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RBI News : बढ़ती हुई महंगाई को देखकर RBI गवर्नर ने किया बड़ा ऐलान, जानिए RBI Guideliness

मौजूदा देश में पॉलिसी रेट या रेपो रेट 6.50 फीसदी है और एनालिस्ट जो स्पष्ट रूप से कर रहे हैं उनका कहना है कि इस बार भी रेपो रेट में बदलाव होने की संभावना कम ही नजर आ रही है। यानी आरबीआई लगातार चौथी बार रेपो रेट को स्थिर रख सकता है।

 
RBI News : बढ़ती हुई महंगाई को देखकर RBI गवर्नर ने किया बड़ा ऐलान, जानिए RBI Guideliness 

आज से शुरू हो रही है आरबीआई एमपीसी की बैठकआज से शुरू हो रही है आरबीआई एमपीसी की बैठक

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की स्मारक नीति समीक्षा बैठक (MPC मीटिंग) आज से शुरू हो रही है। सेंट्रल बैंक के तय समूह से ऊपर बनी बैंच दर (मुद्रास्फीति दर), पोर्टफोलियो समूह सहित अन्य कई शेयरों पर मंथन होगा और बैठक में शामिल शेयरों का ऐलान 6 अक्टूबर को किया जाएगा। इससे पिछली बैठक में आरबीआई ने नीतिगत प्रतिशत (रेपो रेट) यथावत रखा था। ये बैठक गवर्नर गवर्नर शक्तिकांत दास (शक्तिकांत दास) की नियुक्ति में हो रही है।

लोन ईएमआई पर लोगों की नजर
आरबीआई एमपीसी की बैठक में लोन लेने वाले ग्राहकों की सबसे ज्यादा दिलचस्पी इस बात पर है, क्योंकि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया द्वारा महंगाई दर कम करने के लिए रिजर्व बैंक रेट में बदलाव का सीधा असर उनकी ईएमआई पर पड़ता है। यदि रेपो रेट में फ्रैक्चर होता है, तो फिर उनकी जेब का लोड बढ़ जाता है। हालाँकि, इस बार लिया गया फैसला 6 अक्टूबर को ही सामने आ जाएगा। लेकिन उम्मीद की जा रही है कि ईस्टर्न एमपीसी मीटिंग की तरह ही इस बार भी रिजर्व बैंक रिजर्वेशन रेट को स्थिर बनाए रखने का फैसला हो सकता है।


आरबीआई के कार्यालय से बाहर है
देश में लड़ाई की बात करें तो ये सूचीबद्ध भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के बताए गए आंकड़े से बाहर बनी हुई है। खैर ही जुलाई 2023 की तुलना में अगस्त महीने में गिरावट देखने को मिली थी। विश्वसनीयता यह है कि जुलाई महीने में खुदरा बिक्री दर (सीपीआई) 7.44 प्रतिशत के स्तर पर थी, जो अगस्त महीने में 6.83 प्रतिशत के स्तर पर थी। लेकिन आरबीआई के ग्रुप (आरबीआई टॉलरेंस बैंड) की बात करें तो सेंट्रल बैंक ने देश में बर्चस्व दर को 2 से 6 प्रतिशत के हिस्से में रखने का लक्ष्य तय किया है।

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जुलाई के थोक अगस्त महीने में सबसे बड़ी हाथ खाद्य वस्तुओं की तिमाही दर (खाद्य मुद्रास्फीति दर) में आई गिरावट का अनुमान था। ये 10 फीसदी से नीचे 9.94 फीसदी पर है, जो जुलाई में 11.51 फीसदी रही थी.

चौथी बार स्थिर रह कर रेपो रेट लगाया जा सकता है
मौजूदा देश में पॉलिसी रेट या रेपो रेट 6.50 फीसदी है और एनालिस्ट जो स्पष्ट रूप से कर रहे हैं उनका कहना है कि इस बार भी रेपो रेट में बदलाव होने की संभावना कम ही नजर आ रही है। यानी आरबीआई लगातार चौथी बार रेपो रेट को स्थिर रख सकता है। डीजेएस साल सेंट्रल बैंक ने एक्स्ट्रीम पर डिस्ट्रिक्ट रेस्टॉक दर को दार्शनिक बनाने के लिए एक के बाद एक कई बार इस दर में बढ़त की थी। मई 2022 में रेपो रेट 4 फीसदी पर था, जो फरवरी 2023 में आते-आते 6.50 फीसदी पर पहुंच गया था. हालाँकि, इसके बाद से ये यथावत रखा गया है।

कच्चे तेल की बोतल का असर हो सकता है
आज से शुरू हो रही एमपीसी की बैठक में अर्थव्यवस्था और सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की गहराई में हो रहे इजाफे को लेकर भी गहन विचार-विमर्श हो सकता है। कच्चे तेल का बाज़ार 10 महीने के उच्च स्तर पर पहुंच गया है। वहीं अमेरिका में आने वाले समय में रेटिंग रेटिंग को लेकर फेड रिजर्व के सख्त रुख को लेकर भी मनमथ होगा। बता दें कि आरबीआई और एमपीसी की बैठक हर 2 महीने में 3 दिन तक चलती है।

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