PILOT: उड़ान के दौरान पायलट नहीं खा सकता कुछ भी, नियम तोड़ने पर भयंकर सजा
स्पाइस जेट ने दो पायलट्स को उड़ान पर जाने से रोक दिया है. दरअसल, दोनों फ्लाइट के दौरान होली सेलिब्रेट करने लिए कॉकपिट में ही गुझिया खा रहे थे.
इस दौरान उन्होंने अपनी कॉफी का मग फ्लाइट डेक के सेंट्रल कंसोल पर रख दिया था. इसकी वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है. अगर थोड़ी सी भी कॉफी छलककर सेंट्रल कंसोल पर गिर जाती तो शॉर्ट सर्किट हो सकता था. उस समय विमान 37 हजार फीट की ऊंचाई पर 975 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से उड़ान भर रहा था. इसके बाद नागरिक विमानन महानिदेशालय ने दोनों पायलट्स की पहचान कर ऑफ रोस्टर कर दिया.
दरअलस, उड़ान के दौरान विमान के कॉकपिट में खाने-पीने की चीजें ले जाने के सख्य कायदे कानून होते हैं. इन नियमों का पालन क्रू मेंबर्स को करना होता है. ये मामला वायरल वीडियो के कारण डीजीसीए के संज्ञान में आया और महानिदेशालय ने तत्काल जांच कर दोनों पायलट्स के खिलाफ डिसिप्लिनरी एक्शन लिया. ये बात सभी जानते हैं कि विमान के पायलट्स पर एकसाथ बहुत से लोगों के जीवन की जिम्मेदारी होती है. उनकी जिम्मेदारी है कि वे विमान में सवार सभी यात्रियों को हर तरह के खतरे से बचाएं. आइए जानते हैं कि पायलट्स को उड़ान के दौरान विमान में खाने-पीने की इजाजत किन-किन वजहों से नहीं होती है.
पायलट्स और उनके फर्स्ट ऑफिसर फूड प्वाइजनिंग के जोखिम के कारण एक जैसा खाना नहीं खा सकते हैं.
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कॉकपिट में भोजन पर पाबंदी क्यों होती है?
जब विमान हवा में होता है तो उसमें सवार सभी लोगों की सुरक्षा की जिम्मेदारी पायलट्स पर होती है. इसलिए ये बहुत ही जरूरी होता है कि चालक दल के सदस्य जरूरत महसूस होने पर आराम करने और ईंधन भरने के लिए ब्रेक लें. लेकिन, कई प्रमुख एयरलाइंस ने कुछ जरूरी कारणों को ध्यान में रखते हुए कॉकपिट कर्मचारियों के भोजन खाने पर प्रतिबंध लगा दिया है. बता दें कि ये सख्त फैसला फ्लाइट और सवार यात्रियों की भलाई के लिए ही लिया गया है. पायलट और फर्स्ट ऑफिसर के खाने को लेकर नियम काफी सख्त होते हैं. बाकी लोग अपना मनपसंद भोजन करने के लिए स्वतंत्र होते हैं. वे विमान यात्रियों को सर्व किया जा रहा खाना भी खा सकते हैं.
पायलट्स और उनके फर्स्ट ऑफिसर फूड प्वाइजनिंग के जोखिम के कारण एक जैसा खाना नहीं खा सकते हैं. दोनों को अलग-अलग तरह का खाना दिया जाता है. मान लीजिए एक भोजन को खाने से एक पायलट को फूड प्वाइजनिंग हो जाती है तो दूसरा को-पायलट वही भोजन नहीं करने के कारण स्वस्थ रहेगा और फ्लाइट को कंट्रोल कर सकेगा. ताजा मामले में दोनों पायलट्स गुझिया खा रहे थे और सेंट्रल कंसोल पर कॉफी के मग रखे थे. बता दें कि पायलट और को-पायलट को अलग-अलग तरह का भोजन देने का नियम कमर्शियल एविएशन के शुरुआती दौर से चला आ रहा है. कई एयरलाइंस आज भी इस नियम को जस का तस लागू करती हैं.
पायलट्स को उड़ान के दौरान हर बार भोजन उपलब्ध कराया जाना जरूरी नहीं है.
क्या घरेलू उड़ान में दिया जाता है भोजन?
पायलट्स को उड़ान के दौरान हर बार भोजन उपलब्ध कराया जाना जरूरी नहीं है. चालक दल आमतौर पर केवल अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के दौरान ही भोजन करते हैं. हालांकि, इसके बाद भी कई चालक दल अपने स्नैक्स लेकर कॉकपिट में पहुंच जाते हैं और फ्लाइट के बाद खाने लगते हैं. बता दें कि पायलट्स का ऐसा करना नियमों का उल्लंघन है. कुछ ऐसे नियम भी हैं, जो सिर्फ अफवाह के तौर पर प्रचारित हैं. एक चालक दल के सदस्य ने बताया कि सभी एयरलाइंस अपनी फ्लाइट अटेंडेंट्स को पैसेंजर्स के साथ डेट पर जाने को मना नहीं करती हैं. कई बड़ी एयरलाइंस की इस तरह की कोई पॉलिसी ही नहीं है.
क्यों बंद कर दी जाती हैं केबिन लाइट्स?
एयरलाइंस की ओर से अपने पायलट्स और फ्लाइट अटेंडेंट्स के बीच अफेयर्स की भी कोई मनाही नहीं होती है. इसके उलट एविएशन सेक्टर में ऐसा होना बहुत ही आम बात मानी जाती है. कई लोगों ने ध्यान दिया होगा कि फ्लाइट के टेक-ऑफ और लैंडिंग के दौरान कर्मचारी केबिन लाइट को बंद करने पर जोर देते हैं. क्या आपने कभी सोचा है कि ऐसा क्यों कराया जाता है. अगर आप सोचते हैं कि विमान के अंदर के माहौल को शांत रखने के लिए ऐसा किया जाता है तो आप गलत हैं. दरअसल, यह एक महत्वपूर्ण सुरक्षा एहतियात है. रोशनी कम करने से न केवल आपात स्थिति में यात्रियों की आईसाइट को एडजस्ट करने में मदद मिलती है, बल्कि इससे निकासी के संकेत भी ज्यादा दिखाई देता है.