UP वालों को मिला बड़ा तोहफा, 3.29 करोड़ बिजली उपभोक्ताओं को मिलेंगे1055 करोड़ रुपये
Haryana Update: उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग में पावर कारपोरेशन प्रबंधन ने औसतन 35 पैसे प्रति यूनिट बिजली की दर घटाने का प्रस्ताव भेजा है, जो ईंधन अधिभार या फ्यूल सरचार्ज के एवज में लगभग 1055 करोड़ रुपये कम खर्च करेगा। प्रस्ताव आयोग द्वारा निर्णय सुनाते ही लागू हो जाएगा। आइए इसके बारे में विस्तार से जानें।
उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग में पावर कारपोरेशन प्रबंधन ने औसतन 35 पैसे प्रति यूनिट बिजली की दर घटाने का प्रस्ताव भेजा है, जो ईंधन अधिभार या फ्यूल सरचार्ज के एवज में लगभग 1055 करोड़ रुपये कम खर्च करेगा। प्रस्ताव आयोग द्वारा निर्णय सुनाते ही लागू हो जाएगा। वैसे तो दिसंबर तक मौजूदा दरों में कमी होगी, लेकिन सरचार्ज की लागत कम रहने पर बिजली की दरें आगे भी कम हो सकती हैं।
कारपोरेशन प्रबंधन ने आयोग में वित्तीय वर्ष 2023-24 के अप्रैल, मई और जून तिमाही (Q1) के लिए विभिन्न उपभोक्ताओं की बिजली दरों में 35 पैसे प्रति यूनिट की कमी का प्रस्ताव दिया है। प्रस्ताव के अनुसार, उपभोक्ताओं की बिजली दरों में 18 पैसे प्रति यूनिट से 69 पैसे तक की कमी होगी। बिजली की दरों में कमी तीसरी तिमाही (अक्टूबर, नवंबर और दिसंबर) में ही होनी चाहिए थी, लेकिन पावर कारपोरेशन ने प्रस्ताव को 20 अक्टूबर को आयोग में भेजा था. इसलिए आयोग को निर्णय लेना होगा कि दरों में कमी पहली अक्टूबर से तीन माह के लिए करे या पहली नवंबर से 31 दिसंबर के बीच दो माह में लागू करे। उपभोक्ताओं को दरों में दो महीने की कमी से लाभ मिल सकता है।
बिजली दर 2022-23 में नहीं बढ़ सकी
कारपोरेशन प्रबंधन ने पिछले वित्तीय वर्ष 2022-23 में फ्यूल सरचार्ज के एवज में दरों में 61 पैसे प्रति यूनिट तक बढ़ोत्तरी का प्रस्ताव प्रस्तुत किया था, लेकिन यह लागू नहीं हो सका। उससे पहले भी प्रबंधन ने 2022-23 की पहली तिमाही (Q-1) में बिजली की लागत 35 पैसे प्रति यूनिट, Q-2 में 12 पैसे और Q-3 में 57 पैसे प्रति यूनिट बढ़ाने का प्रस्ताव आयोग में प्रस्तुत किया था। आयोग ने प्रबंधन द्वारा निर्धारित समय में प्रस्ताव नहीं भेजे जाने के बावजूद भी फ्यूल सरचार्ज के एवज में बिजली की लागत बढ़ाने को मंजूरी नहीं दी। अब ट्रू-अप के वक्त इसे देखेंगे, प्रबंधन कहते हैं।
उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने बुधवार को आयोग के अध्यक्ष अरविंद कुमार और सदस्य संजय कुमार सिंह से मुलाकात की और प्रस्ताव पर तत्काल कार्रवाई की मांग की ताकि उपभोक्ताओं को तीन महीने तक महंगी बिजली से राहत मिल सके। वर्मा ने कहा कि केंद्र ने अब मासिक फ्यूल सरचार्ज को स्वतः लागू करने का प्रावधान किया है, लेकिन राज्य सरकार ने अभी इसे लागू नहीं किया है। वर्मा का कहना है कि बिजली कंपनियों पर उपभोक्ताओं का लगभग 33,122 करोड़ रुपये का अतिरिक्त व्यय है, इसलिए आगे भी पेट्रोल सरचार्ज के एवज में बिजली की दरें नहीं बढ़ाई जा सकतीं। बिजली की लागत कम हो सकती है।
अनमीटर्ड उपभोक्ताओं को हर महीने 50 रुपये से अधिक बचेंगे
फ्यूल सरचार्ज से किसानों के अलावा ग्रामीण क्षेत्र के अज्ञात घरेलू उपभोक्ताओं को लाभ होगा। 500 रुपये प्रति महीने देने वाले ग्रामीण घरेलू अनमीटर्ड उपभोक्ताओं को प्रति किलोवाट 50.90 रुपये कम मिलेंगे, जबकि किसानों को 48.43 रुपये प्रति हार्स पावर लाभ मिलेगा।
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फ्यूल सरचार्ज से विद्युत दरों में अनुमानित कमी
उपभोक्ता श्रेणी के अनुसार प्रस्तावित कमी (प्रति यूनिट): घरेलू बीपीएल लोगों के लिए 18 पैसे, घरेलू सामान्य लोगों के लिए 26 से 34 पैसे, कामर्शियल लोगों के लिए 34 से 48 पैसे, किसानों के लिए 13 से 30 पैसे, गैर-औद्योगिक बल्कलोड के लिए 46 से 69 पैसे, भारी उधोग के लिए 33 से 38 पैसे।