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Tomato Price: जानिए क्या है टमाटर की बढती किमतों का कारण, इसकी खेती किसान को बना सकती है अमीर, ज्यादा उत्पादन के लिए करें ये काम

Tomato Price: टमाटर भारतीय रसोई में एक महत्वपूर्ण पदार्थ है। यह सब्जियों को स्वादिष्ट बनाता है और इसे सलाद के रूप में भी खाया जा सकता है। टमाटर की कीमतों में जुलाई से बढ़ोतरी से लोग परेशान हैं। टमाटर की महंगी कीमत ने उन्हें खाने से रोका है।
 
Tomato Price

Tomato Price: टमाटर भारतीय रसोई में एक महत्वपूर्ण पदार्थ है। यह सब्जियों को स्वादिष्ट बनाता है और इसे सलाद के रूप में भी खाया जा सकता है। टमाटर की कीमतों में जुलाई से बढ़ोतरी से लोग परेशान हैं। टमाटर की महंगी कीमत ने उन्हें खाने से रोका है। लेकिन जुलाई से टमाटर की कीमतों में वृद्धि से लोग चिंतित होने लगे। टमाटर की कीमतें तेजी से बढ़ गईं, इसलिए बहुत से लोगों ने टमाटर खाना छोड़ दिया।

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टमाटर की कीमतों में वृद्धि का कारण

भारी बारिश और अच्छी कीमतें नहीं मिलने के कारण टमाटर की कीमतें बढ़ी हैं। किसानों को अधिक बारिश से टमाटर की फसल नष्ट हो जाती है, जिससे कीमतें बढ़ जाती हैं। ऐसे में किसानों को उचित दाम नहीं मिल पा रहा है, जिससे वे घाटे में हैं।

नामांकन-4266: टमाटर की नवीनतम प्रजातियां

नामधारी-4266:  एक उत्सुक टमाटर किस्म है। अन्य किस्मों की तुलना में इसकी उत्पादकता अधिक है, 1300 से 1400 क्विंटल प्रति हेक्टेयर। यह किस्म 45 दिन में तैयार हो जाती है और कीट और बीमारी से मुक्त है। इसकी बुआई की दूरी भी कम होती है, जिससे किसानों को अधिक उत्पादन मिलता है।


नामधारी-4266 की खासियत

नामधारी-4266 टमाटर की निम्नलिखित विशेषताएं हैं:

1300–1400 क्विंटल प्रति हेक्टेयर इसकी उपज है।
यह कम लागत पर उत्पादकता देता है।
यह बीमारियों और कीड़ों से बचता है, जिससे कीमतें घटने से नुकसान कम होता है।
साल में दो बार इसकी खेती करने से किसानों को अधिक मुनाफा मिलता है।


टमाटर की एक नई डायरेक्शन
नामधारी-4266 टमाटर खेती से अधिक लाभ मिल सकता है। यह उन्नत किस्म किसानों को अधिक पैसा कमाने में मदद कर सकती है और मुद्रास्फीति में उनकी टमाटर की मांग को पूरा कर सकती है। टमाटर की इस नवीनतम उन्नत प्रजाति की खेती से किसानों को अधिक मुनाफा मिलेगा और उनकी आर्थिक स्थिति सुधरेगी।

Namadhari-4266 टमाटर की खेती से बहुत से किसानों की आर्थिक स्थिति सुधर सकती है। यह किसानों के लिए बेहतर विकल्प हो सकता है क्योंकि यह अधिक उत्पादक है, अधिक रोग प्रतिरोधक है और कम लागत है। टमाटर की नई विकसित किस्मों की खेती से किसानों की आय बढ़ सकती है और महंगाई के बावजूद टमाटर का उपभोग करना आसान हो जाएगा।

टमाटर का ज्यादा उत्पादन पाने के लिए करें ये काम

भारत में बड़ी मात्रा में टमाटर की खेती की जाती है। टमाटर का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य हैं महाराष्ट्र, बिहार, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, पंजाब, ओडिशा, पश्चिम बंगाल और आंध्र प्रदेश। इन प्रमुख टमाटर उत्पादक राज्यों में किसान एक वर्ष में दो बार टमाटर उगाते हैं। टमाटर की खेती के लिए 20 से 30 डिग्री का मानक तापमान चाहिए।

इसकी खेती काली-लाल चिकनी, रेतीली, चिकनी या दोमट मिट्टी में सफलतापूर्वक होती है। लेकिन मिट्टी से जल निकलता होना चाहिए। वैसे, कहा जाता है कि इसकी खेती के लिए बलुई दोमट मिट्टी सबसे अच्छी है।

सर्दियों में टमाटर की खेती पर अधिक ध्यान देना चाहिए क्योंकि ठंड टमाटर के पौधों को बहुत नुकसान पहुंचाती है। टमाटर की अधिक उपज के लिए दो पौधों के बीच 50 से 60 सेमी की दूरी होनी चाहिए।

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