मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने दी एक और खुशियों की सौगात! हरियाणा में जमीनों के बंटवारे के विवाद खत्म करने के लिए बनाई एक नई योजना, मिलेगा ये लाभ
Haryana Update News Desk: हरियाणा में पारिवारिक जमीनों के बंटवारे के विवाद खत्म करने के लिए हरियाणा सरकार जल्द ही नया कानून लेकर आ रही है। इससे वर्षों तक अदालतों में जमीनों के बंटवारे के लंबित मामलों का निपटारा हो सकेगा। इसके अलावा, राज्य में लगभग 100 गांव ऐसे हैं, जिनकी चकबंदी नहीं हुई है। इसके लिए भी एक वैज्ञानिक तरीके से चकबंदी करवाने की योजना तैयार की जा रही है।
इतनी संख्या में केस अदालतों में लंबित
यह जानकारी प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने दी। वह सोमवार रात को चंडीगढ़ में एक कार्यक्रम में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि इस समय हजारों की संख्या में केस अदालतों में लंबित हैं और पारिवारिक जमीनों के बंटवारे नहीं हो पा रहे हैं। इस समस्या के निपटारे के लिए हरियाणा सरकार ने नया कानून बनाने का फैसला लिया है। यह कार्य अंतिम चरण में है।
बिजनेस की तर्ज पर ईज ऑफ लिविंग की दिशा
मुख्यमंत्री ने कहा कि लोगों के जीवन को कैसे सुखी किया जाए, इसके लिए ईज ऑफ डूइंग बिजनेस की तर्ज पर ईज ऑफ लिविंग की दिशा में आगे बढ़ने की आवश्यकता है। लोग कितने खुश हैं, इसके लिए भी पैरामीटर बनाने होंगे। भूटान देश, जहां हैपीनेस इंडेक्स को मापा जाता है, उसी तर्ज पर यह प्रयोग हरियाणा में भी करके दिखाएंगे।
सरकार ने जिले में विकास को दिया बढ़ावा
मनोहर लाल ने कहा कि गुरुग्राम की तर्ज पर प्रदेश के अन्य जिलों को भी औद्योगिक व आर्थिक रूप से विकसित करने पर बल दिया जा रहा है। पंचकूला जिला भी एक सेंट्रल लोकेशन पर है। चंडीगढ़ एयरपोर्ट का फायदा भी मिलता है। इसलिए सरकार ने जिले में विकास को बढ़ावा देने के लिए डेवलपर को आकर्षित करने के लिए ईडीसी /एडीसी की दरें कम की हैं। अब डेवलपर निवेश कर रहे हैं और जल्द ही पंचकूला भी एक आर्थिक राजधानी के रूप में उभरेगा।
बेरोजगारी और सरकार पर कर्ज के आंकड़ों पर विपक्ष
प्रदेश में बेरोजगारी और सरकार पर कर्ज के आंकड़ों पर विपक्ष पर निशाना साधते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि विपक्ष का गणित बहुत कमजोर है। बेरोजगारी के लिए वे क्योंकि उनकी मनचाही पत्रिका सीएमआईई को पढ़ते हैं, जिसके आंकड़े सही नहीं हैं। इसी प्रकार, कर्ज को लेकर भी विपक्ष को हिसाब-किताब कैसे समझाया जाए, क्योंकि वो अपने समय का कर्ज का आंकड़ा यदि सही कर लेंगे तो उन्हें जवाब मिल जाएगा। आज प्रदेश पर 2 लाख 53 हजार करोड़ का कर्ज है जो तय सीमा के अंदर है।