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Supreme Court News: बहू को तगड़ा झटका, 2006 के प्रोपर्टी मामले में कोर्ट का बड़ा फैसला, सास-ससुर को राहत

Haryana Update: घरेलू हिंसा से महिलाओं की सुरक्षा पर 2005 के कानून को "मील का पत्थर" करार देते हुए जज ने कहा कि घरेलू हिंसा की शिकार महिला का अपने पति के माता-पिता की आम संपत्ति और आवासीय घर पर पूरा अधिकार मिलेगा 
 
 बहू को तगड़ा झटका, 2006 के प्रोपर्टी मामले में कोर्ट का बड़ा फैसला

Supreme Court News: आपको बता दें कि देश की  सुप्रीम कोर्ट ने घरेलू हिंसा अधिनियम के तहत महिलाओं के पक्ष में एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया। कोर्ट ने कहा कि बहू को अपने ससुराल में रहने का पूरा अधिकार है और उसे जबरन ससुराल या संपत्ति से नहीं हटाया जा सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा कि महिलाएं किसी न किसी रूप में हिंसा की शिकार होती हैं, देश में महिलाओं के खिलाफ घरेलू हिंसा जैसे अपराध बड़े पैमाने पर होते हैं.

संपत्ति मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले से जहां ससुराल वालों को राहत मिली, वहीं बहू हैरान रह गई। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने 2006 के फैसले को पलट दिया है

ससुराल की पैतृक और साझी संपत्ति पर हुआ बहू का अधिकार-

सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में साफ कर दिया है कि बहू को अपने ससुराल की पैतृक और साझी संपत्ति में रहने का कानूनी अधिकार(Legal Rights) होगा. साथ ही पति के कमाए पैसों से बने घर पर पत्नी का अधिकार होगा।

सुप्रीम कोर्ट में तीन जजों की बेंच ने एसआर बत्रा और अन्य बनाम तरुण बत्रा के मामले में 2006 के फैसले को पलटते हुए एक नया ऐतिहासिक फैसला सुनाया है।

तीन जजों की बेंच ने लट दिया 2006 के फैसले को 

जस्टिस अशोक भूषण(Justice Ashok Bhushan) की अध्यक्षता वाली तीन जजों की बेंच ने तरुण बत्रा मामले में दो जजों की बेंच के फैसले को पलट दिया.

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घरेलू हिंसा से महिलाओं की सुरक्षा पर 2005 के कानून को "मील का पत्थर" करार देते हुए जज ने कहा कि घरेलू हिंसा की शिकार महिला का अपने पति के माता-पिता की आम संपत्ति (property rights)और आवासीय घर पर पूरा अधिकार है।

घरेलू हिंसा की शिकार महिलाओं को मिली बड़ी राहत-

2006 के तरुण बत्रा केस में दो जजों की बेंच ने कहा था कि बहू अपने पति के माता-पिता की संपत्ति में नहीं रह सकती है। उस दौरान कोर्ट ने कहा था कि पत्नी का अधिकार सिर्फ पति की संपत्ति पर होगा न कि ससुराल की संपत्ति पर।

गुरुवार को फिर मामले की सुनवाई करते हुए तीन जजों की बेंच ने अब फैसला पलट दिया है. कोर्ट ने कहा कि बहू का न केवल पति की अलग संपत्ति पर बल्कि साझा घर पर भी अधिकार है।

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