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शुरू होगी MP में गेहूं की खरीद, अभी तक 15 लाख किसानों ने कराया रजिस्ट्रेशन

केंद्र सरकार ने इस बार 10 राज्यों से 341.5 लाख टन गेहूं खरीद का लक्ष्य रखा है
 
 
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मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अधिकारियों को आदेश दिया है कि प्रदेश के अंदर गेहूं की खरीद चालू होने से पहले सभी तरह की तैयारियां पूरी कर जी जाएं.

 

मध्य प्रदेश के किसानों के लिए खुशखबरी है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की सरकार ने 25 मार्च से एमएसपी पर रबी फसल की खरीद शुरू करने का फैसला किया है. सरकार ने इस वर्ष 70 लाख टन गेहूं खरीदने का लक्ष्य रखा है. वहीं, अभी तक लाखों किसानों ने गेहूं बेचने के लिए रजिस्ट्रेशन करवा लिया है. मध्य प्रदेश पंजाब के बाद दूसरा सबसे बड़ा गेहूं उत्पादक राज्य है.

 

जानकारी के मुताबिक, आधिकारिक तौर पर गेहूं की खरीद 1 अप्रैल से शुरू होगी. वहीं, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में भी न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर गेहूं की खरीद 1 अप्रैल से ही शुरू हो रही है. केंद्र सरकार ने इस बार 10 राज्यों से 341.5 लाख टन गेहूं खरीद का लक्ष्य रखा है, जो कि पिछले आरएमएस 2022-23 के दौरान 189 लाख टन गेहूं की वास्तविक खरीद से 90% अधिक है. 

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वहीं, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अधिकारियों को आदेश दिया है कि प्रदेश के अंदर गेहूं खरीद चालू होने से पहले सभी तरह की तैयारियां पूरी कर जी जाएं. किसानों को किसी प्रकार की कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए. वहीं, अधिकारियों ने कहा कि प्रदेश में इस वर्ष लगभग 15 लाख किसानों ने अभी तक पंजीयन कराया है. पिछले साल की तुलना में तीन चौथाई रजिस्ट्रेशन हो चुके हैं. करीब 20 लाख से अधिक किसानों के रजिस्ट्रेशन कराने की संभावना है.  

जानकारी के मुताबिक, उज्जैन, भोपाल, इंदौर और नर्मदापुरम संभाग में 25 मार्च से गेहूं की खरीदी शुरू होगी, जबकि शहडोल, सागर, जबलपुर, रीवा, ग्वालियर और चंबल संभाग में एक अप्रैल से खरीदी शुरू की जाएगी. इसके लिए प्रदेश में 4223 उपार्जन केंद्र बनाए गए हैं. बारदानों में लगभग 3 लाख गांठों की अनुमानित आवश्यकता के अनुसार व्यवस्था की गई है. वर्तमान में उपलब्ध बारदानों से लगभग 70 लाख मीट्रिक टन की खरीद संभव है.

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दरअसल, केंद्र सरकार इस साल अधिक से अधिक गेहूं खरीदने पर विचार कर रही है, ताकि सामाजिक कल्याण योजनाओं को पूरा करने के लिए पर्याप्त स्टॉक किया जा सके. वहीं, केंद्रीय पूल में अधिक गेहूं का स्टॉक रहेगा तो, महंगाई भी कंट्रोल में रहेगी. कीमत बढ़ने पर भारतीय खाद्य निगम (FCI) ई-नीलामी के द्वारा खुले बाजार में अधिक से अधिक गेहूं बेच सकेगा. इस साल FCI ने गेहूं और आटे के बढ़ते रेट को कंट्रोल करने के लिए खुले बाजार में 50 लाख टन गेहूं बेचा है. इससे महंगाई पर ब्रेक लगा है. 

 

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