Energy system: भारत के लिए तो सबसे बड़ी चिंता चीनी हाइपरसोनिक मिसाइल
Haryana Update: ये भारत के लिए तो सबसे बड़ी चिंता की बात है ही, इसके साथ ही भारत के रणनीतिक पार्टनर अमेरिका के लिए भी ये चिंता की बात है। अमेरिका को डर है, कि चीनी हाइपरसोनिक मिसाइलें (Chinese hypersonic missiles) उसकी सेना को गंभीर नुकसान पहुंचा सकते हैं, क्योंकि हाइपरसोनिक मिसाइलों को हवा में ही मार गिराना मौजूदा टेक्नोलॉजी के साथ संभव नहीं है।
ऐसा इसलिए, क्योंकि हाइपरसोनिक मिसाइलों की रफ्तार इतनी ज्यादा होती है, कि मौजूदा रडार सिस्टम (radar system) उसे डिटेक्ट नहीं कर सकते हैं और अगर रडार ने डिटेक्ट भी कर लिया, तो उसके पास इतनी क्षमता नहीं है, कि वो वक्त रहते उन मिसाइलों को मार सके, लिहाजा अब अमेरिका उन चीनी हाइपरसोनिक मिसाइलों से अपनी और अपने सहयोगी देशों की रक्षा के लिए Directed Energy Weapon तैयार कर रहा है, जो भारत के लिए खुश करने वाली खबर है।
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अमेरिकन नेवी ने जताई गंभीर चिंता-American Navy expressed serious concern
चीन और रूस के हाइपरसोनिक मिसाइलों को लेकर अमेरिकी नेवी के शीर्ष एडमिरल (Top Admiral of the US Navy) ने गहरी चिंता जताई है और उन्होंने कहा है कि, चीन और रूस जिस रफ्तार से अपनी हाइपरसोनिक टेक्नोलॉजी को आगे बढ़ा रहे हैं, वो अमेरिका की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण चिंता है। अमेरिकी नौसेना के ऑपरेशन प्रमुख एडमिरल माइकल गिल्डे (US Navy Chief of Operations Admiral Michael Gilday) ने इस हफ्ते कहा है, कि चीन और रूस की हाइपरसोनिक मिसाइलें अमेरिकन नेवी के युद्धपोत को गंभीर नुकसान पहुंचा सकते हैं, लिहाजा, इस खतरे को नष्ट करने के लिए हाई एनर्जी वाले लेजर या हाई पावर वाले माइक्रोवेव का उपयोग करने वाली प्रणाली विकसित करना नौसेना के लिए सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि, "रक्षात्मक दृष्टिकोण से, हम खतरे पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। और हम इसे अनदेखा नहीं कर रहे हैं।"
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हाइपरसोनिक मिसाइलों की स्पीड-speed of hypersonic missiles
हाइपरसोनिक मिसाइलें आवाज की रफ्तार से पांच से 6 गुना ज्यादा रफ्तार से ट्रैवल करती हैं और अमेरिकी डिफेंस सिस्टम (american defense system) के लिए एक अनूठी चुनौती हैं। हाइपरसोनिक मिसाइलें, पारंपरिक मिसाइलों की तुलना में काफी ज्यादा तेजी से उड़ान भरते हैं और वे प्रेडिक्टेबल ट्रैजेक्टरी पर बैलिस्टिक मिसाइलों (Ballistic Missiles on Predictable Trajectory) की तरह नहीं उड़ते हैं, जिससे उनका पता लगाना और उन्हें हवा में ही मार गिराना काफी ज्यादा मुश्किल हो जाता है। इन्हीं खतरों को देखते हुए अमेरिकी नौसेना के शीर्ष अधिकारी ने कहा कि, रूस और चीन जैसे विरोधियों ने हाइपरसोनिक हथियारों में प्रगति की है। वे एक महत्वपूर्ण चिंता का विषय हैं। आपको बता दें कि, रूस ने यूक्रेन युद्ध में अपनी हाइपरसोनिक किंजल मिसाइल (hypersonic kinjal missile) का इस्तेमाल किया है, जबकि चीन ने पिछले साल हाइपरसोनिक ग्लाइड वाहन का परीक्षण किया था।