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इस 5 लोगों ने सिरफ चाय से कमाए लाखों करोड़ों रुपए, जानिए कैसे

These 5 people earned lakhs of crores of rupees from only tea, know how
 
इस 5 लोगों ने सिरफ चाय से कमाए लाखों करोड़ों रुपए, जानिए कैसे 

Haryana Update. भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा चाय उत्पादक है और भारतीय चाय बोर्ड द्वारा किए गए एक सर्वेक्षण के अनुसार, भारत के कुल घरों में से करीब 88% ने चाय की खपत की सूचना दी है. कुल मिलाकर भारत में कुल आबादी का लगभग 64% हिस्सा चाय पीता है.

 

 

भारत में चाय यानी पानी, चीनी और दूध के साथ चाय का एक मिश्रण है. कई टी-बेस्ड स्टार्टअप के आने से व्यवसाय फल-फूल रहे हैं. इतना ही नहीं, इसी चाय के स्टार्टअप से कई लोग लखपति और करोड़पति बन गए. चलिए हम आपको ऐसे 5 स्टार्टअप के बारे में बताते हैं, जिन्होंने चाय के बिजनेस में लाखों-करोड़ों कमाए.

MBA Chai Wala


अगर आप जीवन में कुछ अलग करने की ठान लें तो कुछ भी असंभव नहीं है. प्रफुल्ल बिलोर (Prafull Billore) एमबीए करना चाहते थे और एक मल्टीनेशनल कंपनी में काम करना चाहते थे. बिलोर हालांकि चाय बेचने के कारोबार में हैं और उनकी कंपनी को एमबीए चाय वाला (MBA Chai Wala) कहा जाता है.

उन्होंने इसे 2017 में शुरू किया था और वित्त वर्ष 2019-20 में 3 करोड़ रुपये का कारोबार किया. प्रफुल्ल जो अब अहमदाबाद में रहते हैं और पूरे देश में 'एमबीए चायवाला' के नाम से मशहूर हैं. बिजनेस इनसाइडर की रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने भोपाल, श्रीनगर, सूरत और दिल्ली सहित 100 से अधिक शहरों में अपने कारोबार का विस्तार किया है और अब साल के अंत तक 100 और जगहों पर फ्रेंचाइजी खोलेंगे. इससे कम से कम 500 लोगों के लिए रोजगार पैदा करने की योजना है.

chaai point


अमूलेक सिंह बिजराल (Amuleek Singh Bijral) द्वारा 2010 में स्थापित चाय प्वाइंट (Chai Point) माउंटेन ट्रेल फूड प्राइवेट लिमिटेड का हिस्सा है. भारत में पहला चाय स्टार्टअप है जो हर दिन 3,00,000 से अधिक कप बेचने का दावा करता है. यहां कामकाजी पेशेवर फ्रेश व गर्म चाय परोसते हैं.

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कंपनी के देशभर में 100 से ज्यादा आउटलेट हैं. अमूलेक सिंह बिजराल ने हार्वर्ड बिजनेस स्कूल से एमबीए की पढ़ाई की है. अमूलेक का कारोबार वित्त वर्ष 2018 में 88 करोड़ रुपये से बढ़कर वित्त वर्ष 2020 में 190 करोड़ रुपये हो गया है. 

chaayos


चायोस सुबह के समय एक स्वस्थ नाश्ते के साथ एकदम गर्मागरम चाय देता है. दो आईआईटीयन नितिन सलूजा और राघव वर्मा द्वारा स्थापित चायोस को 2012 में अपने उपभोक्ताओं को एक ताजा, कस्टम-मेड चाय परोसने के उद्देश्य से बनाया गया था. कंपनी ने साइबर सिटी गुड़गांव में अपना पहला आउटलेट खोला.

अब दोनों 6 शहरों में 190 स्टोर चला रहे हैं और 2022 के अंत तक 100 और जोड़ने की योजना बना रहे हैं. वे मेहमानों को 80,000+ से अधिक कस्टमाइजेशन्स ऑप्शन्स में से अपनी ताज़ा चाय को पर्सनलाइज्ड करने देते हैं.

इसमें हरी मिर्च चाय, और आम पापड़ चाय के साथ-साथ क्विक बाइट, चाट और भोजन जैसी कुछ अनूठी रेसिपी शामिल हैं. स्टेटिस्टा के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2020 में चायोस का राजस्व लगभग 1,000 करोड़ रुपये था.

chaai sutta bar


अनुभव दुबे ने पहले सीए और बाद में यूपीएससी में हाथ आजमाया लेकिन असफल रहे. फिर उन्होंने एक उद्यमी बनने का फैसला किया. 2016 में, दुबे ने अपने दोस्तों आनंद नायक और राहुल पाटीदार के साथ इंदौर में एक गर्ल्स हॉस्टल के बाहर एक चाय-कैफे सीरीज 'चाय सुट्टा बार' खोली.

उन्होंने कुल्हड़ में सबसे पर्यावरण के अनुकूल तरीके से चाय परोसना शुरू किया और धीरे-धीरे अन्य स्वादों जैसे कि अदरक चाय, चॉकलेट चाय, मसाला चाय, इलायची चाय, तुलसी चाय, केसर चाय आदि को अपने मेनू में शामिल किया. एक मध्यमवर्गीय परिवार से आने वाले तीनों को पता चला कि पानी के बाद चाय दुनिया भर में सबसे अधिक पिया जाने वाला पेय है और भारतीय सड़कों पर घूमने के बाद उन्होंने महसूस किया कि चाय की मांग हर जगह है और उन्होंने चाय-कैफे सीरीज शुरू करने का फैसला किया.

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chai thela


पंकज जज द्वारा 2014 में स्थापित चाय ठेला (Chai Thela) देश भर में 35 आउटलेट्स के साथ नौ राज्यों में अपने ग्राहकों के लिए कुछ स्नैक्स के साथ स्वस्थ और घर का बना चाय की किस्में परोसता है.

अपने पहले उद्यम में विफल होने के बाद पंकज जज ने अपना दूसरा उद्यम चाय ठेला की स्थापना तीन दोस्तों - तरनजीत सपरा, पीयूष भारद्वाज और बिश्नीत सिंह से प्राप्त सीड फंड्स के साथ की. 2016 में, नोएडा बेस्ड एक क्विक सर्विस रेस्टोरेंट चेन ने प्री-सीरीज-ए राउंड में माइक्रो-वेंचर कैपिटल फर्म क्वारिज़ोन से 1.5 करोड़ रुपये जुटाए.
 


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