Post Office की एसी 5 Best Scheme! इनकम टैक्स में देगी तगड़ी छुट
Post Office Best Scheme: हरियाणा सरकार ने लंबी अवधि की बचत को प्रोत्साहित करने डाकघर योजनाएं संचालित करती है. इन योजनाओं के निवेशकों को को 80सी के तहत इनकम टैक्स छूट का लाभ मिलता है. भारतीय डाक निवेशकों के लिए सुरक्षित निवेश विकल्पों की पेशकश करता है. इनकम टैक्स छूट वाली डाकघर योजनाओं में नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट, पीपीएफ, सुकन्या समृद्धि योजना, सीनियर सिटीजंस सेविंग स्कीम्स शामिल हैं.
पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF)
पब्लिक प्रोविडेंट फंड एक प्रकार का फाइनेंशियल प्रोडक्ट है जो अपने उपयोगकर्ता को पर्याप्त धनराशि जमा करने में सक्षम बनाता है. PPF पर वर्तमान में वार्षिक चक्रवृद्धि ब्याज दर 7.1 फीसदी है. इसके अतिरिक्त PPF योजना तीन गुना टैक्स लाभ प्रदान करती है, क्योंकि IT अधिनियम की धारा 80C के अनुसार योजना में अधिकतम 1.5 लाख रुपये का योगदान किया जा सकता है. इस निवेश स्कीम पर मेच्योरिटी राशि पर टैक्स छूट मिलती है.
पोस्ट ऑफिस टर्म डिपॉजिट स्कीम (Term Deposit Account)
डाकघर की ओर से राष्ट्रीय बचत टर्म डिपॉजिट खाता खोलकर निवेश किया जा सकता है. इस योजना में न्यूनतम निवेश राशि 1000 रुपये है और अधिकतम निवेश की कोई सीमा नहीं है. इस योजना के खाताधारकों को सालाना आधार पर 7 फीसदी की ब्याज दर का फायदा मिलता है. 1961 के आयकर अधिनियम की धारा 80सी के टैक्स कटौती का लाभ तहत 5 साल के लिए निवेश पर लागू होता है.
वरिष्ठ नागरिक बचत योजना (SCSS)
60 वर्ष या उससे अधिक आयु का कोई भी सेवानिवृत्त व्यक्ति सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम में निवेश कर सकता है. इस योजना में न्यूनतम निवेश सीमा 1,000 रुपये और अधिकतम निवेश सीमा 15 लाख रुपये है. तीन साल के मेच्योरिटी वाली इस स्कीम को पांच साल तक के लिए रिन्यू भी किया जा सकता है. सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम पर केंद्र सरकार प्रति वर्ष 8 फीसदी ब्याज दर दे रही है. वरिष्ठ नागरिक इस योजना के निवेशक आयकर अधिनियम 1961 की धारा 80C के तहत कर कटौती का दावा कर सकते हैं.
सुकन्या समृद्धि योजना (SSY)
सुकन्या समृद्धि योजना खाता 10 वर्ष से कम उम्र की बालिका के नाम से खोला जा सकता है. 18 साल की होने के बाद बालिका को खाते का स्वामित्व मिल जाता है. इस योजना पर दी जा रही मौजूदा ब्याज दर 7.6 फीसदी है. योजना में शामिल होने के लिए न्यूनतम 250 रुपये की प्रारंभिक राशि जमा की जा सकती है जबकि प्रत्येक वित्तीय वर्ष में अधिकतम 1,50,000 रुपये जमा किए जा सकते हैं. यह योजना वित्तीय बचत के अलावा आयकर अधिनियम 1961 की धारा 80सी के तहत कर छूट प्रदान करती है.