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Breaking News : Umesh Pal अपहरण केस में प्रयागराज की MP-MLA कोर्ट का थोड़ी देर में फैसला

उमेश पाल नहीं माना तो 28 फरवरी, 2006 को उसका अपहरण करा लिया। उसे रात भर मारा गया। बिजली के शॉक दिए गए। मनमाफिक गवाही देने के लिए टार्चर किया गया। इस मामले में 17 मार्च को कोर्ट में बहस हो चुकी है।
 
Breaking News : Umesh Pal अपहरण केस में प्रयागराज की MP-MLA कोर्ट थोड़ी देर में फैसला

.कोर्ट के बाहर कुछ लोग जूतों की माला लेकर पहुंचे थे. इनका कहना था कि अतीक ने बहुत लोगों को तंग किया है. अब हम उसे जूतों की माला पहनाना चाहते हैं.
अतीक की बैन में पर्दे लगे थे. करीब 50 से ज्यादा जवान सुरक्षा दे रहे थे. दोपहर 12:16 बजे कोर्ट पहुंचा.

सुरक्षा के लिहाज से सुबह 11.34 बजे पहली वैन जेल से खाली रवाना की गई. सुबह 11.48 बजे दूसरी वैन में फरहान, तीसरी में अशरफ और चौथी अतीक को लेकर निकली.
जेल और कोर्ट के मुख्य गेट के आसपास सुरक्षा बढ़ा दी गई है. जेल में कैदियों से आज मुलाकात बंद है.

अतीक के वकील दया शंकर मिश्रा ने कहा कि फैसले के बाद आगे की रणनीति तय होगी. हमें हाईकोर्ट में अपील करने का अधिकार है.
Umesh Pal का परिवार कोर्ट नहीं आया. सुरक्षा के मद्देनजर पत्नी जया पाल और मां के अलावा भाई, रिश्तेदार कोर्ट में मौजूद नहीं हैं. परिवार को डर सता रहा.

HaryanaUpdate : 17 साल पुराने Umesh Pal अपहरण केस में प्रयागराज की MP-MLA कोर्ट थोड़ी देर में फैसला सुना सकती है. नैनी सेंट्रल जेल से अतीक को बंद वैन में कोर्ट लाया गया.
कोर्ट तक 10 किमी की दूरी 28 मिनट में तय हुई. वैन में CCTV कैमरे लगाए गए हैं. ACP करछना अजीत सिंह चौहान ने बताया कि कोर्ट 12:30 बजे सुनवाई करेगा.

Umesh Pal अपहरण केस में बाहुबली अतीक अहमद, उसका भाई अशरफ समेत 11 लोग आरोपी थे, इसमें एक की मौत हो चुकी है. अतीक को सोमवार शाम को अहमदाबाद की साबरमती जेल से और उसके भाई अशरफ को बरेली जेल से प्रयागराज लाया गया था. दोनों को नैनी सेंट्रल जेल में हाई सिक्योरिटी बैरक में रखा गया.

फैसले से पहले अतीक को सुप्रीम कोर्ट से झटका, सुरक्षा की मांग की थी
इस बीच, Umesh Pal मर्डर केस में सुप्रीम कोर्ट ने अतीक अहमद की सुरक्षा देने की अपील खारिज कर दी है. अतीक ने याचिका में कहा था कि जब तक वो उत्तर प्रदेश पुलिस की कस्टडी में है, उसे सुरक्षा दी जाए. अतीक ने कहा था कि वह UP की जेल में शिफ्ट नहीं होना चाहता. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने अतीक के वकील से कहा कि अपनी शिकायत लेकर हाईकोर्ट जाइए.

 

अतीक गैंग पर 100 से ज्यादा केस, आज पहले केस में सजा मिल सकती है

अतीक अहमद का 20 साल से ज्यादा वक्त तक प्रयागराज समेत आसपास के 8 जिलों में वर्चस्व रहा है। यूपी पुलिस के डोजियर के अनुसार, अतीक के गैंग IS- 227 के खिलाफ 101 मुकदमे दर्ज हैं। अभी कोर्ट में 50 मामले चल रहे हैं। इनमें NSA, गैंगस्टर और गुंडा एक्ट के मुकदमे भी हैं। अतीक पर पहला मुकदमा 1979 में दर्ज हुआ था।

सबसे पहले उमेश पाल अपहरण केस...

1. अतीक अहमद और उमेश पाल के बीच दुश्मनी 18 साल पुरानी है। शुरुआत 25 जनवरी, 2005 में बसपा विधायक राजू पाल के मर्डर के साथ हुई थी। उमेश, राजू पाल मर्डर केस का चश्मदीद गवाह था। अतीक अहमद ने उमेश को कई बार फोन कर बयान न देने और केस से हटने को कहा था। ऐसा न करने पर जान से मारने की धमकी दी।

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2. उमेश पाल नहीं माना तो 28 फरवरी, 2006 को उसका अपहरण करा लिया। उसे रात भर मारा गया। बिजली के शॉक दिए गए। मनमाफिक गवाही देने के लिए टार्चर किया गया। इस मामले में 17 मार्च को कोर्ट में बहस हो चुकी है।

3. 1 मार्च, 2006 को उमेश पाल ने अतीक के पक्ष में गवाही दी। उस समय सपा की सरकार थी। उमेश अपनी और परिवार की जान की रक्षा के लिए सालभर चुप रहा। 2007 में विधानसभा चुनाव हुए और सपा को करारी हार का सामना करना पड़ा। मायावती की नेतृत्व वाली बसपा की पूर्ण बहुमत से सरकार बनी।

4. राजू पाल की हत्या के चलते अतीक के खिलाफ मायावती ने कार्रवाई की। चकिया स्थित उसका दफ्तर तुड़वा दिया। उमेश पाल को लखनऊ बुलवाया और हिम्मत दी। उमेश पाल ने एक साल बाद 5 जुलाई, 2007 में अतीक अहमद उसके भाई अशरफ समेत 10 के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई।

5. 32 दिन पहले प्रयागराज में 24 फरवरी को उमेश पाल और उनकी सुरक्षा में तैनात 2 पुलिस गनर की बदमाशों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। इस हत्याकांड को 44 सेकेंड में अंजाम दिया था।

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