2000 रुपये के नोट बंद होने का क्या हुआ असर, RBI ने दिए सख्त आदेश
RBI News: कमर्शियल बैंकों के टोटल डिपॉजिट में दो गुना वृद्धि हुई है। 9 फरवरी को बैंकों की रिजर्व करेंसी में ग्रोथ घटकर 5.8 प्रतिशत रह गई, जो एक साल पहले 11.2 प्रतिशत थी।

Haryana Update: आपको बता दें, की 2000 के नोट अब देश में बंद हो चुके हैं। हालाँकि इनकी कानूनी वैधता अभी खत्म नहीं हुई है, लेकिन इनसे खरीदारी करना लगभग असंभव हो गया है। पिछले वर्ष ही आरबीआई ने इन नोटों को वापस लेने की प्रक्रिया शुरू की थी। आरबीआई (RBI on banks and economy) के इस निर्णय से आम जनता से लेकर बैंक और अर्थव्यवस्था पर क्या प्रभाव पड़ा? आरबीआई खुद इसकी जानकारी देता है
आरबीआई ने कहा कि 2,000 रुपए के बैंक नोट को चलन से हटाने का प्रभाव दिखने लगा है। नौ फरवरी को समाप्त सप्ताह में देश में सर्कुलेशन में रहने वाले नोटों की संख्या (करेंसी इन सर्कुलेशन) में ग्रोथ 3.7 प्रतिशत रह गई है, जबकि एक साल पहले 8.2 प्रतिशत थी. नवीनतम आंकड़ों के अनुसार
आसान शब्दों में, करेंसी इन सर्कुलेशन (circulation) का अर्थ चल रहे कुल नोटों और सिक्कों से है। इससे पता चलता है कि जनता के हाथ में कितनी करेंसी है जब बैंकों के पास जमा नकदी घट जाती है।
बैंकों का डिपॉजिट बढ़ा आरबीआई ने कहा कि 2000 रुपए के नोट बंद होने से कमर्शियल बैंकों के टोटल डिपॉजिट में दो गुना वृद्धि हुई है। 9 फरवरी को बैंकों की रिजर्व करेंसी में ग्रोथ घटकर 5.8 प्रतिशत रह गई, जो एक साल पहले 11.2 प्रतिशत थी। इन सर्कुलेशन के साथ-साथ आरबीआई के पास पड़े बैंकों के डिपॉजिट और अन्य जमा भी रिजर्व करेंसी में हैं।
19 मई से 7 अक्टूबर तक की अवधि में, केंद्रीय बैंक ने 2,000 रुपए के नोट चलन से वापस लेने का ऐलान किया। जनता को इसके लिए 30 सितंबर 2023 तक का समय दिया गया था। इसे बाद में 7 अक्टूबर तक बढ़ा दिया गया। बाद में बैंकों में नोट बदलने का कार्य समाप्त हो गया. जनता अब सिर्फ डाक से या आरबीआई के दफ्तरों पर नोट बदल सकती है।
31 जनवरी 2024 तक, 2,000 रुपए के लगभग 97.5 प्रतिशत नोट बैंकिंग प्रणाली में वापस आ गए। अब जनता के पास 8,897 करोड़ रुपए मूल्य के 2,000 रुपए के नोट हैं। 19 मई 2023 को कारोबार समाप्त होने पर 2,000 रुपये के बैंक नोटों का कुल मूल्य 3.56 लाख करोड़ रुपये था।
RBI ने दी जानकारी, ऐसे छपता है 2000 हजार रुपये का नोट, वो भी बिना कागज के