logo

Income Tax Rules : 10 लाख से भी ज्यादा है इनकम, तो भी नहीं लगेगा टैक्स, बस करें ये काम

Income tax News : अगर आप भी एक कंपनी से अच्छी सैलरी लेते हैं तो आपको उस सैलरी पर भारी टैक्स देना पड़ता है, लेकिन अब आपको इस टैक्स से बच सकते हैं. जानिए डीटेल में 
 
Income Tax Rules : 10 लाख से भी ज्यादा है इनकम, तो भी नहीं लगेगा टैक्स, बस करें ये काम 

Haryana Update : अगर आपकी सालाना आय 12 लाख रूपए है तो आपको 30 प्रतिशत टैक्स देना पड़ता है, लेकिन CA की कैलकुलेशन के अनुसार अब आपको 12 लाख रूपए तक की सैलरी पर कोई टैक्स नहीं देना क्या यह उपाय है, विस्तार से जानें 

अगर आप भी सैलरीड कलॉस हैं, तो आपकी कंपनी ने निवेश संबंधी दस्तावेज मांगे होंगे। दरअसल, हर कंपनी दिसंबर से फरवरी के बीच कर्मचारियों से नियुक्ति से संबंधित विवरण मांगती है। डॉक् यूमेंट ही कंपनी को फाइनेंशीय वर्ष के लिए इनकम टैक्स कैलकुलेशन देता है। यदि आपकी सैलरी पर कर लगता है, तो कंपनी इसे काट लेती है। आयकर विभाग ही आईटीआर फाइल करने के बाद इनकम टैक्स की अंतरिम कैलकुलेशन करता है। फाइनेंशीय वर्ष में, इनकम टैक्स विभाग या तो आपको टैक्स रिफंड देता है या आपकी कमाई से टैक्स काट लेता है।

कम इनकम टैक्स कैसे दें?

हर नौकरीपेशा का सवाल रहता है कि कम से कम इनकम टैक्स कैसे दें या आयकर से कैसे बचें? अगर आपने ऑल टैक्स रजिस्ट्रेशन किया है, तो आपका यह सवाल अवश्य होगा। आयकर अधिनियम की धारा 87A के तहत 12,500 रुपये की टैक्स छूट मिलती है। ओल्ड टैक्स रिजिम में निवेश करने के कई विकल्प हैं। आपको एक रुपये भी टैक्स नहीं देना होगा अगर आपकी सैलरी 12 लाख रुपये भी है।

टैक्स बचाने के लिए योजना बनाना महत्वपूर्ण है
जैसा कि चार्टेड अकाउंटेंट आशीष मिश्र बताते हैं, इनकम टैक्स बचाने के लिए आपको बचत की सही योजना बनानी चाहिए। आप किसी भी एक्सपर्ट से सलाह ले सकते हैं। यदि आपको कंपनी ने टैक्स काट लिया है, तो आप आईटीआर फाइल करके पैसे वापस पा सकते हैं। 12 लाख सैलरी पर आप ओलड टैकस रिजिम के तहत 30 % टैकस से बच सकते हैं। यह बेहतर होगा कि आप इस सैलरी पर अलग टैक्स योजना बनाएं। देखें पूरा कैलकुलेशन..।

भारत के पास टोटल कितना है सोना, फटाफट जान लें काम की बातें

ये एक पूरी गणित है। कोई भी कंपनी अपने कर्मचारियों को दो तरह से वेतन देती है। दो भाग हैं: पहला पार्ट-A और दूसरा पार्ट-B। इसे पार्ट-1 और पार्ट-2 भी कहते हैं। 12 लाख रुपये की सैलरी पर तीन लाख रुपये अक्सर भाग-B या भाग-2 में रखे जाते हैं। आपकी टैकसेबल इनकम इस तरह घटकर 9 लाख रुपये रह जाती है।

2। आप पहले मंत्रालय से मिलने वाले 50000 रुपये को स्टैंडर्ड डिडक्शन के रूप में कम कर दें। इन्हें कम करने से आपकी टैकसेबल इनकम 8.50 लाख रुपये रह गई।

3. इनकम टैक्स सेक्शन 80C के तहत 1.5 लाख रुपये तक की बचत कर सकते हैं। इसमें ट्यूशन फी, एलाईसी (LIC), पीपीएफ (PPF), म्युचुअल फंड (ELSS), ईपीएफ (EPF) या होमलोन का प्रिंसिपल अमाउंट शामिल हो सकता है। इससे टैक्स सेबल आय 7 लाख रुपये रह गई।

4. इनकम टैक्स सेक्शन 24B के तहत घरेलू ऋण पर दो लाख रुपये की छूट मिलती है। अब इसे कम करने पर टैक्सेबल आय 5 लाख रुपये रह गई। पांच लाख रुपये की आय पर 12,500 रुपये की कर लगती है। लेकिन इसमें आयकर विभाग सेक्शन 87A के तहत छूट है।

टैक्स बचाने के और भी लाभ: 80CCD (1B) के तहत एनपीएस (NPS) में 50 हजार रुपये का निवेश करना होगा अगर आपकी सैलरी अधिक है। इसके अलावा, आप माता-पिता और बच्चे-पत्नी के हेल्थ इंश्योरेंस का प्रीमियम क्लेम सेक्शन 80D में कर सकते हैं। बच्चे और पत्नी को 25 हजार रुपये का प्रीमियम मिल सकता है। आप माता-पिता के लिए अलग  से 24  हजार रुपये दे सकते हैं। यदि आपके माता-पिता सीनियर सिटीजन हैं तो वे 50000 रुपये प्रीमियम दे सकते हैं।

click here to join our whatsapp group