Noida: यहाँ धड़ल्ले से कट रही अवैध कालोनियाँ
Noida News: नोएडा में अवैध कॉलोनियां धड़ल्ले से काटी जा रही हैं। बीते कुछ सालों में, लगभग एक दर्जन गांवों में कई अवैध कॉलोनियां बनाई गई हैं। आज भी कई जगह प्लॉटिंग हो रही है।
Haryana Update, New Delhi: नोएडा प्राधिकरण की अधिसूचित जमीन होने के बावजूद, भूमाफिया बेखौफ होकर अवैध कॉलोनियां काट रहे हैं। खेल चलने के बावजूद नोएडा प्रशासन के अधिकारी चुप हैं। प्राधिकरण का कार्य सिर्फ घोषणा करने तक सीमित रहता है।
हिंडन के डूब क्षेत्र में जमकर प्लॉटिंग हो रही है, साथ ही गांवों और क्षेत्रों के बीच जमीन भी। एफएनजी और हिंडन के बीच स्थित इस जमीन पर भी निर्माण तेजी से चल रहे हैं। नदी की तलहटी के आसपास भी भूमाफिया प्लॉट काट रहे हैं। खास बात यह है कि जुलाई महीने में आई बाढ़ में नदी के आसपास का बहुत सा क्षेत्र डूब गया था और कई घरों में पानी घुस गया था। उस समय प्राधिकरण और जिला प्रशासन के अधिकारियों ने कहा था कि अतिक्रमण बाढ़ समाप्त होते ही हट जाएगा। बाढ़ समाप्त होने के लगभग छह महीने हो चुके हैं, लेकिन अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।
निबंधन विभाग के आईजी एसबी वर्मा ने कहा कि अगर किसान जिला प्रशासन के रिकॉर्ड में संबंधित खसरे की जमीन का मालिक है तो विभाग रजिस्ट्री पर कोई रोक नहीं लगा सकता। अगर प्राधिकरण के नाम पर जमीन है जो उसके पास नहीं है डूब क्षेत्र में एनओसी के बाद ही कोई कार्रवाई की जाती है।
कॉलोनी काटने वालों को नेताओं की शह बताया जाता है कि कुछ नेताओं का शहर में कॉलोनी काटने वालों पर हाथ है। बीते समय में प्राधिकरण ने कार्रवाई करने की कोशिश की तो इन नेताओं ने इस पर ब्रेक लगा दिया, सूत्रों ने बताया।
प्राधिकरण ने विज्ञापन जारी करके लोगों को आगाह किया कि वे अवैध रूप से काटी जा रही कॉलोनियों में भूखंड नहीं खरीदेंगे, जिससे प्राधिकरण ने खानापूर्ति की। नोएडा प्राधिकरण के वर्क सर्किल-10 ने समाचार पत्र में एक विज्ञापन में कहा कि सेक्टर-145, 146, 147, 148, 148A, 149, 149A, 150, 151, 152, 153, 154, 155, 156, 157, 158, 159, 160, 161, 162, 162A और इन सेक्टरों से जुड़े गांवों में कुछ अज्ञात व्यक्तियों द्वारा प्लॉटिंग की जा रही है. इन गांवों और उनके साथ स्थित नोएडा प्राधिकरण की अधिसूचित जमीन प्राधिकरण के नियमों के विपरीत, आम लोगों को यह जमीन बेची जा रही है। ऐसे में लोगों को चेतावनी दी जाती है कि जमीन खरीदने से पहले प्राधिकरण द्वारा जारी सत्यापित प्रपत्रों का परीक्षण करें।