Income Tax : अब इससे ज्यादा कैश होने पर भी लगेगा टैक्स, IT ने लागू किए नए नियम
Income Tax Warning : इनकम टैक्स विभाग ने आम लोगों के लिए नकद लेनदेन के नियमों पर भी कड़े कानुन बनाए हैं. अब लिमिट से अधिक कैश में ट्रांजेक्शन करने पर इनकम टैक्स को नोटिस मिलेगा, जिसकी पूरी जानकारी इस खबर में दी जाएगी।
Haryana Update : अगर आप ज्यादातर कैश में ही डील करते हैं, तो अब आप सावधान हो जाएंगे। आप इनकम टैक्स डिपार्टमेंट से देखे जा सकते हैं। अब विभाग कैश डील करने वालों को विशिष्ट तरीके से सूचित करता है। विभाग आपके बड़े कैश डील पर नजर रखता है। अगर आप ऐसा करते हैं, तो आपको ये खबर एक बार पढ़नी चाहिए। इसके लिए क्या नियम बनाए गए हैं?
नियमों को कठोर किया
आयकर विभाग ने बैंकों, म्यूचुअल फंड हाउसों, ब्रोकर प्लेटफॉर्मों, संपत्ति और अन्य क्षेत्रों में नकद निवेश पर सख्ती दी है। उन्हें आयकर विभाग को सूचित करना होगा अगर आप बहुत सारे पैसे जमा करते हैं। हम कुछ ऐसे ट्रांजेक्शन बताने जा रहे हैं। जो कभी-कभी आपके लिए महत्वपूर्ण चुनौती पैदा कर सकते हैं।
10 लाख रुपये का नकद हस्तांतरण
यदि आप किसी शेयर, म्यूचुअल फंड, डिबेंचर या बॉन्ड में धन रखते हैं, तो आप एक वित्त वर्ष में 10 लाख रुपये तक ही धन रख सकते हैं। अगर आप इसमें पैसा लगाते हैं, तो बहुत अधिक कैश नहीं ले जाओ। अगर आप ऐसा करते रहते हैं, तो विभाग आपको नोटिस भेज सकता है।
10 लाख रुपये का एफडी निवेश
आयकर विभाग आपसे 10 लाख रुपये या उससे अधिक को साल में एक बार या एक से अधिक बार एफडी में जमा करने की जानकारी मांग सकता है। एफडी में अधिकतर पैसे ऑनलाइन या चेक के जरिए जमा करें अगर यह संभव है।
10 लाख रुपये खातों में जमा
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एक वित्त वर्ष में किसी व्यक्ति ने 10 लाख रुपये या उससे अधिक की नकदी एक खाते में या एक से अधिक खातों में जमा की है। इसलिए आयकर विभाग धन की जानकारी चाहता है। चालू खातों में 50 लाख रुपये से अधिक नहीं हो सकते।
क्रेडिट कार्ड से बिल भरने पर
अगर आप कैश में क्रेडिट कार्ड का बिल जमा करते हैं। आयकर विभाग आपसे जानकारी ले सकता है अगर आप एक बार में 1 लाख रुपये से अधिक कैश क्रेडिट कार्ड के बिल के तौर पर जमा करते हैं। यदि आप एक वित्त वर्ष में 10 लाख रुपये से अधिक के क्रेडिट कार्ड बिल का भुगतान कैश में करते हैं, तो आपसे पैसे का स्रोत पूछा जा सकता है।
प्रॉपर्टी खरीदने या बेचने पर
आयकर विभाग की रिपोर्ट प्रॉपर्टी रजिस्ट्रार के पास जाती है अगर आप बहुत सारे पैसे कैश में देते हैं। यदि आप 30 लाख रुपये से अधिक की संपत्ति खरीदते या बेचते हैं, तो संपत्ति रजिस्ट्रार आयकर विभाग को जानकारी देता है।