Changed School Time Table: बढ़ती ठंड को देखते हुए बदला स्कूलों का Time Table, जानिए अब कितने बजे खुलेंगे School
Changed School Time Table: आपको बता दें, की सरकारी सहायता प्राप्त और मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों के सभी विद्यार्थी अपने-अपने स्कूलों में नए समय सारणी के अनुसार कक्षा में होंगे, जानिए पूरी डिटेल।
Haryana Update, Changed School Time Table: आपकी जानकारी के लिए बता दें, की Delhi-NCR में इस समय भारी ठंड है। लोगों की सुबह घने कोहरे के साथ हो रही है, और दिन भर चलने वाली शीतलहर ने उनके काम में भी बाधा डाली है। लोग ठंड से बचने के लिए बाहर अलाव जल रहे हैं, और अंदर रजाई और हीटर जल रहे हैं।
दिल्ली की ठंड स्कूलों पर भी प्रभाव डाल रही है। दिल्ली सरकार के शिक्षा विभाग (DOE) ने इसे देखते हुए सभी स्कूलों में बदलाव किया है। नए आदेश के अनुसार, स्कूल अब सुबह 9 बजे से पहले और शाम 5 बजे से बाद नहीं खुलेंगे। यह भी दोपहर की पाली में चलने वाले स्कूलों पर लागू होगा। अगला निर्देश आने तक नया समय टेबल लागू रहेगा।
स्कूलों को शिक्षा विभाग से नया आदेश
दिल्ली सरकार के शिक्षा निदेशालय ने भीषण ठंड के चलते स्कूली बच्चों को राहत दी है। 15 जनवरी, यानी सोमवार से सभी छात्रों को निर्देशानुसार जारी नए समय-सारणी के अनुसार स्कूल में पहुंचना होगा। विद्यालय के उप शिक्षा निदेशक (स्कूल) डॉ. अनीता वत्स ने नोटिस जारी किया कि 15 जनवरी, 1924 (सोमवार) से सभी सरकारी, सरकारी सहायता प्राप्त और मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों के सभी विद्यार्थी अपने-अपने स्कूलों में नए समय सारणी के अनुसार कक्षा में होंगे। नर्सरी, केजी और प्राथमिक कक्षाएं भी इसमें शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि दोपहर की पाली वाले स्कूलों को छोड़कर, कोई भी स्कूल सुबह 9 बजे से पहले नहीं खुलेगा और कक्षाएं शाम 5 बजे तक खुलेंगी। यही समय टेबल अगले आदेश तक लागू रहेगा।
सब शिक्षकों और गैर-शिक्षक कर्मचारियों को उपस्थित होना होगा
अनीता वत्स ने कहा कि सभी शिक्षक और गैर-शिक्षक कर्मचारी अपनी नियमित ड्यूटी पूरी करेंगे। प्रिंसिपल को सभी विद्यार्थियों, अभिभावकों और कर्मचारियों को एसएमएस, फोन कॉल, एसएमसी और अन्य उपयुक्त संचार माध्यमों के माध्यम से सूचित करना होगा।
दिल्ली सेंट्रल स्कूल दो शिफ्ट में चलता है। इस आदेश के बाद स्कूलों को शाम 5 बजे बंद करना होगा, हालांकि दूसरी शिफ्ट का समय शाम 7 बजे समाप्त होता है। इस तरह की समय सारिणी पहले भी चर्चा में थी, लेकिन अब इसे सख्त रूप से लागू करने की मांग की गई हैं।