iPhone 15 Launchs: iPhone 15 को लेकर सामने आई बड़ी खबर, लॉन्चिंग से पहले चीन की तरफ से आई बुरी खबर, ऐपल को लगा भारी झटका
iPhone 15 launch:आपको बता दे कि आने वाले कुछ दिनो के अंंदर आपको ऐपल की iPhone 15 सीरीज लॉन्च होने वाली है. लेकिन वही दूसरी तरफ इसको लेकर चीन की तरफ से काफी बुरी खबरें सामने आ रही हैं. बताया जा रहा है कि चीन ऐपल का बड़ा बाजार और सप्लाई चेन हब माना जाता है.
Haryana Update: आईफोन मेकर ऐपल (Apple) जल्द ही आईफोन 15 (iphone 15) से पर्दा उठाने वाली है. ऐपल हेडक्वार्टर में होने वाले मेगा लॉन्चिंग इवेंट का लोगों को बेसब्री से इंतजार है. परंतु, आईफोन 15 की लॉन्चिंग से पहले ऐपल को चीन में जोर का झटका लगा है.
चीन सरकार ने जहां सरकारी कर्मचारियों के ऐपल फोन यूज करने पर बैन लगा दिया है, वहीं चीनी राष्ट्रवाद के जोर पकड़ने से ऐपल के बॉयकाट की मुहिम भी तेज हो गई है. चीन की कंपनी हुवैई (Huawei) पर अमेरिका में बैन लगने के बाद चीन में ऐपल का बहिष्कार करने की वकालत करने वालों की तादात बढ़ी है. चीन ऐपल के सबसे बड़े बाजारों में से एक है और यहां से कंपनी को उसके कुल रेवेन्यू का लगभग पांचवां हिस्सा आता है.
चीन के सरकारी ऑफिसों में ऐपल आईफोन बैन होने के बाद से ऐपल के शेयरों में गिरावट देखी जा रही है. चीन से न केवल ऐपल को अच्छा-खासा रेवेन्यू मिलता है बल्कि यह उसकी सप्लाई चेन का भी हब है.
जानकारों का मानना है कि चीन और अमेरिका के बीच बढ़ते तनाव और चीन में राष्ट्रवाद की मजबूत होती लहर आने वाले दिनों में ऐपल के लिए कई मुश्किलें खड़ी करेंगी. ऐपल साल 2019 में भी ऐसी ही परिस्थितियों से गुजर चुका है.
बन सकती है 4 साल पहले की तरह परिस्थितियां
ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका और चीन की तकरार की वजह से ऐपल का चीन में व्यापार 2019-20 में भी बुरी तरह प्रभावित हुआ था. चीन में सेल में भारी गिरावट आने के कारण तब नए-नए लॉन्च हुए आईफोन एक्सएस और एक्सआर की की सेल औंधे मुंह गिर गई थी.
तब ऐपल ने चीन-अमेरिका ट्रेड वार और चीन की स्थानीय अर्थव्यवस्था को इसके लिए जिम्मेदार बताया था. लेकिन, कंपनी बोर्ड को भेजे ई-मेल में सीईओ टिम कुक ने माना था कि चीन मे बढ़ते राष्ट्रवाद की वजह से कंपनी की हालत पतली हुई.
अब एक बार फिर चीन में ऐपल में साल 2019 वाली स्थितियां बन रही हैं. आईफोन 15 के लॉन्चिंग के वक्त चीन से आ रही बुरी खबरों ने कंपनी के कान खड़े कर दिए हैं.
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दोनों तरफ के हमले से बन रहे है शिकार
दोनों देशों के बीच तनाव की असल वजह अमेरिका की ओर से चिप इंडस्ट्री से चीन की मोनोपॉली को खत्म करने के प्रयास और चिप में यूज होने वाले कंपोनेंट को चीन तक ना पहुंचने देने के प्रयासों की वजह से बढ़ा है.
वहीं दूसरी ओर चीन ने भी अमेरिकी एयरक्राफ्ट मेकर बोइंग और चिप कंपनी माइक्रोन टेक्नोलॉजी के साथ कई अहम अमेरिकी कंपनियों के शिपमेंट्स पर रोक लगा दी है.चीन की कंपनी हुवैई पर अमेरिकी प्रतिबंधों से चीन की सरकार और लोग बहुत नाराज है. हुवैई चीन में स्मार्टफोन मार्केट में ऐपल का सबसे बड़ा कंपीटिटर है.
ऐपल के बॉयकाट की मुहिम पकड़ रही है जोर
चीन में इस समय अमेरिका के खिलाफ जनभावना काफी बढ़ रही है. चीन में बढ़ते राष्ट्रवाद को जानकार ऐपल के सबसे बड़ी बाधा मान रहे हैं. हाल ही में चीन के गुवान्झाओ शहर में ऐपल स्टोर में भारी भीड़ का एक वीडियो चीनी सोशल मीडिया में वायरल हुआ था.
इस वीडियो पर आए कमेंट बताते हैं कि फिलहाल चीन में राष्ट्रवाद की भावना ऊफान पर है. वीडियो पर कमेंट करने वाले ज्यादातर यूजर्स ऐपल का बहिष्कार कर हुवैई फोन लेने की वकालत कर रहे थे.
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