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Business Ideas: 100 गज के जगह है तो करे ये बिज़नस शुरू, हो जाओगे मालामाल

हम आपको घर बैठे बिज़नेस  करने का एक आइडिया बता रहे हैं. अगर आपके पास अपनी जमीन है और आप कम निवेश में कारोबार शुरू  करना चाहते हैं तो आप राख की ईंटें बनाने का कारोबार शुरू कर सकते हैं.
 
Business Ideas: 100 गज के जगह है तो करे ये बिज़नस शुरू, हो जाओगे मालामाल 

हम आपको घर बैठे बिज़नेस  करने का एक आइडिया बता रहे हैं. अगर आपके पास अपनी जमीन है और आप कम निवेश में कारोबार शुरू  करना चाहते हैं तो आप राख की ईंटें बनाने का कारोबार शुरू कर सकते हैं. इसके लिए 100 गज जमीन और कम से कम 2 लाख रुपये का निवेश करना होगा. इससे आप हर महीने 1 लाख रुपये और सालाना करोड़ो की कमाई कर सकते हैं.

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हर महीने 3 हजार ईंट बना सकते हैं

इन ईंटों को बिजली संयंत्रों से निकलने वाले राख, सीमेंट और स्टोन डस्ट के मिश्रण से बनाया जाता है. इस कारोबार के लिए निवेश का अधिकतर हिस्सा आपको मशीनरी पर लगाना होगा. इसके लिए इस्तेमाल होने वाली मैन्युअल मशीन को करीब 100 गज की जमीन में लगाया जाता है.
इस मशीन के जरिए आपको ईंट उत्पादन के लिए 5 से 6 लोगों की जरूरत होगी. इससे रोजाना में करीब 3,000 ईंटों का उत्पादन किया जा सकता है. बता दें कि इस निवेश में कच्चे लागत की रकम शामिल नहीं है.


ऑटोमेटिक मशीन से बढ़ते हैं मौके

इस कारोबार में ऑटोमेटिक मशीन का इस्तेमाल कमाई के मौके को बढ़ाता है. हालांकि, इस ऑटोमेटिक मशीन की कीमत 10 से 12 लाख रुपये तक है. कच्चे माल के मिश्रण से लेकर ईंट बनाने तक काम मशीन के जरिए ही होता है. ऑटोमेटिक मशीन के जरिए एक घंटे में एक हजार ईंटों को बनाया जा सकता है, यानी इस मशीन की मदद से आप महीने में तीन से चार लाख ईंटें बना सकते हैं.


सरकार दे सकती है लोन

इस कारोबार को बैंक से लोन लेकर भी शुरू किया जा सकता है. प्रधानमंत्री रोजगार योजना और मुख्यमंत्री युवा स्व-रोजगार के जरिए भी इस कारोबार के लिए लोन लिया जा सकता है. इसके अलावा मुद्रा लोन का भी विकल्प उपलब्ध है. उत्तराखंड और हिमांचल प्रदेश जैसे राज्यों में मिट्टी की कमी के कारण ईंटो का उत्पादन नहीं होता.

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पहाड़ी इलाकों में बेहतर मौके

इसकी वजह से उत्तर प्रदेश, हरियाणा और पंजाब जैसे राज्यों से ईंटें मंगवाई जाती हैं, जिस पर ट्रांसपोर्टेशन का खर्च बढ़ता है. ऐसे में इन जगहों पर सीमेंट और स्टोनडस्ट से बनने वाले यह ईंटों का कारोबार फायदेमंद हो सकता है. पहाड़ी इलाकों में स्टोनडस्ट आसानी से मिलने की वजह से कच्चे माल की लागत भी कम होगी.

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