Marriage of Dead: मौत के 30 साल बाद हुई 'दूल्हा-दुल्हन' की शादी, 'प्रेथा कल्याणम'
Haryana Update: मेरा भारत महान, यूं ही नहीं कहा जाता है। यहां, अनेकता में एकता व सांस्कृतिक विविधताओं की भरमार है। आज हम बात कर रहे हैं कर्नाटक की एक अद्भुत परंपरा की, जिसमें मृत 'दूल्हा-दुल्हन' की शादी कराई जाती है। इसके वीडियो देख आप भी हैरान रह जाएंगे।
गुरुवार को कर्नाटक के दक्षिण कन्नड़ जिले में एक मृत जोड़े की पारंपरिक तरीके से शादी कराई गई। मौत के 30 साल बाद शोभा और चंदप्पा का मंगल परिणय हुआ। आप चौंक गए होंगे ना कि ये कैसे हो सकता है? लेकिन, हम आपको विस्तार से बताएंगे कि यह कैसे संभव हुआ।
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Newlyweds entering the grooms house as couple for the first time. pic.twitter.com/23lnj4cpfh
— AnnyArun (@anny_arun) July 28, 2022
'प्रेथा कल्याणम' की अनूठी परंपरा
दरअसल, कर्नाटक और केरल के कुछ जिलों में 'प्रेथा कल्याणम' या मृत्यु के बाद शादी की रस्म या परंपरा निभाई जाती है। इसके तहत प्रसूति या जन्म के बाद मृत बच्चों के लिए यह अनुष्ठान किया जाता है। इसका मकसद मृत आत्माओं को शांति प्रदान करने की प्रार्थना करना है।
Finally the bride's family passing the responsibility of their daughter to the grooms family. Usually the most emotional part of the marriage ceremony. pic.twitter.com/giEZtOl2fa
— AnnyArun (@anny_arun) July 28, 2022
यूट्यूबर एनी अरुण ने किया खुलासा
इस अनूठी शादी को लेकर यूट्यूबर एनी अरुण ने कई ट्वीट कर पूरा खुलासा किया है। उन्होंने बताया कि वह एक अनूठी शादी में शरीक हुए। इसके दूल्हा और दुल्हन की 30 साल पहले मौत हो चुकी है। एनी अरुण के अनुसार, यह शादी भी उतनी ही औपचारिक थी, जितनी कोई अन्य परंपरागत शादी होती है। अंतर यह था कि इसमें दूल्हा-दुल्हन की जगह उनके पुतलों की शादी होती है।
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एक मायने में यह विवाह की रस्म है, जो उन जोड़ों के लिए की जाती है, जो असल जीवन में बन ही नहीं सके।
इसमें मृत बच्चों की दंपती की तरह अनौपचारिक जोड़ी बनाई जाती है। यह समझिये कि मृत बालक की शादी मृत बच्ची से उनके पुतलों के जरिए कराई जाती है। इसमें सारे रीति-रिवाज अन्य विवाह जैसे ही किए जाते हैं। बारात से लेकर फेरे तक की रस्में होती हैं।
मेहमानों को परोसे जाते हैं व्यंजन
इस अनूठी शादी में शामिल होने वालों को दावत दी जाती है। उन्हें कई तरह के व्यंजन परोसे जाते हैं। इस शादी में भी कई तरह के खास मिष्ठान्न व अन्य व्यंजन परोसे गए। कुल मिलाकर इस शादी का मकसद दिवंगत आत्मा के विवाह संस्कार की रस्म पूरी करना होता है।