EPF Pension का आ गया कैलकुलेटर, ऐसे रखें पेंशन का पूरा हिसाब
Haryana Update. EPFO UAN PENSION: एम्प्लॉइज प्रोविडेंट फंड ऑर्गेनाइजेशन यानी EPFO 1995 में एक नयी पेंशन योजना लेकर आया था। जिसके तहत पीएफ धारक को पेंशन मिलने का प्रावधान भी था। ईपीएफओ (EPFO) ने हाल ही में पेंशन कैलकुलेटर अपनी वेबसाइट पर बनाया है।
जिसके जरिए आप आसानी से अपने पेंशन अमाउंट को कैलकुलेट कर सकते हैं। रिटायरमेंट के बाद आपको कितनी पेंशन मिलेगी? अगर आप ने 50 साल की उम्र से ही पेंशन लेना शुरू कर दी है तो आपको कितनी पेंशन मिलेगी।
बता दें कि ईपीएस कैलकुलेटर का इस्तेमाल वे लोग कर सकते हैं, जिन्हें 1 अप्रैल 2014 या उसके बाद से पेंशन मिलना शुरु हुई। जानिए पूरी प्रोसेस।
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इन आसान स्टेप्स में जानिए पूरी प्रोसेस
1. वेबसाइट पर आपको पेंशन धारक की जन्म तिथि दर्ज करनी होगी। ईपीएफ मेंबर की आयु 1 अप्रैल 2011 को 58 साल पूरी हो चुकी हो यानी इस कैलकुलेटर का इस्तेमाल करने से पहले जन्मतिथि 1 अप्रैल 1953 या इसके बाद की होनी चाहिए।
2. जन्म दिनांक दर्ज करनके के बाद आपको कैलकुलेटर में ज्वॉइनिंग और सर्विस एग्जिट यानी रिटायरमेंट की डेट की डिटेल्स दर्ज करनी होगी।
ईपीएफओ नियम के मुताबिक सर्विस की ज्वॉइनिंग डेट 16 नवंबर 1995 या उसके बाद की डेट होनी चाहिए।
3. इसके बाद आपको एनसीपी डे की संख्या दर्ज करनी होगी। एनसीपी यानी नॉन-कांट्रिब्यूटरी पीरियड, इसका मतलब होता है कि आपको उन दिनों में आय नहीं हुई या कंपनी की तरफ से मेंबर का ईपीएफ कॉन्ट्रिब्यूशन नहीं चुकाया गया है।
इसे आप ऐसे भी समझ सकते हैं कि जिस दिन आप छुट्टी पर होते हैं वो दिन आपका नॉन-कॉन्ट्रिब्यूटरी पीरियड कहलाता है। एनसीपी दो टाइप के है। एनसीपी-1 में आपको 31 अगस्त 2014 तक के एनसीपी डे दर्ज करने होंगे। वहीं एनसीपी-2 में 31 अगस्त 2014 के बाद के एनसीपी डे दर्ज होंगे।
4. ईपीएफओ के मुताबिक अगर कोई सदस्य एक से अधिक जगह पर काम किया है तो वो उन सभी पीरियड को जोड़ सकता है।
इसे आप ऐसे समझें कि अगर आपने दो साल किसी कंपनी में काम किया फिर 3 साल किसी दूसरी कंपनी में काम किया तो ईपीएफओ के मुताबिक आप सर्विस पीरियड में दोनों कंपनी में किया गया काम दर्ज कर सकते हैं।
5. इसके बाद आपको पेंशन शुरू होने की तारीख सिस्टम में दिखाई देगा। वहां उस दिनांक को दर्ज करें जब आपको पहली पेंशन मिली थी।
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6.इसके बाद आपको पेंशन योग्य वेतन लिखा हुआ दिखाई देगा। यहां आप अपना वेतन दर्ज करें। अगर आपकी पेंशन 31 अगस्त 2014 या इससे पहले शुरू हुई है तो पेंशनेबल सैलरी पिछले 12 महीने की एवरेज इनकम होगी और अगर पेंशन इस तारीख के बाद शुरू हुई है तो 60 महीने की एवरेज इनकम।
7. ईपीएफओ के नए नियमों के मुताबिक 31 अगस्त 2014 तक पेंशनेबल आय की अधिकतम सीमा 6500 रुपये थी जो इसके बाद की तारीख के लिए 15 हजार रुपये तक कर दी गई थी यानी कि इस कैलकुलेटर का उपयोग करने के लिए 1 सितंबर 2014 तक 15 हजार रुपये तक और 31 अगस्त 2014 तक अधिकतम आय 6500 रुपये होनी चाहिए।