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Haryana News : ''इंसानियत आज भी ज़िंदा है" हरियाणा के इस युवक ने साबित की ये बात

स्थायित्व और अच्छाई भी समय के साथ समाप्त होती जाती है। लूटपाट, चोरी-चकारी और हिंसा आम हैं। लोगों में एक दूसरे पर भरोसा बढ़ता जा रहा है। लेकिन ऐसा नहीं है कि सभी लोग समान हैं इंसानियत अभी भी कहीं-कहीं जीवित है।
 
Haryana News : ''इंसानियत आज भी ज़िंदा है" हरियाणा के इस युवक ने साबित की ये बात 

 नारनौंद के खांडा मोड पर सड़क पर एक दुकानदार को पर्स गिरा हुआ मिलता है। बाद में वह दुकानदार पर्स दुकान मालिक को देता है। दुकान मालिक ने पर्स में रखे दस्तावेजों को देखकर फोन नंबर पर कॉल किया। दुकान मालिक ने फोन पर पर्स की जानकारी दी और उसे ले जाने को कहा। भकलाना का रहने वाला सोनू कावड़ लेने जा रहा था, लेकिन बीच में उसका मोबाइल फोन खराब हो गया। अपने फोन को ठीक करवाने के लिए वह नारनौंद में मोबाइल स्टोर में गया था। फोन ठीक होने के बाद वह दुकानदार को पैसे देने के लिए अपना पर्स निकालने लगा, लेकिन पर्स उसके जेब में नहीं था। तभी फोन आता है और पूछता है कि क्या आपका पर्स खो गया है। सोनू अपनी प्रतिक्रिया में हां कहता है। उसने फिर सोनू को दुकान का पता बताया और उसे पर्स ले जाने को कहा। दुकान मालिक ने उसे 20 हजार रुपये का पर्स वापस दिया।

हंस:- आजकल चारों ओर लूटपाट और चोरी-चकारी की घटनाएं होती रहती हैं। ऐसी घटनाओं को देखते हुए किसी पर भी विश्वास नहीं करना मुमकिन है। लेकिन ऐसा भी नहीं है कि सभी लोग एक जैसे होते हैं; कुछ लोगों को सभी लोगों पर विश्वास होता है। आज, कुछ लोग अपनी ईमानदारी का परिचय नहीं देते। नारनौंद के खांडा मोड पर एक दुकानदार ने ईमानदारी का उदाहरण दिया।


डॉक्यूमेंट पर लिखे नंबरों से सहायता लेने जा रहा गांव भाकलाना निवासी सोनू कावड़ नारनौंद में खांडा मोड़ पर गिर गया। वह पर्स खांडा मोड़ पर एक दुकान पर काम करने वाले कुलदीप से मिले। उसने दुकान मालिक को यह पर्स थमा दिया। तब दुकान मालिक ने पर्स में रखे पत्र निकालकर उसमें छपे नंबरों पर फोन करके पर्स मालिक को बताया। दुकान मालिक के पास आकर सोनू ने अपना पर्स वापस लिया।

दुकानदार सतीश कुमार ने बताया कि कुलदीप नाम का युवक उसकी दुकान में काम करता है और उसने इस पर्स को दुकान के सामने पड़ा हुआ देखा था, जिसमें लगभग 20,000 रुपये की नकदी थी। उसने आकर मुझे यह पर्स थमा दिया। पर्स में करीब २०००० रुपये की नकदी और कुछ दस्तावेज थे। दस्तावेजों में छपे नंबरों पर फोन मिलाकर उनके मालिक को पर्स की जानकारी दी। डॉक्यूमेंट की सहायता से ही वह अपने पर्स मालिक से संपर्क कर सका और उसे उसका पर्स लौटा सका।


भकलाना निवासी सोनू खर्ब ने फोन करके बताया कि वह हरिद्वार से कावड़ लेने गया था। वह नारनौद शहर में आया था जब उसका फोन खराब हो गया। नारनौंद में ही उसका पर्स गिर गया था। फोन ठीक करने के बाद वह जेब से पैसे निकालने लगा, लेकिन पर्स नहीं था। तब एक दुकानदार ने उसे फोन किया और कहा कि आपका सामान खो गया है, नारनौंद के खांडा मोड़ पर आकर ले जाए। दुकान मालिक ने मुझे मेरा पर्स वापस दिया, जिसमें दो हजार रुपये थे।


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