logo

Breaking News : Noida को मात देगा ये शहर, सरकार ने नया प्रोजेक्ट किया तैयार

हाल ही में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, गाजियाबाद, एनसीआर, जल्द ही स्मार्ट सिटी घोषित होगा। नगर निगम इसके लिए पांच योजनाओं पर काम कर रहा है..। इस अपडेट के बारे में अधिक जानकारी के लिए खबर को पूरा पढ़ें। 

 
Breaking News : Noida को मात देगा ये शहर, सरकार ने नया प्रोजेक्ट किया तैयार 

आने वाले दिनों में गाजियाबाद को एनसीआर की स्मार्ट सिटी का दर्जा मिलेगा। इसके लिए नगर निगम पांच संयुक्त योजनाओं पर काम कर रहा है। निजी कैमरों की सुरक्षा के लिए टेंडर हटाया गया है।


आईटीएमएस शहर में जाम नहीं करेगा। कामकाजी महिलाओं का घर बनेगा। अगले महीने मल्टीलेवल पार्किंग शुरू होगा। शहर में राज्य स्मार्ट सिटी के तहत कई योजनाओं पर काम शुरू होना चाहिए। फिलहाल, नगर निगम ने राज्य स्मार्ट सिटी कार्यक्रम के अंतर्गत पांच योजनाओं का कार्यान्वयन शुरू कर दिया है।

1. जाम से छुटकारा मिलेगा-

जाम से पीड़ित लोगों को राहत देने के लिए इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनजमेंट सिस्टम (ITS) योजना पर काम शुरू होना चाहिए। इस योजना पर सत्तर दो करोड़ रुपये खर्च होंगे। 21 करोड़ रुपये इसके लिए खर्च किए गए।

UP Scheme : यूपी के गाँव गाँव में दी जाएगी इलेक्ट्रिक बसो की सर्विस, लोगो में बना खुशी का माहोल
2. कैमरे नियंत्रण कक्ष से जुड़ेंगे—

शहर को सीसीटीवी कैमरों से निरीक्षण किया जाएगा। डेढ़ हजार कैमरे कंट्रोल रूम से जुड़ेंगे। पुलिसकर्मी यहां से निगरानी करेंगे। निगम मुख्यालय में नियंत्रण कक्ष बनाया जाएगा। इस योजना को लागू करने का टेंडर छोड़ दिया गया है।

3. बहुस्तरीय पार्किंग से राहत मिलेगी-

नए बस अड्डे के पास मल्टीलेवल पार्किंग का निर्माण तेजी से चल रहा है। पार्किंग पांच मंजिला है। इस स्थान पर 519 वाहन खड़े हो सकते हैं। इसमें 196 चार पहिया वाहन और 223 दोपहिया वाहन खड़े किए जाएंगे। पार्किंग बनाने में लगभग ४० करोड़ रुपये खर्च हो रहे हैं। लोगों को इससे राहत मिलेगी।

4. जल्द ही हॉस्टल शुरू होगा-

कम्पनी कामकाजी महिलाओं के लिए घर बनाएगा। नंदग्राम के पास चार हजार वर्ग मीटर की जमीन है। पिछले दिनों शासन ने एक हॉस्टल बनाने का आदेश दिया था। यहाँ सभी सुविधाएं मिल जाएंगी। दो महीने में छात्रावास बनाने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।

5. कार्कस प्लांट दिखाई देगा:

मुर्दा मवेशियों के लिए निगम एक कार्कस प्लांट बनाएगा। इसके डीपीआर को मंजूर कर लिया गया है। इसमें अधिकतम छह करोड़ रुपये खर्च होंगे। प्लांट लगने के बाद मुर्दा मवेशी को निकाल दिया जा सकता है। मुर्दा मवेशी आजकल हर जगह फेंक दिए जाते हैं। 

click here to join our whatsapp group