PM Modi ने 'सेंटर-स्टेट साइंस कान्क्लेव' का किया उद्घाटन, साथ ही बोली ये बात, जानिए
Haryana Update. देश में नवाचार और उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए अपनी तरह का यह पहला कान्क्लेव केंद्र-राज्य समन्वय और सहयोग तंत्र को मजबूत करेगा।
जय जवान-जय किसान के साथ अब जय विज्ञान भी...
पीएम ने कहा कि जब ज्ञान और विज्ञान से हमारा मेल होता है तब संसार की सभी संकटों से मुक्ति का रास्ता अपने आप खुल जाता है।
उन्होंने कहा कि समाधान और नवाचार का आधार विज्ञान ही है। इसी प्रेरणा से आज का नया भारत, जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान के साथ ही जय अनुसंधान का आह्वान करते हुए आगे बढ़ रहा है।
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एक राज्य को दूसरे से सीखने की नसीहत
प्रधानमंत्री ने कार्यक्रम में कहा कि इस अमृत काल में भारत को अनुसंधान और नवाचार का वैश्विक केंद्र बनाना है। उन्होंने कहा कि राज्यों को अन्य राज्यों से सर्वोत्तम प्रथाओं को अपनाना चाहिए, चाहे वो विज्ञान संबंधी हो या कुछ और।
यह देश में विज्ञान आधारित विकास कार्यक्रमों का समय पर और प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित करने की दिशा में एक कदम होगा।
पश्चिम से पीछे नहीं है भारत
पीएम ने आगे कहा कि पश्चिम में आइन्सटाइन, फेरमी, मैक्स प्लांक, नील्स बोर, टेस्ला जैसे वैज्ञानिक अपने प्रयोगों से दुनिया को चौंका रहे थे।
उसी दौर में भारत के सी वी रमन, जगदीश चंद्र बोस, सत्येंद्रनाथ बोस, मेघनाद साहा, एस चंद्रशेखर समेत कई वैज्ञानिक अपनी नई-नई खोज सामने ला रहे थे।
इसलिए खास है यह सम्मेलन
यह सम्मेलन इसलिए खास है क्योंकि इसका उद्देश्य सहकारी संघवाद के उत्साह से केंद्र और राज्य के बीच समन्वय और सहयोग तंत्र मजबूत करना है।
यह कान्क्लेव पूरे देश में विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार (एसटीआई) के एक सशक्त इको-सिस्टम का निर्माण करेगा। इस दो दिवसीय कान्क्लेव का आयोजन अहमदाबाद के साइंस सिटी में किया जा रहा है।
Addressing the Centre-State Science Conclave. https://t.co/Go0yE7vI8n
— Narendra Modi (@narendramodi) September 10, 2022
सम्मेलन में इन विषयों पर होगी चर्चा
इस सम्मेलन में एसटीआई विजन 2047 और राज्यों में एसटीआई के लिए भविष्य के विकास के रास्ते और विजन रखा जाएगा।
स्वास्थ्य- सभी के लिए डिजिटल स्वास्थ्य देखभाल और 2030 तक अनुसंधान एवं विकास में निजी क्षेत्र के निवेश को दोगुना करना।
कृषि- किसानों की आय में सुधार के लिए तकनीकी हस्तक्षेप।
जल- पीने योग्य पेयजल के उत्पादन के लिए नवाचार।
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ऊर्जा- हाइड्रोजन मिशन में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी की भूमिका सहित सभी के लिए स्वच्छ ऊर्जा।
डीप ओशन मिशन और तटीय राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के साथ-साथ देश की भविष्य की अर्थव्यवस्था के लिए इसकी प्रासंगिकता।
गुजरात के मुख्यमंत्री समेत यह लोग हुए शामिल
इस कान्क्लेव में गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्रभाई पटेल, केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (एस एंड टी), विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री और राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के सचिव, उद्योग जगत के लोग, उद्यमी, गैर सरकारी संगठन के लोग, युवा वैज्ञानिक और छात्र शामिल हुए।