RBI Loan News : लोन लेने वालों की हो गई मौज, अब अलग से नहीं देनी होगी प्रोसेसिंग फीस
Loan Rules : अगर आप भी कार या घर खरीदने की योजना बना रहे हैं, तो मोनेटरी पॉलिसी में बड़ी राहत मिली है। दरअसल, आपको बता दें कि भारतीय रिज़र्व बैंक ने डॉक्यूमेंटेशन चार्जेस और लोन प्रोसेसिंग चार्जेस पर एक नया निर्णय लिया है..।
Feb 9, 2024, 06:52 IST
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Haryana Update : भारतीय रिजर्व बैंक ने मोनेटरी पॉलिसी में बड़ी राहत दी है अगर आप भी कार या घर खरीदने की सोच रहे हैं। RBI ने लोगों को लोन ईएमआई सस्ती करने के बावजूद रेपो रेट को पहले की तरह 6.5 प्रतिशत पर रख दिया, लेकिन अब लोन लेने वालों को डॉक्यूमेंटेशन, प्रोसेसिंग शुल्क और अन्य चार्जे अलग से नहीं देना होगा। ये सिर्फ उनके लोन के ब्याज में जुड़ेंगे।
आरबीआई लंबे समय से ग्राहकों के लिए लोन और उससे जुड़े प्रणाली को पारदर्शी बनाने का प्रयास कर रहा है। फिर चाहे वह लोन की रिकवरी के लिए नियम बनाए या ब्याज को रेपो रेट से जोड़ दे। अब आरबीआई ने डॉक्यूमेंटेशन चार्जेस और लोन प्रोसेसिंग चार्जेस को लेकर भी ऐसा ही किया है।
लोन प्रक्रिया की लागत अलग से नहीं देनी होगी—
गुरुवार को आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने मौद्रिक नीति की घोषणा की। उन्होंने कहा कि ग्राहक अभी ब्याज के साथ-साथ लोन लेने की शुरुआत में डॉक्युमेंटेशन, प्रक्रिया और अन्य शुल्क देने होंगे। इससे उनके लोन पर अधिक खर्च आता है। अब बैंकों से कहा गया है कि वे अन्य लोन शुल्कों को ब्याज दर में ही जोड़ दें। ताकि ग्राहकों को पता चल सके कि उनके लोन पर वास्तविक ब्याज कितना होगा।
RBI News : RBI ने लोन लेने वालों की कर दी मौज, Key Fact Sheet से मिलेंगे बढ़िया फायदे
बैंकों को आवश्यक महत्वपूर्ण जानकारी की घोषणा देनी होगी—
आरबीआई ने कहा कि ग्राहकों को लोन के साथ मिलने वाले "Key Facts Statements" (KFS) में सभी जानकारी दी जाती है। इसमें डॉक्युमेंटेशन और प्रक्रिया की लागत शामिल हैं। अब आरबीआई ने हर तरह के रिटेल लोन (पर्सनल, कार, ऑटो) और एमएसएमई लोन के लिए इसे अनिवार्य कर दिया है।
2024 की आरबीआई की पहली मोनेटरी नीति पुरानी है। फरवरी 2023 में रेपो रेट का आखिरी बदलाव हुआ था।
आरबीआई लंबे समय से ग्राहकों के लिए लोन और उससे जुड़े प्रणाली को पारदर्शी बनाने का प्रयास कर रहा है। फिर चाहे वह लोन की रिकवरी के लिए नियम बनाए या ब्याज को रेपो रेट से जोड़ दे। अब आरबीआई ने डॉक्यूमेंटेशन चार्जेस और लोन प्रोसेसिंग चार्जेस को लेकर भी ऐसा ही किया है।
लोन प्रक्रिया की लागत अलग से नहीं देनी होगी—
गुरुवार को आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने मौद्रिक नीति की घोषणा की। उन्होंने कहा कि ग्राहक अभी ब्याज के साथ-साथ लोन लेने की शुरुआत में डॉक्युमेंटेशन, प्रक्रिया और अन्य शुल्क देने होंगे। इससे उनके लोन पर अधिक खर्च आता है। अब बैंकों से कहा गया है कि वे अन्य लोन शुल्कों को ब्याज दर में ही जोड़ दें। ताकि ग्राहकों को पता चल सके कि उनके लोन पर वास्तविक ब्याज कितना होगा।
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बैंकों को आवश्यक महत्वपूर्ण जानकारी की घोषणा देनी होगी—
आरबीआई ने कहा कि ग्राहकों को लोन के साथ मिलने वाले "Key Facts Statements" (KFS) में सभी जानकारी दी जाती है। इसमें डॉक्युमेंटेशन और प्रक्रिया की लागत शामिल हैं। अब आरबीआई ने हर तरह के रिटेल लोन (पर्सनल, कार, ऑटो) और एमएसएमई लोन के लिए इसे अनिवार्य कर दिया है।
2024 की आरबीआई की पहली मोनेटरी नीति पुरानी है। फरवरी 2023 में रेपो रेट का आखिरी बदलाव हुआ था।