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Ban on Basmati Rice: सरकार का बड़ा फैसला, अब बासमती चावल पर लगेगा बैन किस कारण फैसला लेना पडा, अभी जाने

Ban on Basmati Rice:1200 डॉलर प्रति टन से ज्यादा कीमत पर रोक लगाने की मंजूरी मिल गई है, भारत से गैर-बासमती सफेद चावल का कुल निर्यात 2022-23 में 4।2 मिलियन अमेरिकी डॉलर का था, अभी जाने पूरी जानकारी।
 
Ban on Basmati Rice

Ban on Basmati Rice: चावल को लेकर केन्द्रीय सरकार ने किया एक फैसला साथ ही बासमती चावल को कर दिए बैन इसमें सरकार की तरफ से कुछ हद तक साझेदारी का प्रस्ताव भी दिया गया है, सरकारी सूचना के अनुसार, 1200 डॉलर प्रति टन से ज्यादा कीमत पर रोक लगाने की मंजूरी मिल गई है, बात ये हैं, कि कम दाम पर बासमती चावल नही दिए जाएंगे

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ये शर्त निर्यात के लिए लगाई

रविवार को वाणिज्य मंत्रालय की ओर से इस संबंध में जानकारी शेयर करते हुए कहा गया है कि व्यापार संवर्धन निकाय कृषि व प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (APIDA) को 1,200 डॉलर प्रति टन से नीचे के अनुबंधों को पंजीकृत नहीं करने का निर्देश तत्काल प्रभाव से दे दिया गया है। इसमें बताया गया कि आने वाले समय में एपीडा के चेयरमैन की अगुवाई में इस मामले को लेकर एक समिति का गठन होगा। चावल की खुदरा कीमतों को नियंत्रित करने के प्रयास के तहत केंद्र सरकार घरेलू आपूर्ति को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न प्रकार के कदम उठा रही है।


इस वजह से लिया गया फैसला

गौरतलब है कि Basmati Rice चावल की एक खास क्वालिटी होती है और ये अधिक मात्रा में निर्यात की जाती है। वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, वित्त वर्ष 2022-23 में भारत द्वारा 4।8 अरब डॉलर के मूल्य के 45।6 लाख टन बासमती चावल का निर्यात किया गया था। सरकार की ओर से पहले गैर बासमती और अब बासमती चावल के निर्यात पर ये बैन का फैसला दरअसल, अल नीनो मौसम पैटर्न, मानसून से जुड़ी चिंताओं के मद्देनजर लिया गया है। 


बासमती चावल पर बैन का ये भी कारण

एक और जहां अलनीनो और मौसमी चिंताओं के साथघरेलू उपलब्धता सरकार के इस फैसले के लिए कारण बताया जा रहा है, तो वहीं इस निर्णय के पीछे की एक ओर वजह ये हो सकती है कि बासमती चावल (Basmati Rice) के कॉन्ट्रैक्ट्स में काफी अंतर देखने को मिला है। दरअसल, बासमती चावल का इस माह औसत कॉन्ट्रैक्ट मूल्य 1214 Dollar/MT रहा है। हालांकि कॉन्ट्रैक्ट 359 डॉलर प्रति एमटी की निचली दर पर भी किए गए हैं। जो कि औसत कीमत से काफी कम है। ऐसे में सरकार की ओर से एपीडा को निर्देशित किया गया है कि इस मामले पर चर्चा के बाद इसके गलत इस्तेमाल को रोकने की कोशिश करे।


 बासमती चावल पर भी बैन है 

सरकार ने इससे पहले बीते महीने की 20 जुलाई को गैर-बासमती सफेद चावल के निर्यात पर भी प्रतिबंध लगा दिया था। केंद्र के इस फैसले के बाद उन कई देशों की मुसीबतें बढ़ गईं, जहां सबसे ज्यादा चावल भारत से निर्यात किया जाता है। बता दें देश से निर्यात होने वाले कुल चावल में गैर-बासमती सफेद चावल की हिस्सेदारी करीब 25 फीसदी है। भारत से गैर-बासमती सफेद चावल का कुल निर्यात 2022-23 में 4।2 मिलियन अमेरिकी डॉलर का था, जबकि पिछले वित्त वर्ष यानी 2021-22 में यह 2।62 मिलियन अमेरिकी डॉलर का था। भारत सबसे ज्यादा गैर-बासमती सफेद चावल थाईलैंड, इटली, स्पेन, श्रीलंका और संयुक्त राज्य अमेरिका को निर्यात करता है।
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