पुरूषों के बराबर काम करने के बाद भी आखिर क्यों है महिलाओ की सैलरी कम?
महिलाओ की सैलरी पुरुषो से कम: समाज में महिलाएं पुरुषों के समान योगदान दे रही हैं। चाहे बात घर की जिम्मेदारियों की हो या फिर काम में हाथ बंटाने की। इसके बावजूद अपने काम के साथ घर के कामों और देखभाल की जिम्मेदारी निभाने में महिलाएं ज्यादा समय बिताती हैं। वहीं, पुरुष काम और आराम दोनों में अधिक समय बिताते हैं। (महिलाओ की सैलरी पुरुषो से कम)प्यू रिसर्च में यह बात सामने आई हैं।
29% जोड़ों में दोनों जीवनसाथी लगभग एक ही राशि कमाते हैं। 55% विवाहों में पति अपनी पत्नी से ज्यादा कमाते हैं।(महिलाओ की सैलरी पुरुषो से कम) 16% जोड़ों में पत्नी अपने पति से ज्यादा कमाई करती हैं।
49 फीसदी लोगों का कहना है कि महिलाएं काम और घर दोनों को समान रूप से महत्व देती हैं।
35 फीसदी लोगों का कहना है कि पुरुष समान रूप से घर और काम दोनों को महत्व देते हैं।
31 फीसदी लोग मानते हैं कि महिलाएं काम पर ज्यादा फोकस्ड होती हैं
1970 से 2022 तक ऐसे बदला ट्रेंड
1970 में 85% पति ही कमाने वाले थे। पत्नी महज 6% ही थीं।(महिलाओ की सैलरी पुरुषो से कम)
1990 में 55% पति ज्यादा कमाते थे। 16% महिलाएं ही कमाती थीं
29% जोड़ों में दोनों जीवनसाथी लगभग एक ही राशि कमाते हैं।
2022 अब 31% महिलाएं कमाती हैं, 49% पति(महिलाओ की सैलरी पुरुषो से कम)
बीते दो दशक में 55 साल की सिर्फ वे ही महिलाएं कमाई करती थीं जिनकी कोई संतान नहीं होती थी।
77% अमेरिकी मानते हैं वे बच्चे बेहतर होते हैं जिनके माता-पिता दोनों कमाते हैं।(महिलाओ की सैलरी पुरुषो से कम)
19% ही मानते हैं कि पिता कमातेे हैं तो बच्चे बेहतर स्थिति में होते हैं। मां देखभाल पर ध्यान देती है।
हर पांच में एक ग्रेजुएट पत्नी कमाती हैं(महिलाओ की सैलरी पुरुषो से कम)
स्नातक की डिग्री वाली 5 में से एक पत्नियां (19%) कमाने वाली होती हैं। 11% ऐसी पत्नियां जो स्कूल पूरा कर पाती हैं वे भी कमाती हैं।(महिलाओ की सैलरी पुरुषो से कम) हालांकि 72% पत्नियों की शादी कमाने वाले पति से हुई है।