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Booking plan : Flat book करवाने वालों के लिए जरुरी सूचना

Flat Booking: इस त्‍योहारी सीजन में अगर आप फ्लैट बुक (flat book)कराने जा रहे हैं तो क्‍या आपने बुकिंग प्‍लान (booking plan)को समझ लिया है या सिर्फ डेवलपर द्वारा बताए प्लान पर बिना सोचे-समझे अमल करने जा रहे हैं।

 
Booking plan : Flat book करावाने वालो के लिए जरुरी सूचना 

Haryana update: फ्लैट बुक (flat book)करने के बाद आपको कई तरह की समस्‍याओं का सामना करना पड़ सकता है। आइए, जानते हैं कि कौन सा बुकिंग प्लान आपके लिए सूटेबल हो सकता है।

 

 

 

 

 

 

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कंस्ट्रक्शन लिंक्ड प्‍लान(construction linked plan)
फ्लैट की बुकिंग में यह बहुत ही पॉपुलर प्लान है। ज्‍यादातर डेवलपर्स होम बायर्स को यह प्लान ऑफर करते हैं। इस प्लान में फ्लैट की बुकिंग करने पर कंस्ट्रक्शन प्रोग्रेस के अनुसार डिमांड जारी किया जाता है। बुकिंग के समय प्रॉपर्टी की कीमत का 5 से 10 फीसदी भुगतान करना होता है। फिर तीन महीने के अंदर 5 से 10 फीसदी और छह महीने के अंदर 20 फीसदी रकम का भुगतान करना होता है। शेष 60 से 70 फीसदी रकम कंस्ट्रक्शन पूरा होने की रफ्तार पर देना होता है।


किसके लिए बेहतर(better for whom)
रियल एस्टेट विशेषज्ञों का कहना है कि यह प्लान वैसे खरीददारों के लिए बेहतर है जो प्रोजेक्ट पजेशन में देरी होने पर आर्थिक बोझ से बचना चाहते हैं। अगर, प्रोजेक्‍ट देरी से पूरा हो रहा है या कंस्ट्रक्शन रुका हुआ है तो खरीददारों को पैसा उसी अनुसार देना होता है। ऐसे में एक साथ मोटा अमाउंट ब्लॉक होने से बच जाता है।


20:80 प्‍लान(20:80 plan)
यह बुकिंग प्‍लान कंस्ट्रक्शन लिंक्ड प्लान का दूसरा रूप है। इस प्लान में होम बायर को 20 फीसदी रकम बुकिंग के समय देना होता है। इस प्‍लान और कंस्‍ट्रक्‍शन लिंक्‍ड प्‍लान में सिर्फ एक अंतर है कि शेष 80 फीसदी राशि की ईएमआई बिल्डर पजेशन तक भुगतान करता है। बायर को ईएमआई पजेशन के बाद या एक तय समय के बाद देना होता है।

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किसके लिए बेहतर(better for whom)
यह बुकिंग प्लान वैसे बायर को लेना चाहिए जिसके पास सरप्लस मनी नहीं है। वह कुछ पैसे का बंदोबस्‍त डाउनपेमेंट के लिए कर सकता है और फ्लैट की बुकिंग करा सकता है। इस प्‍लान में एक दिक्‍कत यह भी है कि अगर, बिल्डर का कंस्ट्रक्शन रुक जाता है और डेवलपर बैंक से लिए हुए लोन की ईएमआई नहीं चुकाता है तो खरीददार का सिबिल स्कोर खराब होता है। ऐसा इसलिए क्‍योंकि लोन होम बायर को बेस बना कर लिया जाता है।


इंटरेस्ट वेवर प्‍लान(interest waiver plan)
यह प्लान वैसे प्रोजेक्‍ट में ऑफर किए जाते हैं जो रेडी टू पजेशन या कम्पलीट होने वाले होते हैं। डेवलपर खरीददारों को इंटरेस्ट वेवर प्लान 1 से 3 साल के लिए देते हैं। इस प्‍लान में अगर मौजूदा ब्याज दर 7.5 फीसदी है तो कुछ अवधि के लिए ब्याज से राहत दी जाती है।


 

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