UP News : बिजली चोरी को लेकर सख्त हुई सरकार, इन 2 जिलो के नाम हुए जारी
पीवीवीएनएल विद्युत लाइन लॉस को कम करने में उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत नियामक आयोग की कठोरताओं और एबीसी केबल के बढ़ते जाल से मदद मिल रही है। एटीएंडसी (एग्रीगेट टेक्नीकल एंड कॉमर्शियल) लॉस के आंकड़ों में इस वर्ष 9.34% की कमी हुई है।
बिजली चोरी के मामले में सहारनपुर और मुरादाबाद अब भी बाकी क्षेत्रों से आगे हैं। लाइन लॉस को दस प्रतिशत से कम करने का लक्ष्य बिजली कंपनियों को आयोग ने दिया है, लेकिन मुरादाबाद और सहारनपुर क्षेत्रों में यह 28.20 प्रतिशत और 25.75 प्रतिशत था।
बिजली चोरी को नियंत्रित करने में मेरठ और गाजियाबाद क्षेत्र सफल रहे हैं। यद्यपि, बागपत जनपद और मेरठ के देहात क्षेत्र में शहर से अधिक बिजली चोरी हो रही है।
राजस्व के चलते राज्य की बिजली चोरी और बकाया बिल भारी घाटे में पहुंच रहे हैं। कंपनियों को बिजली उत्पादन कंपनियों से जितनी एनर्जी मिलती है उतनी बिक्री नहीं होती है। बिजली का एक बड़ा हिस्सा डिस्ट्रब्यूशन लॉस में जाता है, जबकि एक बड़ा हिस्सा टेक्नीकल एंड कॉमर्शियल लॉस में जाता है।
OPS या NPS ? अब बजट स्तर में सरकार लेगी फैसला
AT&C को 10% तक लाने के लिए उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत नियामक आयोग ने दबाव डाला है। पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड लगातार बिजली चोरी को नियंत्रित करने में सफल हो रहा है। AT&C आंकड़ों में वित्तीय वर्ष 2022-23 के आए आंकड़ों में काफी सुधार हुआ है। PVVNL में 2021-22 में 27.26% लाइन लॉस था, लेकिन 2022-23 में 9.34% गिरकर 17.92% हो गया। लेकिन ये अभी भी आयोग के लक्ष्य से बहुत अधिक है।
नोएडा और गाजियाबाद क्षेत्र में सबसे
एक रिपोर्ट के अनुसार, कंपनी के गाजियाबाद और नोएडा क्षेत्रों में सबसे कम लाइन लॉस हो रहे हैं, जबकि मेरठ क्षेत्र में भी सुधार हुआ है। नोएडा क्षेत्र में सबसे कम 7.31% लाइन लॉस है। मेरठ क्षेत्र में 14.10 प्रतिशत और गाजियाबाद क्षेत्र में 9.67 प्रतिशत लाइन लॉस हुए हैं।
यह लाइन लॉस का आंकड़ा है।
जोन (फीसदी में) 2021-22 2022-23 बुलंदशहर 29.81 19.30 गाजियाबाद 11.00 9.67 मेरठ 26.20 14.10 मुरादाबाद 43.14 28.20 नोएडा 7.70 7.31 सहारनपुर 44.00 25.75 पीवीवीएनएल 27.26 17.92
उन्हें बताओ..।
पीवीवीएनएल मेरठ एमडी चैत्रा वी ने बताया कि कंपनी संवेदनशील क्षेत्रों में एबीसी केबल डलवा रही है और लगातार रेड डाली जा रही है, ताकि लाइन लॉस को रोका जा सके। बिजली चोरी करने वालों को कनेक्शन मिल रहे हैं। इससे लाइन लॉस कम होता है। आगे भी ऐसा होगा।