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UP News : यूपी में जातिगत जनगणना होगी या नहीं ? जानिए योगी सरकार का अहम फैसला

UP News: हाल ही में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, समाजवादी पार्टी ने उत्तर प्रदेश में जातिगत जनगणना पर निरंतर ध्यान दिया है। यूपी विधानसभा में भी सपा नेता लगातार इस मुद्दे पर सवाल उठाते हैं। यही कारण है कि योगी सरकार की स्थिति नीचे खबर में बताई जाएगी। 

 
UP News : यूपी में जातिगत जनगणना होगी या नहीं ? जानिए योगी सरकार का अहम फैसला 
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समाजवादी पार्टी ने उत्तर प्रदेश में जातिगत जनगणना पर अपना पूरा जोर लगाया है। यूपी विधानसभा में भी सपा नेता लगातार इस मुद्दे पर सवाल उठाते हैं। विधानसभा के शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन, सपा विधायक डॉ. संग्राम सिंह यादव ने सरकार से जातिगत जनगणना कराने और 75 प्रतिशत आरक्षण देने की मांग की। सरकार के मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने इसका उत्तर दिया।

डॉ. संग्राम सिंह यादव ने कहा कि जाति व्यवस्था भारत की सच्चाई है। जातियों के कारण सम्मान और अपमान दोनों मिलते हैं। आज भी समाज के कई वर्गों को हिस्सेदारी नहीं मिली है। इसे लेकर देश भर में प्रदर्शन हो रहे हैं। विभिन्न राजनीतिक दल जाति आधारित जनगणना की मांग कर रहे हैं। पिछले सत्र में मैंने जातीय जनगणना को बिहार की तरह किया था। उस समय मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि बिहार का उदाहरण नहीं लिया जा सकता क्योंकि ये केंद्रीय मुद्दा है।

आज मुझे बताने में खुशी है कि बिहार सरकार ने भी जाति के आधार पर जनगणना और सर्वेक्षण किया है। सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार को जाति सर्वेक्षण जारी करने से रोकने से इंकार कर दिया। कोर्ट ने कहा कि हम किसी भी सरकार या राज्य को कोई भी नीतिगत निर्णय लेने से नहीं रोक सकते।

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डॉ. संग्राम सिंह यादव ने पूछा कि क्या उत्तर प्रदेश सरकार यूपी सरकार की तरह जातीय जनगणना करने और 75 प्रतिशत आरक्षण देने पर विचार करेगी?

डॉ. संग्राम सिंह यादव के प्रश्न का जवाब देते हुए सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि लालजी वर्मा जी जानते हैं कि बिहार में जातीय जनगणना नहीं हुई है। इसलिए उन्होंने कहा कि जातीय जनगणना नहीं होनी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने जातीय जनगणना का मुद्दा नहीं उठाया है। डॉ. संग्राम सिंह यादव ने सुप्रीम कोर्ट के आधार पर यहां अपने विचार व्यक्त किए, जो किसी अज्ञात स्रोत से लाया गया था। मैं जानता हूँ कि आप भारतीय संविधान में कितनी आस्था रखते हैं। मुझे लगता है कि आप डॉ. राम मनोहर लोहिया या भारत रत्न डॉ. भीमराव अंबेडकर पर भरोसा नहीं करते क्योंकि दोनों ने कभी भी जाति की बात नहीं की।

उनका कहना था कि जब हम विद्यार्थी थे, डॉ. राम मनोहर लोहिया जी ने हमेशा कहा था कि जाति को छोड़ो, समाज को छोड़ो। डॉ भीम राव अंबेडकर ने कहा कि हम देश में समतामूलक समाज बनाना चाहते हैं, जो भारतीय संविधान में बताया गया है। यही कारण है कि अगर सुप्रीम कोर्ट का फैसला है तो इसे अध्यक्ष जी को भेजना चाहिए। नियमों के विपरीत आप किसी भी कागज पर कुछ लिखकर सदन में प्रस्तुत करें। आपने सुप्रीम कोर्ट की आज्ञा नहीं दिखाई है।

सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि अब जनगणना का सवाल है। भारतीय संविधान का अनुच्छेद 246 कानून बनाने का प्रकार बताता है। भारत की संसद जनगणना कर सकती है, और राज्य ऐसा नहीं कर सकता। यह भी कानून बनाया गया है।