Windfall Tax: कैसे होती है सरकार की कमाई? कितना पड़ता है आम लोगों पर असर?
सरकार ने विंडफॉल टैक्स में मार्च के महीनें में लगातार दूसरी बार बदलाव किया है. जहां 4 मार्च को इसमें इजाफा किया था, वहीं अब कटौती है. वैसे यह टैक्स उन कंपनियों पर लगाया जाता है जो घरेलू क्रूड आॅयल को रिफाइन कर विदेशों में एक्सपोर्ट करते हैं और मोटी कमाई करते हैं.
जिसका फायदा सरकार को होता है. इस टैक्स को कम करने या बढ़ाने का असर आम लोगों नर नहीं दिखाई देता. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर सरकार किस तरह से विंडफॉल टैक्स लगाती है और सरकार को इससे किस तरह से कमाई होती है? आइए आपको भी बताते हैं...
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विंडफॉल टैक्स में कटौती?
केंद्र सरकार ने सोमवार देर रात डॉमेस्टिक क्रूड ऑयल पर विंडफॉल टैक्स को 4,400 रुपये प्रति टन से घटाकर 3,500 रुपये प्रति टन कर दिया. इस बीच, सरकार ने डीजल पर एक्सपोर्ट ड्यूटी को 0.50 रुपये से बढ़ाकर 1 रुपये प्रति लीटर कर दिया. सरकार की ओर से यह बदलाव 21 मार्च यानी आज से लागू हो गया है. वैसे सरकार ने मार्च में विंडफॉल टैक्स में दूसरी बार बदलाव किया है. इससे पहले सरकार ने 4 मार्च को डीजल पर निर्यात शुल्क घटाकर 0.50 रुपये प्रति लीटर और स्थानीय स्तर पर उत्पादित कच्चे तेल पर 4,000 रुपये प्रति टन कर दिया था.
क्यों लगाया जाता है विंडफॉल टैक्स
रूस-यूक्रेन वॉर के कारण तेल की कीमतों में उछाल के बाद पिछले साल 1 जुलाई को विंडफॉल टैक्स पहली बार लगाया गया था. सरकार ने अनिवार्य किया था कि चालू वित्त वर्ष से 31 मार्च तक घरेलू स्तर पर कंपनियां अपने गैसोलीन निर्यात के 50 प्रतिशत और डीजल निर्यात के 30 प्रतिशत के बराबर बिक्री करें. प्राइवेट रिफाइनर रिलायंस इंडस्ट्रीज और नायरा एनर्जी, जो रियायती रूसी सप्लाई के प्रमुख खरीदार हैं, घरेलू बिक्री के बजाय फ्यूल निर्यात को आक्रामक रूप से बढ़ाकर बड़ा मुनाफा कमा रहे थे, इस वजह से इस टैक्स को प्रभावी किया गया था. :
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किस पर कितनी एक्सपोर्ट ड्यूटी
सरकार ने पेट्रोल और एटीएफ प्रत्येक पर 6 रुपये प्रति लीटर (12 डॉलर प्रति बैरल), डीजल पर 13 रुपये प्रति लीटर (26 डॉलर प्रति बैरल), और घरेलू कच्चे तेल पर 23,250 रुपये प्रति टन (40 डॉलर प्रति बैरल) का निर्यात शुल्क लगाया है. दरों की पहली समीक्षा में पेट्रोल पर विंडफॉल टैक्स को खत्म कर दिया गया था. रेवेन्यू सेकेट्री संजय मल्होत्रा ने 4 फरवरी को एक मीडिया रिपोर्ट में कहा था कि सरकार का अनुमान है कि चालू वित्त वर्ष में विंडफॉल टैक्स से लगभग 25,000 करोड़ रुपये की रेवेन्यू मिलेगा.
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क्या हैं क्रूड ऑयल के दाम?
इंटरनेशनल मार्केट में क्रूड ऑयल के दाम में गिरावट देखने को मिल रही है. आंकड़ों के अनुसार ब्रेंट क्रूड ऑयल के दाम 0.75 फीसदी की गिरावट के साथ 73.24 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा है. वहीं दूसरी ओर डब्ल्यूटीआई क्रूड ऑयल के दाम 67.15 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा है. मौजूदा समय में इसमें 0.72 फीसदी की गिरावट देखने को मिल रही है. भारत के वायदा बाजार मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज पर कच्चा तेल 54 रुपये प्रति बैरल की तेजी के साथ 5,586 रुपये प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा है. वैसे कारोबारी सत्र के दौरान क्रूड ऑयल 5,600 रुपये के पार चला गया.