कब
नमी मापने के लिए ग्रेनपो जैसे उपकरण इस्तेमाल किए जाते हैं, लेकिन मिलर्स द्वारा ऐसा नहीं किया जा रहा। उपकरण की जगह हाथ से छूकर धान में नमी का प्रतिशत बता दे रहे हैं।
सुबह 9 से शाम 5 बजे तक होगी खरीद (Purchase will be done from 9 am to 5 pm)
सरकारी खरीद की नीति अभी जारी नहीं हुई है, लेकिन शासन की तरफ से दिशा निर्दैश जारी कर दिए गए हैं।
सरकारी केंद्रों पर सुबह 9 से शाम 5 बजे तक खरीद होगी। पूर्व में जिन कर्मचारियों और ठेकदारों पर गबन के आरोप लगे हैं उनको खरीद प्रक्रिया से दूर रखा जाएगा।
वाहनों की लोकेशन ट्रेस की जाएगी। नामित एजेंसियों के माध्यम से ही खरीद होगी। जिले के लिए खरीद लक्ष्य अभी नहीं आया है।
मंडी से आठ किलोमीटर के दायरे में मिलें सीधे खरीद नहीं कर सकतीं। आढ़ती खरीद सकते हैं। मंडी एक्ट में इसका प्रावधान है। अगर ऐसा हो रहा है तो मंडी प्रशासन की जिम्मेदारी है कि वो राइस मिलर्स को नोटिस जारी करें।