UP News : यूपी के गरीब लोग अब बसो में नहीं कर सकेंगे सफर, जानिए योगी सरकार का बड़ा ऐलान
हाल ही में आई एक रिपोर्ट के अनुसार, उत्तर प्रदेश में रोडवेज बसों का नया किराया लागू होने के छह महीने बाद यात्रियों की संख्या में 7% की कमी आई है। किराया बढ़ाने से पहले प्रति बस यात्री लोड 70% था, लेकिन बाद में घटकर 63% रह गया..।
रोडवेज बसों का किराया बढ़ा तो सफर करने वालों की संख्या घटी। रोडवेज आय इससे प्रभावित हुई। नया किराया लागू होने के छह महीने बाद यात्रियों की संख्या में 7% की कमी हुई है। रोडवेज को इससे पिछले वर्ष की समान अवधि में 77 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। अप्रैल से अक्तूबर के बीच आय की समीक्षा में आश्चर्यजनक तथ्य सामने आए हैं। रिपोर्ट बताती है कि किराया बढ़ाने के बाद यात्रियों की संख्या घटी। रोडवेज की आय भी इससे प्रभावित हुई।
रिपोर्ट में कहा गया है कि कार्यकुशलता की कमी और मिलकर काम करने की कमी ने ऐसी स्थिति को जन्म दिया है। किराया बढ़ाने के बाद प्रति बस यात्री लोड 63% गिर गया था। जीएम संचालन ने यात्रियों और आय को बढ़ाने के लिए एक कमेटी बनाई है। यह कमेटी भी यात्रियों की संख्या कम होने के कारणों को खोजेगी। किराया कम करने के उपायों पर भी विचार करेगा।
नौ नवंबर को MD ने निराशाजनक पत्र भेजा:
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नौ नवंबर 2013 को, नाराज एमडी मासूम अली सरवर ने सभी आरएम और एआरएम को एक पत्र भेजा, जिसमें उन्होंने रोडवेज बसों की खराब आय और व्यवस्था को लेकर नाराजगी व्यक्त की है। साथ ही, उन्होंने सभी अफसरों को चेतावनी दी है कि अगर आगामी महीने में आय में सुधार नहीं हुआ तो कठोर कार्रवाई की जाएगी।
बसों का किराया कब और कितना बढ़ा?
2012 में प्रति किलोमीटर चार पैसे
2013 में प्रति किलोमीटर चार पैसे
2014 में प्रति किलोमीटर 5 पैसे
2016 में प्रति किलोमीटर सात पैसे
2017 में प्रति किलोमीटर नौ पैसे
2020 में 10 पैसे प्रति किलोमीटर
2023 में 25 पैसे प्रति किलोमीटर
MD UPSRTC, मासूम अली सरवर ने कहा कि छह फरवरी से रोडवेज बसों का किराया बढ़ाया गया है। इसके बाद अप्रैल से अक्तूबर के बीच आय का विश्लेषण किया गया है। समीक्षा में आय बढ़ने के बजाए कम पाया गया। इसके अधिकार क्षेत्र में एक अफसर है। सुधार के लिए समय है।