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UP News : विदेशो जैसे बनेंगे यूपी के शहर, इन दोनों का नाम आया बाहर

योगी सरकार उत्तर प्रदेश के दो बड़े नगरों को विकसित करने का एक मास्टर प्लान बना रही है। एनसीआर ने इन दो बड़े नगरों को डेवलेप किया जाएगा। इन दो शहरों की वृद्धि से आसपास के गांवों की भी रूपरेखा बदल जाएगी। 

 
UP News : विदेशो जैसे बनेंगे यूपी के शहर, इन दोनों का नाम आया बाहर 

प्रयागराज और वाराणसी एनसीआर (राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र) की तरह विकसित होंगे। दोनों मंडलों में पर्यटन और औद्योगिक क्षेत्रों का विकास करना होगा। प्रयागराज और वाराणसी में पर्यटन का विकास करना नीति आयोग का लक्ष्य है। सोमवार को प्रयागराज पहुंची वरिष्ठ सलाहकार अन्ना रॉय के नेतृत्व में एक रीजनल डेवलपमेंट अथॉरिटी बनाने की घोषणा की गई है, जो गंगा किनारे दोनों शहर और आसपास के क्षेत्र को एनसीआर की तर्ज पर विकसित करेगा। इसके निर्माण से एनसीआर की तर्ज पर दोनों शहर और आसपास के क्षेत्रों में विकास हो सकेगा।

विकास योजनाओं से जुड़े विभाग के अधिकारियों को योजनाबद्ध विकास के साथ मूलभूत सुविधाओं में पूरी तरह से सुधार करने का आदेश दिया गया है। बैठक में उपस्थित अधिकारियों ने बताया कि टीम ने साफ कर दिया कि सभी विकास कार्य नीति आयोग के मापदंडों के अनुरूप होनी चाहिए। नीति आयोग भी शहर का मास्टर प्लान बनाना चाहिए।

अधिकारियों का कहना है कि योजनाबद्ध विकास प्रयागराज और वाराणसी में नौकरी के अवसरों को बढ़ा देगा। यहां रोजगार की संभावना बढ़ने पर देश के बड़े शहरों से पलायन थम जाएगा। क्षेत्रीय सड़कों के किनारे स्थित गांवों का रूप बदलेगा। नीति आयोग की टीम ने क्षेत्र को एनसीआर की तरह विकसित करने का सुझाव दिया है, ताकि लोगों को यहां से काम खोने से रोका जा सके।

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अधिकारी ने क्या कहा? 

प्रयागराज विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष अरविंद कुमार चौहान ने कहा कि नीति आयोग ने प्रयागराज और वाराणसी क्षेत्र को विकसित करने के लिए कई सुझाव दिए हैं। दोनों क्षेत्रों को विकास कार्यक्रम बनाने के लिए कहा गया। पीडीए एक स्मार्ट नगर बनाएगा। Experts की मदद से योजना बनाएंगे। 

प्रयागराज के नगर आयुक्त चंद्र मोहन गर्ग ने बताया कि नीति आयोग की टीम ने विभागीय अधिकारियों के साथ एक बैठक में प्रयागराज और वाराणसी क्षेत्र को एनसीआर की तरह विकसित करने के लिए कहा है। आयोग के सदस्यों ने क्षेत्र के विकास के लिए त्रिस्तरीय योजना (माइक्रो लेवल, शहर और आसपास के जिले) की बात कही है। बुनियादी सुविधाओं को 2030 तक सुधारने के लिए नगर निगम से अनुरोध किया गया है।

डॉ. पवन जायसवाल, कर एवं वित्त सलाहकार, ने बताया कि क्षेत्र का विकास पिछले एक वर्ष से विचाराधीन था। इस क्षेत्र के लिए आयोग ने एक योजना बनाई है। कार्यदायी एजेंसियों को उसी के अनुसार काम करना होगा। दोनों क्षेत्रों से पलायन रोकने के लिए पर्यटन को बढ़ावा देना होगा और औद्योगिकीकरण भी होगा। भविष्य में वाराणसी और काशी देश का सबसे बड़ा धार्मिक पर्यटन सर्किट बनने जा रहे हैं।

ये करना चाहिए

हर घर में स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था करना
शहरी विकास के लिए माइक्रोप्लान बनाना
आसपास के जिलों का विकास करना।
व्यापारिक हब, शिक्षा और चिकित्सा सुविधाओं के लिए जमीन चिह्नित करना
हरित ऊर्जा का अधिकतम उपयोग
यातायात सुविधा को बढ़ाना
रिंग रोड के आसपास विकसित हाईटेक सिटी
जल परिवहन शुरू करना
रिवर फ्रंट बनाकर पर्यटन को बढ़ाना

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