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Muslim community: मुस्लिम समुदाय को किया जा सकता हैं सामाजिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़ा घोषित,जानिए पूरा मामला

supreme court:देश की सर्वोच्च अदालत में इस बात पर बहस शुरू हुई है कि भारत में मुस्लिम समुदाय को सामाजिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़ा घोषित किया जा सकता है या नहीं. क्या संविधान के अनुच्छेद 15 और 16 के तहत मुसलमानों को एक समुदाय के रूप में सामाजिक और शैक्षिक रूप से पिछड़ा घोषित किया जा सकता है?
 
Muslim community: मुस्लिम समुदाय को किया जा सकता हैं सामाजिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़ा घोषित,जानिए पूरा मामला 

Haryana update: ये निर्धारित करने के लिए सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court)में याचिका लगाई गई थी. Supreme Court की पांच जजों की संविधान पीठ ने इस मामले पर सुनवाई शुरू की है. इस बेंच की अध्यक्षता नए CJI UU Lalit कर रहे हैं. उनके अलावा जस्टिस दिनेश माहेश्वरी, जस्टिस एस रवींद्र भट, जस्टिस बेला एम त्रिवेदी और जस्टिस जेबी पारदीवाला इस Constitution Bench के सदस्य हैं.

 

 

 

 

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3 पेज का सबमिशन देंगे पक्षकार(Parties to submit 3 page)

जस्टिस यूयू ललित देश के 49वें मुख्य न्यायाधीश हैं. नए चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया ने मंगलावर, 30 अगस्त 2022 को पद संभाला है. कार्यभार संभालते ही सीजेआई यूयू ललित ने टॉप कोर्ट की कार्यवाही तेज कर दी है. मुस्लिम समुदाय को सामाजिक और शैक्षणिक पिछड़ा घोषित करने की मांग वाली याचिका पर CJI ने सभी पक्षकारों से तीन पेज का सबमिशन देने के लिए कहा है. उन्होंने कहा कि सभी को अपनी बहस तय समय में पूरी करनी होगी.

CJI जस्टिस ललित ने कहा कि संविधान पीठ के सामने आज मामलों को लिस्ट करने का उद्देश्य ये है कि हम यह तय करना चाहते हैं कि इन मामलों की सुनवाई किस तरह होगी? कितना समय लगेगा?

EWS कोटा पर भी सुनवाई(Hearing on EWS quota also)

कोर्ट में ईडब्ल्यूएस कोटा मामले की संवैधानिक वैधता को लेकर भी सुनवाई होने वाली है. सीजेआई यूयू ललित की पांच जजों की बेंच इसकी सुनवाई करेगी. यह सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ द्वारा सुना जाने वाला पहला मामला होगा.

मंगलवार को उन मामलों की लिस्टिंग की गई है जिनपर ये बेंच सुनवाई करेगी. केस प्रबंधन को लेकर 6 सितंबर को प्रारंभिक सुनवाई होगी. फिर 13 सितंबर से सुनवाई शुरू होगी.

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CJI ने कहा कि एक मामले का एक हफ्ते के तीन कार्य दिवसों में निपटारा करना होगा. अगर ऐसा नहीं है तो मामलों को सूचीबद्ध नहीं किया जा सकता है. सभी मामलों को अक्टूबर के पहले सप्ताह से पहले लपेटना होगा.

उन्होंने कहा कि 14 मामलों में हम प्रत्येक के लिए एक नोडल वकील (nodal lawyer)नियुक्त करेंगे. नोडल वकील (nodal lawyer)को समय लेने के बारे में सूचित करना होगा ताकि अगले मंगलवार के बाद मामले सुन सकें. सुप्रीम कोर्ट ने वकील शादाब फरास्त, महफुज नजकी, कनु अग्रवाल, नचिकेता जोशी को नोडल सलाहकार के रूप में नियुक्त किया गया.

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