Health Insurance Index: ईलाज के लिए कमाई का 20% कर देते है खर्च, हेल्थ इंश्योरेंस से अनजान है आधी आबादी, बहुत से लोगो को जाना पड़ता है 10 किलोमीटर दूर
Health Insurance Index: भारत हेल्थ इंडेक्स ने बताया कि टियर-2 और टियर-3 श्रेणियों में रहने वाले लोगों ने औसतन अपनी घरेलू आय का 15 से 20 प्रतिशत मेडिकल पर खर्च किया। एक डिजिटल और बैंकिंग नेटवर्क और एक प्रेस रिलीज के माध्यम से ये आकंड़े सामने आए है।
इंडेक्स का पहला संस्करण भारत के 77वें स्वतंत्रता दिवस पर कंपनी ने जारी किया। साथ ही, देश के प्रमुख डिजिटल और बैंकिंग नेटवर्क ने इस बात पर जोर दिया कि भारत की टियर-2 और टियर-3 आबादी में से केवल 25 प्रतिशत को मॉडर्न हेल्थ देखभाल तक आसानी से पहुँच है।
10,000 से अधिक रिटेल विक्रेताओं की प्रतिक्रियाओं पर आधारित सर्वे ने पाया कि केवल 15 प्रतिशत उत्तरदाताओं को पांच किमी के दायरे में आधुनिक स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध थीं। मेडिकल प्रैक्टिशनर्स ने बताया कि अपने क्षेत्र में केवल 25% लोगों के पास जनरल फिजिशियन तक पहुंच थी। जबकि 92 प्रतिशत ने बताया कि उनके क्षेत्र में कोई विशेषज्ञ हृदय रोग विशेषज्ञ, स्त्री रोग विशेषज्ञ या बाल रोग विशेषज्ञ उपलब्ध नहीं था।
दवा खरीदने के लिए दस किलोमीटर की यात्रा
90% उत्तरदाताओं ने कहा कि यदि कोई व्यक्ति लाइलाज बीमारी से पीड़ित है तो उन्हें इलाज के लिए किसी अलग स्थान पर जाने की जरूरत पड़ती है। PayNearby रिपोर्ट के अनुसार, 85 प्रतिशत लोगों को विशेष दवाएं खरीदने के लिए 10 किलोमीटर से अधिक की यात्रा करनी पड़ती है। विशेष रूप से 52% ने बताया कि उनके पास पांच किमी की दूरी पर एक फार्मेसी है, जो उनकी बुनियादी चिकित्सा की आवश्यकताओं को पूरा करती है।
मेडिकल खर्च
कम्पनी ने यह भी बताया कि केवल 47% प्रतिभागियों के पास थर्मामीटर था। जबकि मात्र 7% के पास बल्ड प्रेशर और शुगर मापने वाले उपकरण थे। 23 प्रतिशत लोगों ने अनौपचारिक कर्ज या उधार पर भरोसा किया ताकि अपने स्वास्थ्य खर्चों को पूरा कर सकें। जबकि 6% ने स्वास्थ्य खर्चों का भुगतान करने के लिए अपनी संपत्ति बेच दी। लेकिन इन खर्चों को कवर करने के लिए 53% की बड़ी संख्या ने अपनी बचत का इस्तेमाल किया।
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कितने लोगों को स्वास्थ्य बीमा है?
साथ ही, सर्वे में टियर-2 और टियर-3 क्षेत्रों में बीमा की कम पहुंच पर ध्यान दिया गया। रिपोर्ट कहती है कि बीमा के बारे में 55 प्रतिशत उत्तर देने वालों ने कभी नहीं सुना। बीमा के बारे में जागरूक लोगों में से केवल 32% ने बीमा का विकल्प किसी समय चुना है। जबकि मात्र 28% व्यक्ति या उनके परिवार के लिए स्वास्थ्य बीमा है। सरकारी या राज्य योजनाओं से 88 प्रतिशत बीमा धारकों ने इसे प्राप्त किया। जबकि निजी बीमा प्रोवाइडर से सिर्फ 10% ने इसे प्राप्त किया है।