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Killer Daughter: परिवार के प्रति इतनी नफरत कि मां-पिता का गला काटने में भी नहीं कांपे हाथ

Internet Desk: आखिर आकांक्षा उर्फ कोमल में परिवार के प्रति इतनी नफरत क्यों थी कि मां-पिता की गर्दन काटने में उसके हाथ तक नहीं कांपे। इसके पीछे पुलिस मान रही कि आंकाक्षा को जब गोद लिये जाने की बात पता चली तो उसका व्यवहार बदलना शुरू हो गया था।
 
Killer Daughter: परिवार के प्रति इतनी नफरत कि मां-पिता का गला काटने में भी नहीं कांपे हाथ
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Haryana Update: बर्रा-दो में सोमवार की रात पति-पत्नी की हत्या का पुलिस ने पर्दाफाश करते हुए गोद ली बेटी, उसके प्रेमी को गिरफ्तार किया है। उसने प्रेमी के साथ मिलकर हत्याकांड को अंजाम दिया, जिसमें उसका साथ प्रेमी के भाई ने दिया। मुंबई से आरोपित प्रेमी को ट्रांजिट रिमांड पर कानपुर लाने के लिए पुलिस की टीम रवाना हो गई है। गोद ली बेटी है,

 

 

 

पता चला तो बदल गया व्यवहार :

पुलिस आयुक्त ने बताया कि आकांक्षा के प्रेम संबध मूलरूप से जनपद फतेहपुर के थाना बकेवर के गांव शाहजहांपुर के रहने वाले राहुल उत्तम से थे। वह उसकी मौसी का रिश्तेदार है और मिलिट्री इंटेलिजेंस में मुंबई में बतौर असिस्टेंट एंबुलेंस आपरेटर तैनात है। राहुल का भाई रोहित अपराधी प्रवृत्ति का है और पहले भी वाहन चोरी के मुकदमे में 2019 में जेल जा चुका है।

 

 

 

करीब डेढ़ साल पहले आकांक्षा को मालूम पड़ा कि वह मुन्ना लाल की बेटी नहीं है और उसके जैविक पिता मुन्ना लाल के भाई रामप्रसाद हैं तो उसे धक्का लगा। उसके मन में आया कि मां-पिता भाई विपिन को ज्यादा तवज्जो देते हैं। ऐसे में इस परिवार के प्रति उसकी घृणा बढ़ती गई।

 

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संपत्ति की लालच में कराया कत्ल :

आकांक्षा के भाई विपिन का वैवाहिक जीवन खराब चल रहा था, उसे लग रहा था कि अगर ऐसा ही रहा तो प्रापर्टी पर उसका कब्जा हो जाएगा। मगर भाई पहले पत्नी को तलाक देकर दूसरी शादी की तैयारी कर रहा था। ऐसे में राहुल और रोहित के साथ मिलकर आकांक्षा ने अपने मां बाप की हत्या कर भाई को फंसाने की साजिश रची। साजिश के अनुसार मां और पिता को मारकर भाई को नींद की हालत में जहर देकर मार देंगे और उसे आत्महत्या का रूप दिखाएंगे।

ऐसे रची गई हत्याकांड का कहानी :

राहुल ने मुंबई में बैठकर कहानी बुनी। अपने एक साथी के हाथों रामादेव फ्लाईओवर पर नशे की गोलियां रोहित को दी। रोहित के मुताबिक, उस बाइक सवार ने उसे पीले रंग की गोलियों के दस पत्ते दिए, जिसमें अल्फा लिखा हुआ था। यह दवाएं उसने आकांक्षा को दे दी। उसने इन गोलियों को जूस में मिलाकर मां बाप और भाई को दे दिया।

 

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सभी बेहोश होकर सो गए तो रात करीब पौने एक बजे वाट्सअप काल कर आकांक्षा ने रोहित को बुला लिया। इसके बाद दोनों ने मिलकर मुन्नालाल व राजदेवी का कत्ल किया। वृद्ध मां-पिता ने कुछ विरोध किया तो आकांक्षा की एक अंगुली धारदार हथियार से कट गई। दोनों की हत्या करने के बाद वह छत पर सो रहे विपिन को जहर पिलाकर मारने का प्रयास किया, ताकि आत्महत्या की कहानी गढ़ी जा सके।

 

हालांकि, उसके हिलने-डुलने व पड़ोस की छत पर तीन अन्य लोगों के सोने की वजह से इरादा बदल दिया। इसके बाद वह लोग नीचे उतर आए और आलाकत्ल व खून से सने कपड़े बैग में रखकर रोहित वहां से चला गया। इसके बाद आकांक्षा ने सभी को जगाया और तीन लोगों की कहानी सुनाई।

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