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खुशखबरी! हरियाणा में कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक अतीश कुमार शर्मा ने कहा गेंहू का एक-एक टुटा दाना भी खरीदेगी सरकार

इस बार मार्च माह के प्रथम सप्ताह में ही भावों ने रिकार्ड उछाला मारकर 3050 रुपए प्रति क्विंटल के भावों को छू लिया था।जानिये पूरी अपडेट...
 
खुशखबरी! हरियाणा में कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक अतीश कुमार शर्मा ने कहा गेंहू का एक-एक टुटा दाना भी खरीदेगी सरकार
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Wheat Price : गेंहू खरीदने में सरकार नहीं ले रही रुकने के नाम , खराब और टूटे – फूटे गेहूं को भी खरीदेगी सरकार कृषि उपज मंडी की झोली अन्न से करीब ढेड़ माह में भर गई। इस दौरान मंडी में 27 लाख कट्टे गेहूं की आवक हुई हैं। वहीं खुले बाजार में रिकार्ड स्तर के भाव रहने से किसानों को समर्थन मूल्य से काफी अधिक लाभ मिल रहा हैं।

यह है रकबा व उत्पादन
जिले में कुल एक लाख 22 हजार 800 हैक्टेयर में गेहूं की बुवाई की गई थी। इसमें करीब 6 लाख मीट्रिक टन गेहूं उत्पादन हुआ है। कृषि विभाग विस्तार के संयुक्त निदेशक अतीश कुमार शर्मा ने बताया कि मंडियों में अभी महज 25 से 30 फीसदी गेहूं की ही आवक हुई हैं। अभी गेहूं की आवक मई व जून माह तक रहेगी। हालांकि बाद के महीनों में आवक काफी कम हो जाती है। कृषि उपज मंडी में नए गेहूं की आवक मार्च माह से शुरु हुई। मार्च माह में जहां करीब 11 लाख कट्टो की आवक हुई। वहीं अप्रेल माह में यह बढ़कर 16 लाख से कट्टों से अधिक रही। जबकि मंडी में रविवार समेत अन्य कारणों से अवकाश भी रहा है।

भावों में रहा रिकॉर्ड उछाल

गत वर्षों की तुलना में पीक सीजन में गेहूं के भावों में भारी उछाल रहा। गेहूं के व्यापारी विमल बंसल ने बताया कि ऑफ सीजन में तो दिसम्बर जनवरी में गेहूं के भावों में तेज रहती ही है। लेकिन इस बार मार्च माह के प्रथम सप्ताह में ही भावों ने रिकार्ड उछाला मारकर 3050 रुपए प्रति क्विंटल के भावों को छू लिया था। हालाकि दौ सौ से तीन सौ रुपए की तेजी मंदी बनी रही। वहीं एवरेज माल 24 सौ रुपए से 25 रुपए तक बना हुआ है।

मध्यप्रदेश से भी आता है गेहूं
बारां कृषि उपज मंडी में जिले समेत निकटवर्ती मध्यप्रदेश की सीमा से सटे गांवों व कस्बों से भी गेहूं की अच्छी आवक होती है। क वर्ग व्यापार संघ के अध्यक्ष मनीष लश्करी ने बताया कि एमपी के श्योपुर, बड़ौदा मकड़ावदा समेत मध्यप्रदेश के कई गांवों से गेहूं की अच्छी आवक होती है। यहां मंडी में अच्छे भाव मिलने तथा नकद भुगतान के चलते किसान माल बेचने आते है।

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