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Bullet Train : भारत में लगने जा रहा है सबसे बड़ा बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट, जानिए कब तक हो जाएगा तैयार

देश में बुलेट ट्रेन का प्रोजेक्ट बहुत तेज़ी से आगे बढ़ रहा है और विभाग (National High Speed Rail Corporation Limited) द्वारा दी गई नवीनतम जानकारी से पता चलता है कि इस बुलेट ट्रेन में बहुत कुछ खास होने वाला है, जिसमें कई सुविधाएं जोड़ी जा रही हैं जिससे लोगों को और यात्रियों को कोई परेशानी नहीं होगी. आइये अधिक जानते हैं इस प्रोजेक्ट के बारे में। 

 
Bullet Train : भारत में लगने जा रहा है सबसे बड़ा बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट, जानिए कब तक हो जाएगा तैयार 

India की पहली बुलेट ट्रेन, नोज, 15 मीटर लंबी होगी। ऐसा दिखाने के लिए नहीं, बल्कि सुरंग से निकलते वक्त उसके ट्रैक पर होने वाले शोर को कम करने के लिए होगा। शोर को कम करने के लिए ट्रैक पर नॉइज बैरियर भी लगाए जाएंगे। नैशनल हाई स्पीड रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड (NHSRCL) के अधिकारियों ने बताया कि जापान की शिनकानसेन ई-5 सीरीज की बुलेट ट्रेन भारत में पहली होगी। 15 मीटर लंबी नोज के पीछे कई कारण हैं। 320 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रैक पर दौड़ते समय उसके शोर को कम करना इसमें सबसे महत्वपूर्ण है।


बुलेट ट्रेन जापान में भी चली थी, तो उसका शोर बहुत अधिक था। इस तरह की तकनीक के बाद कई अन्य तकनीकों ने शोर को बहुत कम कर दिया। इसलिए भारत की पहली बुलेट ट्रेन भी 15 मीटर लंबी होगी। इसके बाद, ट्रेन चलाते वक्त कई अन्य तकनीकी सिस्टम लागू होंगे, जो पायलट को मदद करेंगे।

लोगों को परेशानी नहीं होगी

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अधिकारियों ने कहा कि भारत में मुंबई से गुजरात के साबरमती के बीच चलने वाली बुलेट ट्रेन के ट्रैक के दोनों ओर जरूरत के मुताबिक नॉइज बैरियर लगाए जाएंगे. ऐसा किया जाएगा ताकि बुलेट ट्रेन के चलने से होने वाले शोर से लोगों को कोई परेशानी न हो। बुलेट ट्रेन के शरीर और फर्श भी इस तरह से बनाए जाएंगे। ट्रेन के अंदर बैठने वालों को इससे बाहर का शोर सुनाई नहीं देता। अधिकारियों का कहना है कि यह ट्रेन जापान में चलने वाली बुलेट ट्रेन की तरह होगी, लेकिन भारतीय मौसम और परिवेश के लिए कुछ सुविधाएं जोड़ दी जाएंगी।

क्या कारण है कि इसे अहम माना जाता है?
भारत में चलने वाली इस बुलेट ट्रेन की यात्रा एक बहुत ही शानदार अनुभव होगा। सरकार भी इस अनुभव को बेहतर बनाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। बुलेट ट्रेन चलाने के लिए यहां दुनिया का सर्वश्रेष्ठ अभ्यास अपनाया जा रहा है। ट्रेन में सफर करने वालों को लगता ही नहीं कि वे 320 km/h की रफ्तार से चलने वाली बुलेट ट्रेन में सफर कर रहे हैं। ट्रेन बहुत अच्छा होगा। इससे ट्रेन में बैठे लोग हाई स्पीड नहीं समझ सकेंगे।

ट्रेन के कोच दो स्किन वाले होंगे। ट्रेन में बैठे यात्रियों को इससे परेशान नहीं होना चाहिए। Expert कहते हैं कि इसका मतलब भी नहीं होगा कि बुलेट ट्रेन चलने पर बाहर लोगों को शोर से परेशानी होगी। ट्रेन चलते समय बाहर भी बहुत शोर नहीं होगा।


 

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