Chanakya Niti : शादी से पहले इन स्त्रियॉं को जरूर परख लें, वरना बाद में रोना पड़ेगा
Chanakya Niti : आचार्य चाणक्य को भारत के सबसे बड़े विद्वानों में गिना जाता है। इनकी नीति लोगों के जीवन को आसान बनाने में काफी काम आती है, लाइफ पार्टनर चुनने में भी चाणक्य नीति मदद करती है, आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि किस चीजों को देखना चाहिए जब आप अपने जीवनसाथी को चुनते हैं।
Updated: Feb 9, 2024, 19:58 IST
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Haryana Update : चाणक्य ने कहा कि जीवन पार्टनर चुनने से पहले कुछ विशेष बातों को देखना चाहिए। शादी से पहले अपने प्रेमी के बारे में इन बातों को जानना आपके विवाहित जीवन को बेहतर बनाता है।
चाणक्य सिद्धान्त
वरयेत् कुलजां प्राज्ञो विरूपामपि कन्यकाम्॥ विवाह न नीचस्य रूपशीलां: सदृशे कुले। - इस श्लोक में चाणक्य ने धर्म, धैर्य, संस्कार, संतोष, क्रोध और मधुर वाणी पर चर्चा की।
धर्म: शादी करने से पहले अपने पार्टनर से पता लगाना चाहिए कि वह धार्मिक कार्यों को महत्व देता है या नहीं, क्योंकि धार्मिक व्यक्ति अपनी मर्यादा को कभी नहीं भूलता और परिवार को समर्पित रहता है।
Chanakya Niti : ऐसी महिलाओं से मर्दो को रहना चाहिए कोसो दूर, नहीं तो...
संयम— चाणक्य कहते हैं कि धैर्य और संयम से परिवार सुरक्षित रहता है। विपरीत परिस्थितियों में डटकर परिवार की ढाल बनता है। विवाह से पहले अपने प्रेमी को धैर्य से देखें।
गुस्सा: शादी से पहले पार्टनर की क्रोध को जानना चाहिए। क्रोध रिश्तों को तोड़ता है। जब कोई गुस्सा होता है, वह सही और गलत का अंतर भूल जाता है। नाराज़ व्यक्ति अपने जीवनसाथी पर गुस्सा व्यक्त करता है, चाहे वह सही हो। जो पार्टनर को गंभीर चोट लग सकती है।
मधुर वाणी: वाणी व्यक्ति के रिश्ते बनाती है और बिगाड़ती है। पति-पत्नी के प्यार से ही शादी में खुशी बनी रहती है। जीवनसाथी की कटु बातें दाम्पत्य जीवन को खराब करती हैं
संस्कारी: एक संस्कारी व्यक्ति शादी के बाद पति या पत्नी के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा रहता है, इसलिए बाहरी सुंदरता की बजाय उसके गुणों पर ध्यान दें। संस्कारवान होने से कई पीढ़ियां बच जाती हैं।
चाणक्य सिद्धान्त
वरयेत् कुलजां प्राज्ञो विरूपामपि कन्यकाम्॥ विवाह न नीचस्य रूपशीलां: सदृशे कुले। - इस श्लोक में चाणक्य ने धर्म, धैर्य, संस्कार, संतोष, क्रोध और मधुर वाणी पर चर्चा की।
धर्म: शादी करने से पहले अपने पार्टनर से पता लगाना चाहिए कि वह धार्मिक कार्यों को महत्व देता है या नहीं, क्योंकि धार्मिक व्यक्ति अपनी मर्यादा को कभी नहीं भूलता और परिवार को समर्पित रहता है।
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संयम— चाणक्य कहते हैं कि धैर्य और संयम से परिवार सुरक्षित रहता है। विपरीत परिस्थितियों में डटकर परिवार की ढाल बनता है। विवाह से पहले अपने प्रेमी को धैर्य से देखें।
गुस्सा: शादी से पहले पार्टनर की क्रोध को जानना चाहिए। क्रोध रिश्तों को तोड़ता है। जब कोई गुस्सा होता है, वह सही और गलत का अंतर भूल जाता है। नाराज़ व्यक्ति अपने जीवनसाथी पर गुस्सा व्यक्त करता है, चाहे वह सही हो। जो पार्टनर को गंभीर चोट लग सकती है।
मधुर वाणी: वाणी व्यक्ति के रिश्ते बनाती है और बिगाड़ती है। पति-पत्नी के प्यार से ही शादी में खुशी बनी रहती है। जीवनसाथी की कटु बातें दाम्पत्य जीवन को खराब करती हैं
संस्कारी: एक संस्कारी व्यक्ति शादी के बाद पति या पत्नी के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा रहता है, इसलिए बाहरी सुंदरता की बजाय उसके गुणों पर ध्यान दें। संस्कारवान होने से कई पीढ़ियां बच जाती हैं।