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RBI की बड़ी कार्रवाई, इन ग्राहकों पर 24 घंटे में लगेगा 5000 रुपये का जुर्माना, जानिए पूरी खबर

Today RBI Update: आपको बता दें, की लोन के पूरे भुगतान या सेटलमेंट के बाद 30 दिनों से अधिक समय तक संबंधित रजिस्ट्री के साथ चार्ज सटिस्फैक्शन फॉर्म दाखिल करने में विफल रहते हैं, जानिए पूरी डिटेल। 

 
Today RBI Update

Haryana Update: आपकी जानकारी के लिए बता दें, की आजकल, होमलोन लेकर घर बनवाना या फ्लैट खरीदना आम है। बैंकों और गैर-बैंकों को लोन के बदले अपनी संपत्ति को पेपर गिरवी के रूप में जमा करना होगा। अक्सर लोग चल संपत्ति या अचल संपत्ति को गिरवी रखते हैं। वहीं, यह भी देखा गया है कि लोन चुकाने के बाद आपने अपनी संपत्ति के दस्तावेज बैंक में जमा कराए हैं, उसे वापस देने में बैंक या गैर-फाइनेंशियल बैंक लगातार देरी करते हैं।

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नियमित शिकायतों के बाद, बैंक रेगुलेटर रिजर्व बैंक ने एक नोटिफिकेशन जारी कर साफ किया कि लोन देने वाली संस्थानों को बैंक का लोन चुकाने के 30 दिन के अंदर चल या अचल संपत्ति के कागजात वापस दिए जाएं। बैंक ऐसा करने में विफल रहे तो हर दिन देरी पर ग्राहक को 5000 रुपये जुर्माना देना होगा। RBI की वेबसाइट पर यह नोटिफिकेशन उपलब्ध हैं।

केंद्रीय बैंक ने कहा कि संपत्ति के दस्तावेज गिरवी रखने के बदले दिए गए लोन को चुकाने के बाद दस्तावेज वापस करने की समय सीमा और स्थान केवल लोन सैंक्शन लेटर में उल्लेख होना चाहिए। भारतीय रिजर्व बैंक इस निर्देश को 1 दिसंबर 2023 से लागू करेगा। भारतीय रिजर्व बैंक ने यह निर्देश कर्ज लेने वाले लोगों की सुरक्षा और कर्ज देने की प्रक्रिया को बेहतर बनाने के लिए दिया है। रिजर्व बैंक ने कहा कि यह दिशानिर्देश फेयर प्रैक्टिस कोड के तहत जारी किए गए हैं। ग्राहक जो लोन लेते हैं, वे या तो नजदीकी शाखा से जाकर अपने दस्तावेज वापस ले सकते हैं या बैंक के अनुसार आसपास के किसी सेंटर से।

आरबीआई के निर्देश क्या हैं
बैंक या एनबीएफसी जैसे रेगुलेटेड एंटीटीज किसी भी रजिस्ट्री में रजिस्टर्ड चार्ज को हटा देंगे और लोन खाते के पूरे भुगतान या भुगतान के 30 दिनों के भीतर सभी ओरिजिनल संपत्ति के दस्तावेजों को जारी करेंगे।

बॉरोअर को उसकी प्राथमिकता के अनुसार मूल चल और अचल संपत्ति दस्तावेजों को या तो उस बैंकिंग शाखा या पोर्टल से लेना होगा, जहां लोन अकाउंट चलाया गया था, या रेगुलेटेड एंटीटीज के किसी अन्य कार्यालय से लेना होगा, जहां दस्तावेज उपलब्ध हैं।

जारी किए जाने वाले लोन सैक्शन लेटर में मूल चल या अचल संपत्ति दस्तावेजों की वापसी की तिथि और स्थान बताई जाएगी।

जब सोल बॉरोअर या ज्वॉइंट बॉरोअर की मौत हो जाती है, तो रेगुलेटेड एंटीटीज के पास कानूनी उत्तराधिकारियों को ओरिजिनल चल या अचल संपत्ति दस्तावेजों की वापसी की एक स्पष्ट प्रक्रिया होगी। रेगुलेटेड एंटीटीज की वेबसाइट पर ग्राहक जानकारी के लिए समान नियम और नियम भी दिखाए जाएंगे।

देरी करने पर दंड
यदि बैंक बॉरोअर पूरा लोन चुकाने के 30 दिन बाद तक मूल दस्तावेज को वापस करने में देरी करते हैं या लोन के पूरे भुगतान या सेटलमेंट के बाद 30 दिनों से अधिक समय तक संबंधित रजिस्ट्री के साथ चार्ज सटिस्फैक्शन फॉर्म दाखिल करने में विफल रहते हैं, तो बैंक को ग्राहकों को देरी के कारणों के बारे में बताना होगा। यदि बैंक या एनबीएफसी देरी करते हैं, तो बॉरोर्स को हर दिन 5,000 रुपये का मुआवजा देना होगा।

बैंकों या एनबीएफसी, आंशिक या पूरी तरह से ओरिजिनल चल या अचल संपत्ति के दस्तावेजों के नुकसान या क्षति के मामले में उधारकर्ता को दस्तावेजों की डुप्लिकेट या प्रमाणित कॉपी प्राप्त करने में सहायता करेंगे, साथ ही इससे जुड़े खर्चों को भी वहन करेंगे। ऐसे हालात में, नियंत्रित एंटीटीज को इस प्रक्रिया को पूरा करने के लिए 30 दिनों का अतिरिक्त समय मिलेगा, और 60 दिनों की पूरी अवधि के बाद डिलेड पीरियड के मुआवजे को कैलकुलेट किया जाएगा। इन निर्देशों के तहत दिया जाने वाला मुआवजा किसी भी अन्य मुआवजे को प्राप्त करने के बारोअर के अधिकारों पर कोई असर नहीं डालेगा, यह अधिकार लागू कानूनों के अनुसार होगा।

लागू कब होगा
1 दिसंबर, 2023 को या उसके बाद रिलीज़ होने वाले ओरिजिनल चल या अचल संपत्ति दस्तावेजों पर ये निर्देश लागू होंगे। राष्ट्रीय आवास बैंक अधिनियम, 1987 की धारा 30ए, भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 45जेए और 45एल, और बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 21, 35ए और 56 ये दिशानिर्देश देते हैं।

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