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Income Tax : 2024 में ये लोग हुए टैक्स फ्री, अब नहीं देना पड़ेगा टैक्स, जानिए नए Rules

Income Tax Saving : फाइनेंशियल साल पर टैक्स बचाने के लिए कुछ टैक्स डिडक्शन हैं, जिसमें आप निवेश, कमाई और दूसरे पैसे पर टैक्स छूट पा सकते हैं। खास बात यह है कि 8 लाख रुपये तक की सैलरी वाले व्यक्ति पूरा टैक्स बच सकते हैं।आइए इसके बारे में विस्तार से जानें।

 
Income Tax : 2024 में ये लोग हुए टैक्स फ्री, अब नहीं देना पड़ेगा टैक्स, जानिए नए Rules 

Haryana Update : इनकम टैक्स बचाने के लिए अब महज कुछ महीने बचे हैं। इन्वेस्टमेंट प्रूफ इन दिनों दाखिल किए जा रहे हैं। इन्वेस्टमेंट से टैक्स बचाने का भी लक्ष्य है। लेकिन आप अभी तक टैक्स बचाने के लिए कुछ नहीं किया है, तो अभी भी समय है। फाइनेंशियल साल पर टैक्स बचाने के लिए कुछ टैक्स डिडक्शन हैं, जिसमें आप निवेश, कमाई और दूसरे पैसे पर टैक्स छूट पा सकते हैं। खास बात यह है कि 8 लाख रुपये तक की सैलरी वाले व्यक्ति पूरा टैक्स बच सकते हैं। आइए देखते हैं कि कैसे..।

निवेश LIC, EPF, PPF और पेंशन स्कीमों में

सेक्शन 80C इनकम टैक्स सेविंग्स के लिए सबसे आसान और सर्वोत्तम उपाय है। इसमें विभिन्न टैक्स छूट मिलती हैं। आप LIC पॉलिसी का प्रीमियम मांग सकते हैं। आप प्रोविडेंट फंड (EPF), PPF, बच्चों की ट्यूशन फीस, नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट (NSC) और होम लोन के प्रिंसिपल पर 80 सी के तहत टैक्स छूट पा सकते हैं। 1.5 लाख रुपये की सीमा है। LIC या किसी और बीमा कंपनी का पेंशन प्लान खरीदने पर सेक्शन 80CCC में टैक्स छूट मिल सकती है। केंद्र सरकार की पेंशन योजना में वित्तपोषण किया गया है, तो इसका दावा कर सकते हैं, जैसा कि सेक्शन 80 CCD (1) में बताया गया है। इन सभी को मिलाकर टैक्स छूट 1.5 लाख रुपए से अधिक नहीं हो सकती। 

Home Loan से टैक्स बचाएं

घरेलू ऋण प्रिंसिपल पर सेक्शन 80C के तहत टैक्स छूट मिल सकती है। लेकिन यह 1.5 लाख से अधिक नहीं हो सकता। इसलिए, अगर आपने 80C में बाकी कोई डिडक्शन क्लेम (पहले प्वाइंट के सभी प्लान) किया है, तो आपको याद रखना चाहिए कि ये सभी 1.50 लाख रुपए तक ही हो सकते हैं। 

घर के ऋण का ब्याज बचाएगा टैक्स

होम लोन प्रिंसिपल के अलावा ब्याज पर भी टैक्स छूट मिलती है। इनकम टैक्स अधिनियम के अनुच्छेद 24(b) के तहत आप इस छूट को प्राप्त कर सकते हैं। 2 लाख रुपए तक का ब्याज टैक्स छूट के दायरे में आता है। टैक्स छूट केवल तब मिलेगी जब संपत्ति स्वयं-occupied हो।

NPS निवेश

केंद्र सरकार की पेंशन स्कीम (NPS) में निवेश करते हैं तो सेक्शन 80CCD (1B) के तहत 50,000 रुपए की अतिरिक्त छूट मिलती है। सेक्शन 80C में दी गई 1.5 लाख रुपए की टैक्स छूट से यह छुट्टी अलग है। केंद्र सरकार की पेंशन स्कीम में कर्मचारियों का योगदान भी सेक्शन 80CCD2 के तहत मांगा जा सकता है। इसके दो मापदंड हैं। पहले, नियोक्ता पब्लिक सेक्टर यूनिट (PSU), राज्य सरकार या कोई और हो सकता है। इसमें उत्पादन की सीमा का 10% शामिल है। यदि सरकारी नियोक्ता होता तो उत्पादन की सीमा 14% होती।

 स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम

यदि आपने स्वास्थ्य बीमा लिया है, तो सेक्शन 80D में प्रीमियम क्लेम कर सकते हैं। आप 25,000 रुपए तक का प्रीमियम पा सकते हैं अगर आपने खुद, अपने पार्टनर, बच्चों और माता-पिता के लिए हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी ली है। इस मामले में माता-पिता दोनों की उम्र 60 वर्ष से कम होनी चाहिए। टैक्स छूट की सीमा 50,000 रुपए है अगर आपके माता-पिता सीनियर सिटिजन हैं। इसमें 5000 रुपये का हेल्थ चेकअप भी मिलता है। हालाँकि, डिडक्शन स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम से अधिक नहीं हो सकता।'

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विकलांग आश्रितों का इलाज

विकलांग आश्रितों के इलाज या उनके रखरखाव का भुगतान किया जा सकता है। आप एक साल में 75,000 रुपये तक का दावा कर सकते हैं। 1.25 लाख रुपए का टैक्स डिडक्शन मेडिकल खर्चों पर क्लेम किया जा सकता है अगर आश्रित व्यक्ति की अपंगता 80% या इससे अधिक है।

 मेडिकल उपचार के खर्च पर टैक्स छूट

Income Tax Section 80DD 1B के तहत खुद या किसी आश्रित की विशिष्ट बीमारी के इलाज के लिए भुगतान किए गए 40,000 रुपये तक की कटौती का दावा किया जा सकता है। ये सीमा एक लाख रुपये है अगर व्यक्ति सीनियर सिटिजन है।

शिक्षण लोन ब्याज पर टैक्स छूट

ब्याज पर टैक्स कटौती का अनलिमिटेड बेनेफिट मिलता है। लोन का भुगतान उसी वर्ष से शुरू होता है, जिस वर्ष टैक्स का भुगतान शुरू होता है। अगले सात वर्षों तक इसका लाभ मिलता है। आप 8 साल तक टैक्स छूट पा सकते हैं। दो बच्चों के स्कूल लोन पर टैक्स छूट मिलती है। यदि आपने दो बच्चों के लिए 10% ब्याज दर पर 25 से 25 लाख रुपए का लोन लिया है, तो आपको कुल 50 लाख रुपए पर प्रति वर्ष 5 लाख रुपए का ब्याज देना होगा। पूरी राशि को टैक्स से छूट मिलेगी।

इलेक्ट्रिक व्हीकल्स के लोन पर छूट

अगर आपने एक इलेक्ट्रिक कार खरीदने के लिए लोन लिया है, तो ब्याज पर 1.5 लाख रुपए तक टैक्स छूट मिलती है, जो इनकम टैक्स के सेक्शन 80EEB के तहत मिलता है।

घर के किराये का भुगतान


अगर HRA आपकी सैलरी में शामिल नहीं है, तो आप सेक्शन 80GG में घर किराया भुगतान का दावा कर सकते हैं। हां, अगर आपकी कंपनी HRA देती है तो 80GG से कम घर रेंट नहीं मिलेगा।
 

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