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Share Market: विदेशी लोगो ने निवेश किये 5 दिन में 21,641 करोड़

पिछले हफ्ते घरेलू शेयर बाजार में काफी तेजी देखने को मिली। इस दौरान विदेशी निवेशकों ने भारतीय बाजार में दो अरब डॉलर से अधिक का निवेश किया। अगले हफ्ते बाजार की चाल को देखें।
 
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Haryana Update, New Delhi: पिछले हफ्ते घरेलू शेयर बाजार में जबरदस्त तेजी देखने को मिली। बीएसई का सेसेंक्स 71,000 अंक के पार चला गया, 1,600 अंक से अधिक की तेजी के साथ। भारतीय बाजार में पांच दिन में विदेशी संस्थागत निवेशकों ने 21,641 करोड़ रुपये (2.6 अरब डॉलर) खरीदारी की। दिसंबर तक, विदेशी निवेशकों ने दलाल स्ट्रीट में लगभग चार अरब डॉलर लगाए हैं। अमेरिका का सेंट्रल बैंक फेड रिजर्व ने अगले वर्ष ब्याज दरों में कमी की घोषणा की है। भारतीय बाजारों में पिछले हफ्ते अविश्वसनीय तेजी रही है। इस दौरान बीएसई लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप 8.55 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 357.78 लाख करोड़ रुपये हो गया।

अधिकांश विश्लेषकों का कहना है कि भारत में निकट भविष्य में पूंजी का प्रवाह जारी रहने की उम्मीद है, क्योंकि दोनों घरेलू और वैश्विक कारक इसे प्रभावित करेंगे। एफपीआई के लिए भारत सबसे अच्छा निवेश स्थान है, जीयोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के प्रमुख निवेश स्ट्रैटजिस्ट वी के विजयकुमार ने कहा। Global Investors आम तौर पर मानते हैं कि भारत में सबसे अधिक संभावनाएं हैं। Emkay Global Financial के कृष्ण कुमार कड़वा ने कहा कि दुनिया भर में ब्याज दरों में गिरावट आने के साथ ही अमेरिका से दूसरे देशों की ओर फ्लो शुरू हो जाएगा, जिससे भारत सबसे अधिक लाभ उठाएगा।

जानकारों का कहना है कि अगले हफ्ते शेयर बाजार वैश्विक रुझान और FPI की गतिविधियों से प्रभावित होगा, क्योंकि घरेलू मोर्चे पर कोई महत्वपूर्ण घटना नहीं होगी। ऊंचे मूल्यांकन की वजह से बाजार में निकट भविष्य में कुछ गिरावट हो सकती है। स्वस्तिका इन्वेस्टमार्ट लिमिटेड के शोध प्रमुख संतोष मीणा ने कहा, "पिछला सप्ताह मुख्य रूप से अमेरिकी फेडरल रिजर्व के नीतिगत घटनाक्रम से प्रभावित था।" अब सभी का ध्यान 19 दिसंबर को जापान बैंक के नीतिगत निर्णय पर है।मीणा ने कहा कि इसके अलावा अमेरिका और चीन के बड़े आर्थिक आंकड़े बाजार की दृष्टि से महत्वपूर्ण रहेंगे, साथ ही कच्चे तेल की कीमतें।

तकनीकी रूप से अत्यधिक खरीद की स्थितियों के कारण बाजार निकट भविष्य में नीचे आ सकता है, मेहता इक्विटीज लिमिटेड के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (शोध) प्रशांत तापसे ने कहा। लेकिन उन्होंने कहा कि बाजार के लिए निकट अवधि की दृष्टि तेजड़ियों की ओर है। विश्लेषकों ने बताया कि सितंबर तिमाही में जीडीपी की 7.6% की वृद्धि, विनिर्माण PMI बढ़कर 56 तक, ब्रेंट कच्चे तेल की कीमत घटकर 76 डॉलर प्रति बैरल तक और एफपीआई (Foreign Portfolio Investment) की लिवाली से बाजार रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया है।

पिछले हफ्ते की स्थिति

पिछले सप्ताह बीएसई सेंसेक्स ने 1,658.15 अंक, या 2.37 प्रतिशत का लाभ प्राप्त किया। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 487.25 अंक, या 2.32 प्रतिशत, बढ़ा। शुक्रवार को सेंसेक्स 71,483.75 के रिकॉर्ड उच्चस्तर पर बंद हुआ, 969.55 अंक या 1.37 प्रतिशत उछलकर। दिन में कारोबार के दौरान यह 1,091.56 अंक (1.54 प्रतिशत) बढ़कर 71,605.76 अंक के अपने सर्वकालिक उच्चस्तर पर पहुंच गया। शुक्रवार को सेंसेक्स 71,000 अंक के पार पहली बार बंद हुआ था। निफ्टी, दूसरी ओर, 27,395 अंक, या 1.29 प्रतिशत, बढ़कर 21,456.65 पर बंद हुआ। दिन में कारोबार के दौरान यह 309.6 अंक (1.46%) बढ़कर 21,492.30 के अपने सर्वकालिक उच्चस्तर को छू गया।

जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, "घरेलू और वैश्विक दोनों मोर्चों से सकारात्मक संकेतकों के कारण बाजार नई ऊंचाई पर पहुंच गया।" रिजर्व बैंक ने मजबूत घरेलू औद्योगिक उत्पादन और विनिर्माण PMI (Purchasing Manager's Index) आंकड़ों के साथ जीडीपी (Gross domestic product) पर सकारात्मक टिप्पणी की वजह से बाजार ऊंचाई पर पहुंचा। अमेरिका में बॉन्ड पर यील्ड के घटने और फेडरल रिजर्व द्वारा 2024 में कई बार नीतिगत दर में कटौती करने के संकेत ने बाजार को बढ़ावा दिया है।उन्होंने कहा कि अल नीनो और उच्च मूल्यांकन की चिंता से निकट भविष्य में बाजार में कुछ "गिरावट" हो सकता है।

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