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खराब CIBIL Score वालों को High Court के फैसले से मिली राहत की साँस

High Court Decision On CIBIL Score Update: आपको पता होगा कि किसी बैंक से लोन लेने के लिए सिबिल स्कोर बेहतर होना अनिवार्य है। छात्रों को अक्सर स्कूल लोन नहीं मिलता क्योंकि उनका CIBIL स्कोर कम है। हाईकोर्ट ने इसके बारे में महत्वपूर्ण टिप्पणी की है। 
 
खराब CIBIL Score वालों को Heigh Court के फैसले से मिली राहत की साँस

Haryana Update: लोन लेना मुश्किल है अगर सिबिल स्कोर कम है। बैंकों और अन्य फाइनेंस कंपनियों को अक्सर सिबिल स्कोर की कमी के कारण लोन देने से मना कर दिया जाता है। इसके परिणामस्वरूप लोगों को जरूरत पड़ने पर धन नहीं मिलता। हाईकोर्ट ने बैंकों को लोन देने से मना करने पर एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। 

जस्टिस पीवी कुन्हीकृष्णन ने बैंकों को फटकार लगाते हुए कहा कि वे छात्रों को कम सिबिल स्कोर के कारण एजुकेशन लोन नहीं दे सकते। उन्होंने बैंकों से कहा कि वे एजुकेशन लोन के आवेदनों को मानवीय ढंग से देखें। यह पीआईएल हाईकोर्ट में विचाराधीन था।  कोर्ट ने कहा कि छात्र देश बनाता है।  सिर्फ सिबिल स्कोर कम होने के आधार पर एक छात्र का एजुकेशन लोन आवेदन रद्द करना गलत है।  इस मामले में बैंकों को मानवीय पहलू पर भी ध्यान देना चाहिए।

ये है पूरी बात।
याचिकाकर्ता छात्र ने दो लोन लिए थे, जिसमें से एक में 16,667 रुपये अतिरिक्त भुगतान हुआ था। नतीजतन, बैंक ने छात्र के लोन खाते पर अतिरिक्त व्यय लगाया। इससे छात्र का CIBIL स्कोर खराब हुआ। इसके बाद, उसे कम सिबिल स्कोर होने के कारण बैंक में एजुकेशन लोन नहीं मिल रहा था। 


रिपोर्ट के अनुसार, ऐसे में छात्र ने हाईकोर्ट में याचिका दायर करके आग्रह किया कि उसे बैंक से तुरंत लोन मिलना चाहिए, नहीं तो वह बड़ी परेशानी में फंस सकता है। यही कारण है कि केरल हाईकोर्ट ने इस मामले में निर्णय दिया कि बैंकों को एजुकेशन लोन सिबिल स्कोर पर नहीं बल्कि छात्र के भविष्य में लोन चुकाने की क्षमता पर देना चाहिए।  


RBI ने सिबिल स्कोर पर नए नियम बनाए
रिजर्व बैंक ने सिबिल स्कोर पर हाल ही में नए नियम लागू किए हैं।  केंद्रीय बैंक (RBI) ने सभी क्रेडिट इन्फॉर्मेशन कंपनियों को निर्देश दिया है कि जब भी कोई बैंक या एनबीएफसी किसी ग्राहक की CIBIL स्कोर (क्रेडिट रिपोर्ट) चेक करता है, तो ग्राहक को इसकी सूचना देनी चाहिए। 
RBI ने CIBIL स्कोर को लेकर कई शिकायतों के बाद यह निर्णय लिया है। रिजर्व बैंक ने कहा कि अगर किसी ग्राहक का ऋण नकार दिया जाता है, तो उसे इसकी वजह बतानी चाहिए। इससे ग्राहक को यह समझना आसान होगा कि किस वजह से उनका अनुरोध खारिज किया गया है। रिक्वेस्ट रद्द करने के कारणों की सूची बनाकर सभी क्रेडिट संस्थाओं को भेजना चाहिए। 


साल में एक बार ग्राहक को पूरी रिपोर्ट दी जाएगी
RBI ने कहा कि क्रेडिट कंपनियों को साल में एक बार मुफ्त पूरा क्रेडिट स्कोर देना होगा। ग्राहकों को अपना पूरा क्रेडिट इतिहास और सिबिल स्कोर मिलेगा।
रिजर्व बैंक ने कहा कि अगर कोई ग्राहक भुगतान करने वाला है तो उसे भुगतान करने से पहले बताना चाहिए। लोन देने वाले संगठनों को SMS या ई-मेल से पूरी जानकारी दें। इसके अतिरिक्त, लोन देने वाली संस्थाएं नोडल अफसर रखें।  नोडल अफसर CIBIL स्कोर (क्रेडिट स्कोर) से जुड़े मुद्दों को हल करेंगे। 


इस दिन ग्राहक की समस्या हल होगी
अगर बैंक और क्रेडिट इन्फॉर्मेशन कंपनी ग्राहकों की शिकायतों को 30 दिन के अंदर नहीं हल करती है, तो उसे प्रतिदिन 100 रुपये का जुर्माना देना पड़ेगा। इसका अर्थ है कि शिकायत की अवधि जितनी अधिक होगी, उतना अधिक जुर्माना देना होगा। लोन बाँटने वाली संस्था को 21 दिन और क्रेडिट ब्यूरो को 9 दिन मिलेंगे। वहीं, अगर बैंक ने 21 दिन में क्रेडिट ब्यूरो को सूचित नहीं किया, तो बैंक दंड देगा।
 

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