हरियाणा में किसान हो रहे है गुस्से से आग बबूला! पहले फसलों पर हुई मौसम की मार,अब मंडियों में बारिश ने भिगाया गेहूं और सरसों
Haryana Farmers News: अनाज मंडियों में गेहूं और सरसों का धीमा उठान किसानों व आढ़तियों पर भारी पड़ने लगा है। दो दिन से विभिन्न स्थानों पर हो रही बूंदाबांदी और बारिश से खुले में पड़ा लाखों टन अनाज भीग गया। धीमे उठान की शिकायतों पर एक्शन लेते हुए प्रदेश सरकार ने उठान में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं। साथ ही खरीद एजेंसियों के अधिकारियों को किसी भी तरह की लापरवाही पर सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी है।
अनाज मंडियों में सोमवार शाम तक 60 लाख टन गेहूं पहुंच चुका था जिसमें से 58 लाख 50 हजार टन गेहूं की खरीद सरकारी एजेंसियों ने की है। इसमें से 40 प्रतिशत गेहूं का उठान नहीं हो पाया है। इसी तरह मंडियों में चार लाख 43 हजार टन सरसों मंडियों में पहुंचा है जिसमें से चार लाख 10 हजार टन की खरीद हुई है।
हरियाणा उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने दिए निर्देश
धीमे उठान की लगातार मिल रही शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि गेहूं और सरसों की खरीद के तुरंत बाद इसे गोदामों में पहुंचाना सुनश्चित करें। अगर अनाज खराब होता है तो जिम्मेदार अफसरों के वेतन से कटौती कर इसकी भरपाई की जाएगी।
मार्च-अप्रैल में हुई बेमौसमी बारिश और ओलावृष्टि से जहां करीब 17 लाख एकड़ में खेतों में खड़ी फसलों को नुकसान की शिकायतें मिली थी, वहीं अब खराब मौसम से मंडियों में गेहूं-सरसों के भीगकर खराब होने का खतरा मंडराने लगा है।
रविवार और सोमवार को सिरसा, फतेहाबाद, हिसार, भिवानी, महेंद्रगढ़, झज्जर, गुरुग्राम, रोहतक, करनाल, कुरुक्षेत्र, अंबाला, यमुनानगर, पंचकूला, कैथल, जींद और पानीपत जिलों में हल्की बारिश में फसलें भीगने की सूचना है। मौसम विभाग ने पूरे सप्ताह हल्की बारिश होने की संभावना जताई है। इससे किसानों के चेहरों पर चिंता की लकीरें हैं।
जानबूझकर गेहूं और सरसों को उठाने में की जा रही है देरी
व्यापार मंडल के प्रांतीय अध्यक्ष व कान्फेड के पूर्व चेयरमैन बजरंग गर्ग ने आरोप लगाया है कि सरकारी अधिकारी और ठेकेदार जानबूझकर गेहूं व सरसों के उठान में देरी कर रहे हैं, ताकि कुछ फायदा उठाया जा सके।
उठान में देरी से न केवल किसानों को फसल का भुगतान में देरी हो रही है, बल्कि गेहूं व सरसों बार-बार गीला होने के कारण खराब भी हो रहे हैं। अधिकारियों की जिम्मेदारी तय कर फसलों को हुए नुकसान की भरपाई उनसे करनी चाहिए।
उन्होंने दावा किया कि कई जिलों में 16 अप्रैल के बाद खरीदे गेहूं का किसानों को अब तक भुगतान नहीं हुआ है। जब तक गेहूं सरकारी गोदाम में नहीं पहुंच जाता, तब तक किसानों को भुगतान नहीं किया जाता।