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Business Loan लेने से पहले जान लें जरूरी बातें, वरना नहीं मिलेगा आपको Loan

Business Loan: बैंक आपको कितना बड़ा लोन चाहिए, इसे देखते हुए कॉलेटरल में कोई असेट रखने को कह सकते हैं, जैसे संपत्ति या कोई दूसरा असेट। हां, बैंक ऐसे सामान को कॉलेटरल में लेते हैं। 

 
Business Loan

Haryana Update: बिजनेस लोन के लिए आवेदन करने से पहले आपको कुछ शर्तें जाननी चाहिए, क्योंकि ग्राहक की योग्यता के साथ-साथ दूसरे कई कारक भी प्रभावित होते हैं, जैसे कि आप किसी क्षेत्र में काम कर रहे हैं या किस प्रकार का लोन उत्पाद लेना चाहते हैं। लेकिन बिजनेस लोन के लिए आवश्यक शर्तें क्या हैं? बैंक आपको किन शर्तों पर लोन देते हैं? ये भी जानें। 

बिजनेस मजबूत और पुराना हैं?
बैंक अक्सर देखते हैं कि आपका व्यवसाय कब शुरू हुआ था, कितने सालों से चल रहा है और कितना मजबूत है। आपका ट्रैक रिकॉर्ड, अन्य विवरण व्यवसाय कम से कम 1 से 3 साल पुराना होने पर आपको लोन मिल सकता हैं।

व्यवसाय क्या हैं? 
ये भी महत्वपूर्ण है कि आप किस क्षेत्र या क्षेत्र में काम कर रहे हैं। बैंक देखते हैं कि आपका व्यवसाय किस क्षेत्र से जुड़ा हुआ है, उस क्षेत्र में उसका स्कोप और रिस्क क्या है।

सालाना आय कैसी हैं?
बैंक स्पष्ट रूप से आपको लोन देंगे तभी जब वे निश्चित हैं कि आप इसे समय पर चुकाते रहेंगे। आपके व्यवसाय की आर्थिक स्थिरता और लोन रीपेमेंट की क्षमता इस बात पर निर्भर करेगी कि आप सालाना कितना पैसा कमा रहे हैं। आपका फाइनेंशियल मॉडल, आदि।

क्रेडिट के इतिहास में क्या हैं?
बैंक आपकी पर्सनल क्रेडिट हिस्ट्री को भी देखते हैं और आपके व्यवसाय की क्रेडिट हिस्ट्री को भी देखते हैं। यानी आपने अपने बिजनेस के लिए जो लोन लिया है, उसे कैसे चुकाया है, सब कुछ। नियमित ब्याज चुकाने से आपके लोन को मंजूरी मिलने की संभावना बढ़ सकती है।

व्यापार पत्र सही हैं या नहीं?
बैंक आपसे आपके व्यवसाय से जुड़े फाइनेंशियल रिकॉर्ड और डॉक्यूमेंट्स मांग सकते हैं। लोन की मंजूरी के लिए आपको बैलेंस शीट, प्रॉफिट या घाटा रिपोर्ट, कैश फ्लो रिपोर्ट, बैंक रिपोर्ट, आईटीआर और बिजनेस लाइसेंस जैसे दस्तावेज देने पड़ सकते हैं।

क्या कॉलेटरल होता हैं? 
बैंक आपको कितना बड़ा लोन चाहिए, इसे देखते हुए कॉलेटरल में कोई असेट रखने को कह सकते हैं, जैसे संपत्ति या कोई दूसरा असेट। हां, बैंक ऐसे सामान को कॉलेटरल में लेते हैं जिनकी लागत लोन वैल्यू को पूरा करती है।

Debt-to-Income Ratio 
डेट टू इनकम रेशियो एक महत्वपूर्ण पहलू है। इसका अर्थ है कि आपकी आय और आपके ऊपर कितना कर्ज है या फिर आप लोन लेने के बाद कितना कर्ज होगा। यानी बैंक इस बात की जांच करता है कि आप लोन के अतिरिक्त भार को संभाल सकते हैं या नहीं। लोन को अधिक जल्दी मंजूरी मिलेगी जब डेट टू इनकम रेशियो कम होगा।

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