Big Breaking : 10 लाख का इनामी आतंकी सिद्धू खड़ी कर रहा खालिस्तानी आतंकियों की फौज
जांच में अब यमुनानगर के ऐसे युवाओं की भी जांच होगी जो सालों से हैं गायब
Haryana Breaking News : अब तक की जांच-पड़ताल में यह तो स्पष्ट हो चुका है कि, कोरोना के बाद पीलीभीत में आठ महीने तक सिद्धू जाकर ठहरा था और वहां के गांव मथना जपती के कई युवाओं को रुपए देकर विदेश जाने के लिए प्रोत्साहित कर रहा था।
जांच एजेंसी की जांच अब इस एंगल पर भी घूम गई है कि कहीं सिद्धू ने यमुनानगर के तो कुछ युवाओं को मोटी कमाई का लालच देकर अपने साथ खालिस्तानी आतंकी तो नहीं बना लिया है। देश की खुफिया एजेंसियों की नजर यमुनानगर के खारवन में भी लगी हुई है।
एनआईए द्वारा 10 लाख का घोषित इनामी आतंकवादी कुलबीर सिंह उर्फ सिद्धू वर्तमान में कहां छिपा है कोई नहीं जानता है। पिछले सप्ताह पीलीभीत में मारे गए पुलिस एनकाउंटर में मारे गए तीन खालिस्तानी आतंकवादियों को वहां के होटल हरजी में रुकवाने की व्यवस्था सिद्धू ने ही की थी।
उसने इसके लिए बाकायदा तीनों आतंकियों का फर्जी आधार कार्ड भी बनवा कर पीलीभीत के ही अपने परिचित जसपाल उर्फ सनी को भेजा था। जसपाल के पकड़ने के जाने के बाद ही पता चला कि कोरोना काल के दौरान सिद्धू पीलीभीत में थाना गजरौला के गांव मथना जपती पहुंचा था।
यहां पर जसपाल की मदद से ही वह छह से आठ महीने तक रूका और वहां के युवाओं को विदेश जाने के लिए खूब प्रोत्साहित करता रहा था। सभी को एक ही बात कहता था कि विदेश जाने के बाद मोटी कमाई भी होगी, जिसकी पूरी जिम्मेदारी उसी की होगी।
यह तथ्य सामने आने के बाद अब खुफिया एजेंसियों का भी माथा ठनक गया है, उनका मानना है कि विदेश जाकर सेट होना व ज्यादा पैसा कमाने की शौक यूपी से ज्यादा यहां हरियाणा-पंजाब में है, कहीं ऐसा तो नहीं सिद्धू यमुनानगर के भी युवाओं को बहका कर विदेश बुलाने के बहाने खालिस्तानी ग्रुप से जोड़ दिया हो...।
माना जा रहा है कि एजेंसियां गोपनीय ढंग से अब इसकी भी जांच करेगी कि यमुनानगर से हाल-फिलहाल में कितने युवा बाहर गए हैं और किसके माध्यम से गए।