Personal Loan को लेकर RBI ने किया अहम बदलाव, ग्राहकों को अब होगी दिक्कत
Haryana Update: RBI की शर्तें व्यक्तिगत लोन के लिए: रिजर्व बैंक ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। अब भारतीय रिजर्व बैंक ने पर्सन लोन, जो बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFC) के लिए असुरक्षित माने जाते हैं, से जुड़े नियमों को और भी कठोर कर दिया है।
सोने और सोने के आभूषणों के एवज में दिए गए कर्ज पर भी यह नियम लागू नहीं होगा। इन कर्जों पर पूरी तरह से रिस्क वेटेज लागू होगा।
पर्सनल लोन की शर्तें
जब व्यक्तिगत लोन को असुरक्षित माना जाता है, तो बैंकों को अधिक रकम देनी होगी। दूसरे शब्दों में, बैंकों को अधिक रिस्क वेटेज से कर्ज देने की क्षमता सीमित होती है।
शक्तिकांत दास ने बताया
रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने हाल ही में कंज्यूमर लोन श्रेणी में कुछ अतिरिक्त लोन की घोषणा की। उनका सुझाव था कि बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्थाओं को अपनी आंतरिक निगरानी प्रणाली को मजबूत करना चाहिए, बढ़ते जोखिमों को नियंत्रित करना चाहिए और अपनी सुरक्षा के लिए उचित उपाय करना चाहिए।
जुलाई और अगस्त में, दास ने प्रमुख बैंकों और बड़े एनबीएफसी के प्रबंध निदेशकों और मुख्य कार्यपालक अधिकारियों के साथ बातचीत के दौरान बैंक उधार पर एनबीएफसी की बढ़ती निर्भरता और उपभोक्ता कर्ज में उच्च वृद्धि का जिक्र किया।
RBI ने नोटिफिकेशन में सूचना दी
आरबीआई ने एक नोटिफिकेशन में कहा कि व्यक्तिगत कर्ज सहित वाणिज्यिक बैंकों (बकाया और नए) के उपभोक्ता कर्ज में जोखिम के संबंध में जोखिम भार बढ़ाने का निर्णय लिया गया है। इसके बाद जोखिम भार को 25 प्रतिशत से 125 प्रतिशत तक बढ़ा दिया गया। यद्यपि, इसमें आवास, शिक्षा, वाहन और सोने-चांदी के आधार पर ऋण शामिल नहीं हैं।
केंद्रीय बैंक ने कर्ज प्राप्तियों पर जोखिम भार को भी 25 प्रतिशत बढ़ाकर 150 प्रतिशत और 125 प्रतिशत कर दिया है।